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Chandrayaan-3 के लैंडर ने ली चांद और धरती की तस्वीरें... आ गईं नई Photos

Chandrayaan-3 ने कल पूछा था कि फोटो भेजूं क्या? आज उसने भेज भी दी. चंद्रयान-3 में लगे कैमरे बेहद ताकतवर हैं. लॉन्च के बाद लैंडर के एक कैमरे ने पृथ्वी की तस्वीर ली. फिर चांद के ऑर्बिट में जाते समय दूसरे कैमरे ने चांद की सतह की तस्वीरें लीं. आज आप धरती और चंद्रमा की पहली तस्वीरों को देखिए.

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बाएं लैंडर के कैमरे से ली गई धरती की तस्वीर, दाहिने चांद के ऑर्बिट में जाते समय उसके सतह की फोटो. (सभी फोटोः ISRO)
बाएं लैंडर के कैमरे से ली गई धरती की तस्वीर, दाहिने चांद के ऑर्बिट में जाते समय उसके सतह की फोटो. (सभी फोटोः ISRO)

14 जुलाई 2023 को GSLV-Mk3 रॉकेट से चंद्रयान-3 ने उड़ान भरी. जब चंद्रयान-3 अंतरिक्ष में पहुंचा तब उसके लैंडर पर लगे लैंडर इमेजर (एलआई) कैमरे (Lander Imager - LI) ने धरती की तस्वीर ली. नीली धरती के ऊपर सफेद बादलों की चादर बिछी हुई दिख रही थी. कल ही चंद्रयान-3 ने पूछा था कि क्या और फोटो भेजूं?

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इसके बाद 5 अगस्त को जब चंद्रयान-3 चंद्रमा की कक्षा में गया तब उसके लैंडर के ही दूसरे कैमरे यानी लैंडर होरिजोंटल वेलोसिटी कैमरा (Lander Horizontal Velocity Camera- LHVC) ने चांद के सतह की तस्वीर ली. इसमें LI कैमरे को गुजरात में मौजूद स्पेस एप्लीकेशन सेंटर (SAC) ने बनाया है. 

Earth Image By Chandrayaan-3

LHVC को बेंगलुरु के लेबोरेट्री फॉर इलेक्ट्रो-ऑप्टिक्स सिस्टम्स (LEOS) ने बनाया है. LHVC असल में लैंडर के निचले हिस्से में लगा है. वह जमीन की हिस्से की तस्वीर लेता है. वह भी गति में. ताकि लैंडर के उतरने और हेलिकॉप्टर की तरह हवा में तैरते रहने की गति पता चल सके. साथ ही खतरों का अंदाजा हो सके.

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अभी चांद के तीसरे ऑर्बिट में घूम रहा चंद्रयान-3

फिलहाल चंद्रयान-3 चांद की तीसरी कक्षा में घूम रहा है. उसकी ऑर्बिट 174 km x 1437 km है. 5 अगस्त 2023 को जब चंद्रमा की पहली कक्षा में चंद्रयान-3 पहुंचा था. तब उसने चांद की पहली तस्वीरें जारी की थीं. तब चंद्रयान-3 चांद के चारों तरफ 1900 किलोमीटर प्रति सेकेंड की गति से 164 x 18074 KM के अंडाकार ऑर्बिट में यात्रा कर रहा था. जिसे बाद में 6 अगस्त को घटाकर 170 x 4313 km की ऑर्बिट में डाला गया था. 

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Moon Image By Chandrayaan-3

चंद्रयान-3 की कितनी यात्रा बाकी 

14 अगस्त 2023: सुबह पौने बारह बजे से 12:04 बजे तक चौथी कक्षा बदली जाएगी.
16 अगस्त 2023: सुबह 8:38 बजे से 8:39 बजे के बीच पांचवीं कक्षा बदली जाएगी. यानी सिर्फ एक मिनट के लिए इसके इंजन ऑन किए जाएंगे.  
17 अगस्तः चंद्रयान-3 के प्रोपल्शन और लैंडर मॉड्यूल अलग होंगे. इसी दिन दोनों मॉड्यूल चंद्रमा के चारों तरफ 100 km x 100 km की गोलाकार ऑर्बिट में होंगे. 
18 अगस्त 2023: दोपहर पौने चार बजे से चार बजे के बीच लैंडर मॉड्यूल की डीऑर्बिटिंग होगी. यानी उसकी कक्षा की ऊंचाई में कमी लाई जाएगी. 
20 अगस्त 2023: चंद्रयान-3 के लैंडर मॉड्यूल की रात पौने दो बजे डीऑर्बिटिंग होगी. 
23 अगस्त 2023: लैंडर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास लैंड करेगा. सबकुछ सही रहेगा तो पौने छह बजे के करीब लैंडर चांद की सतह पर उतरेगा. 

Chandrayaan-3 in Moon Third Orbit

चंद्रमा पर मौजूद गड्ढों से बचाएंगे ये कैमरे

चंद्रमा पर करीब 14 लाख गड्ढे हैं. 9137 से ज्यादा क्रेटर की पहचान की गई है. 1675 की तो उम्र भी पता की गई है. लेकिन वहां हजारों गड्ढे हैं. जिन्हें इंसान देख भी नहीं पाया है. क्योंकि उसके अंधेरे वाले हिस्से में देखना मुश्किल है. ऐसा नहीं है कि चांद की सतह पर मौजूद गड्ढे सिर्फ इम्पैक्ट क्रेटर हैं. कुछ ज्वालामुखी विस्फोट की वजह से भी बने हैं. करोड़ों साल पहले. सतह पर उतरते समय LI और LHVC लैंडर को इन गड्ढों और पत्थरों से टकराने या गिरने से बचाएंगे. इनकी तस्वीरों के आधार पर ही चंद्रयान-3 का लैंडर सतह पर उतरेगा. 

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