ISRO ने अब तक 61 सालों में 34 देशों के 424 सैटेलाइट्स को लॉन्च किया है. दुनिया की नंबर एक स्पेस एजेंसी है, जो कॉमर्शियल लॉन्चिंग की बादशाह है. इसके बावजूद इसरो की हर लॉन्चिंग सफल नहीं होती. चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) की लॉन्चिंग विंडो 12 से 19 जुलाई है. संभवतः 13 जुलाई 2023 की दोपहर ढाई बजे लॉन्चिंग होगी. लेकिन क्या ये तारीख इसरो के लिए सफलता लेकर आएगी?
इसरो 123 स्पेसक्राफ्ट मिशन, 91 लॉन्च मिशन, 424 विदेशी सैटेलाइट्स, 15 स्टूडेंट सैटेलाइट्स, 2 री-एंट्री मिशन, तीन भारतीय प्राइवेट सैटेलाइट्स लॉन्च कर चुका है. इन्हें आपस में जोड़ा नहीं जा सकता. क्योंकि लॉन्च मिशन के साथ ही स्पेसक्राफ्ट और सैटेलाइट मिशन होते हैं. इसरो ने देश के लिए कुल 123 सैटेलाइट लॉन्च किए हैं. जिनमें संचार, आपदा प्रबंधन, इंटरनेट, रक्षा, मौसम और शिक्षा जैसे विभिन्न क्षेत्रों को सेवाएं देने वाले उपग्रह हैं.
ISRO के इतिहास में 13 जुलाई को दूसरी लॉन्चिंग
चंद्रयान-3 अगर 13 जुलाई 2023 की दोपहर 2.30 बजे छोड़ा जाता है, तो इस तारीख में इसरो की दूसरी लॉन्चिंग होगी. इससे पहले 13 जुलाई 1988 में SROSS की लॉन्चिंग की थी, जो फेल हो गई थी. यह एक निगरानी सैटेलाइट था, जिसे ASLV-D2 से लॉन्च किया गया था.
कितनी करें जुलाई-अगस्त महीने में सफलता की उम्मीद?
35 साल पहले 13 जुलाई 1988 को इसरो ने SROSS की लॉन्चिंग की थी, जो फेल हो गई थी. इसरो संभवतः फिर इसी तारीख को यानी 13 जुलाई 2023 की दोपहर चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग कर रहा है. इसरो के लिए जुलाई और अगस्त का महीना कभी भी लॉन्चिंग के हिसाब से बहुत सही नहीं रहा है. सक्सेस रेट कम रहा है. इसरो ने 1975 से अब तक जुलाई 11 लॉन्चिंग हुई हैं. अगस्त में 08 लॉन्चिंग हुई है. जुलाई महीने में तीन लॉन्चिंग फेल हुई थी.
पहली- 10 जुलाई 2006 को इनसैट-4सी, दूसरी - 22 जुलाई 1988 को इनसैट-1सी और तीसरी - 13 जुलाई 1988 को एसआरओएसएस की लॉन्चिंग फेल हुई थी. यानी सक्सेट रेट करीब 72.72 फीसदी रही. वहीं अगस्त में 8 लॉन्चिंग में से तीन लॉन्चिंग विफल रही हैं. ये विफल लॉन्चिंग थीं - 10 अगस्त 1979, 31 अगस्त 2017 और 12 अगस्त 2021 को. यानी सक्सेस रेट 62.5 फीसदी.
इन महीनों में इसरो को 100% सफलता
जनवरी, फरवरी, मई, अक्टूबर और नवंबर में लॉन्चिंग करने पर इसरो को 100 फीसदी सफलता मिलती है. इसरो ने 44 साल में यानी 1975 से अब तक अलग-अलग वर्षों में जनवरी महीने में 10 स्पेसक्राफ्ट मिशन किए, सभी सफल रहे. इसी तरह फरवरी में 9, मई में 10, अक्टूबर में 7 और नवंबर में 11. ये सभी 100 फीसदी सफल रहे.
इन महीनों में सक्सेस रेट 87 से 90%
मार्च, अप्रैल, जून, सितंबर और दिसंबर में इसरो को 87 से 90 फीसदी सफलता मिली है. अलग-अलग वर्षों में मार्च महीने में इसरो ने कुल 8 स्पेसक्राफ्ट लॉन्च किए. इनमें से एक 24 मार्च 1987 को फेल हो गया था. सक्सेस रेट रहा 87.5%. जून महीने में 9 लॉन्चिंग हुई लेकिन 4 जून 1997 की लॉन्चिंग फेल रही. यानी सक्सेस रेट है 88.88%.
दिसंबर महीने में इसरो ने 11 लॉन्चिंग की. लेकिन 25 दिसंबर 2010 को की गई लॉन्चिंग फेल हो गई. सक्सेस रेट 90.90% रही. सितंबर महीने में इसरो ने 11 लॉन्चिंग की. इनमें से 20 सितंबर 1993 को की गई लॉन्चिंग फेल हो गई. सक्सेस रेट 90.90% रहा है. अप्रैल महीने में इसरो ने सबसे ज्यादा 16 लॉन्चिंग की हैं. इनमें से अब तक 10 अप्रैल 1982 की लॉन्चिंग फेल रही.