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चीन ने रचा इतिहास... अमेरिका, एलन मस्क, जेफ बेजोस को पीछे छोड़कर लॉन्च किया नया रॉकेट

चीन ने पहली बार मीथेन-लिक्विड से चलने वाले रॉकेट का सफल परीक्षण किया है. यानी मीथेन-लिक्विड ऑक्सीजन रॉकेट. इसी के साथ उसने अपने चिर-विरोधी अमेरिका को पीछे छोड़ दिया है. हो सकता है कि भविष्य में इसी तरह के रॉकेट का इस्तेमाल किया जाए. जानिए चीन कैसे अमेरिका से आगे बढ़ा?

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ये है वो रॉकेट जो मीथेन-लिक्विड ऑक्सीजन ईंधन से लॉन्च किया गया है. (फोटोः रॉयटर्स)
ये है वो रॉकेट जो मीथेन-लिक्विड ऑक्सीजन ईंधन से लॉन्च किया गया है. (फोटोः रॉयटर्स)

चीन की एक निजी कंपनी ने आज यानी 12 जुलाई 2023 को दुनिया का पहला ऐसा रॉकेट लॉन्च किया है. जो मीथेन-लिक्विड ऑक्सीजन रॉकेट है. अमेरिका भी ऐसा रॉकेट बनाने का प्रयास कर रहा था लेकिन बाजी चीन मार ले गया. चीन ने यह रॉकेट उत्तर-पश्चिम चीन के जियुकुआन सैटेलाइट सेंटर से सुबह 9 बजे लॉन्च किया गया. 

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रॉकेट का नाम है जूक्यू-2 कैरियर रॉकेट (Zhuque-2 Carrier Rocket). रॉकेट ने तय मानकों के हिसाब से अपने सभी टारगेट पूरे किए. बीजिंग में मौजूद निजी स्पेस कंपनी लैंडस्पेस (LandSpace) की तरफ से यह दूसरा प्रयास था. जिसमें उसे सफलता मिली है. पिछले साल दिसंबर में किया गया पहला प्रयास विफल हो गया था. 

इस लॉन्चिंग के साथ ही चीन अब अमेरिका से स्पेस लॉन्च के मामले में आगे बढ़ गया है. साथ ही वह स्पेसएक्स के मालिक एलन मस्क और ब्लू ओरिजिन के प्रमुख जेफ बेजोस से भी आगे बढ़ गया है. यानी मीथेन का इस्तेमाल करके रॉकेट लॉन्च करने वाला पहला देश बना चीन. इससे कम प्रदूषण होता है. यह सस्ता होता है. इसे रीयूजेबल रॉकेट में आसानी से इस्तेमाल कर सकते हैं. 

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लैंडस्पेस चीन की दूसरी कंपनी है जो लिक्विड-प्रोपेलेंट के साथ रॉकेट लॉन्च करती है. अप्रैल में बीजिंग में मौजूद तियानबिंग टेक्नोलॉजी ने सफलतापूर्वक मिट्टी के तेल और ऑक्सीजन से उड़ने वाले रॉकेट का सफल परीक्षण किया था. ये ऐसे ईंधन हैं, जो किसी भी रीयूजेबल रॉकेट में फिर से भरे जा सकते हैं. दोबारा इस्तेमाल किए जा सकते हैं. 

चीन में 2014 से निजी स्पेस कंपनियां सक्रिय हुईं हैं. ये बात तब की है जब चीन की सरकार ने निजी स्पेस कंपनियों को आगे आने का मौका दिया. लैंडस्पेस उसी समय की कंपनी है. उसे रिसर्च करने और रॉकेट बनाने के लिए काफी अच्छे फंड मिले थे. 

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