इंसानों और 99.8 प्रतिशत कशेरुकियों (Vertebrates) में जबड़े का होना बहुत अहम है. इसके इतिहास के बारे में चीन ने जानकारी दी है. हाल ही में, शोधकर्ताओं ने जबड़े वाले सबसे पुराने कशेरुकियों के बारे में बताया है. चीन में चार मछली की प्रजातियों के जीवाश्म खोजे गए हैं, जिनसे पता चला है कि ये मछलियां ही सबसे पहले ज्ञात कशेरुकी थे जिनके पास जबड़े थे.
नेचर जर्नल (Nature Journal) में प्रकाशित शोध के मुताबिक, इन चार जीवाश्मों में से दो जीवाश्म 43.6 करोड़ साल पहले के और दो 43.9 करोड़ साल पहले के थे. बीजिंग में चीनी विज्ञान अकादमी (Chinese Academy of Sciences) के कशेरुकी जीवाश्म विज्ञानी मिन झू (Min Zhu) का कहना है कि ये नए जीवाश्म बहुत अहम हैं और अब हम जानते हैं कि वे कितने बड़े हैं, कैसे दिखते हैं और समय के साथ वे कैसे विकसित हुए.
शोध के मुताबिक, नई पहचानी गई प्रजातियों में से किसी की भी लंबाई कुछ ही इंच से ज्यादा नहीं है. ये दक्षिणी चीन में खोजे गए सिलुरियन काल के जीवाश्मों के खजाने का हिस्सा थीं. अब तक, जबड़े वाले सबसे पुराने ज्ञात कशेरुकी जीव, 42.5 करोड़ साल पुरानी मछली थी.
झू का कहना है कि रीढ़ की हड्डी वाले लगभग सभी जानवर या कशेरुक, जिन्हें आप चिड़ियाघर या एक्वैरियम में देखते हैं, ये सभी जबड़े वाले कशेरुकी हैं. इनमें आप खुद भी शामिल हैं. जबड़े वाले कशेरुकियों के मूल शरीर की रचना उनकी उत्पत्ति के तुरंत बाद ही बन गई थी. जैसे, हम मानव शरीर के लगभग सभी अंगों को पहली जबड़े वाली मछलियों में पा सकते हैं. इसलिए मूल उत्पत्ति का पता लगाने के लिए इतिहास को खंगालना बहुत ज़रूरी है.
चोंगकिंग नगरपालिका में करीब 1.2 इंच लंबी मछली के 20 से ज्यादा रिश्तेदार मछलियां पाई गई थीं, इस मछली को ज़ियुशानोस्टियस मिराबिलिस (Xiushanosteus mirabilis) कहा जाता है. यह कवच वाली मछलियों के एक समूह का हिस्सा थी जिसे प्लाकोडर्म कहा जाता था. इस मछली का अगला आधा भाग, सेमी सर्कुलर बोनी प्लेटों से ढका हुआ था और पिछला आधा भाग एक सामान्य मछली की तरह था, जिसमें एक शक्तिशाली पूंछ भी थी. यह 43.6 करोड़ साल पहले रहती थी, जिस समय समान आकार की एक शार्क रिश्तेदार शेनकैंथस वर्मीफॉर्मिस (Shenacanthus vermiformis) रहती थी, जिसके जीवाश्म भी उसी साइट से मिले थे.
शेनकैंथस के कंधे की जगह बड़ी बोनी प्लेटों से ढ़का था, जो अमूमन शार्क में महीं होता. आधुनिक शार्क के उलट, शेनकैंथस का जबड़ा कमजोर था और उसके दांत भी नहीं थे. हो सकता है कि इसका भोजन छोटे और नरम शरीर वाले जीव हों.
शार्क के दो और रिश्तेदार- 30 लाख साल पुरानी 4 इंच लंबी कियानोडस डुप्लिसिस (Qianodus duplicis) और 6 इंच लंबी फैनजिंगशानिया रेनोवाटा (Fanjingshania renovata), गुइज़हौ प्रांत में पई गई थीं. ये शार्क वंश के सबसे पहले ज्ञात सदस्य हैं. इनके जीवाश्म, बाकी दो अन्य प्रजातियों की तुलना में अच्छी तरह से संरक्षित थे. कियानोडस (Qianodus) दांतों वाले सबसे पहले ज्ञात कशेरुक हैं. इसके दांत स्पाइरल आकार के थे. फैनजिंगशानिया के पास बाहरी बोनी कवच था और कई फिन स्पाइन थे.
यह मछली सबसे पहली बार करीब 52 करोड़ साल पहले देखी गई थी. सबसे शुरुआती मछलियां बिना जबड़े की थीं, जैसे आज की लैम्प्रे और हैगफिश. जिस समय ये नई पहचानी गई प्रजातियां रहा करती थीं, उस समय सबसे बड़े समुद्री शिकारी समुद्री बिच्छू होते थे, जिनकी लंबाई 8 फीट होती थी. जबड़े की मदद से मछलियां जल्द ही समुद्र पर हावी होने लगीं और बाद में इन्होंने ज़मीन पर रहने वाले कशेरुकियों को जन्म दिया जो इंसानों समेत, उभयचर (Amphibians), सरीसृप (Reptiles), पक्षियों (Birds) और स्तनधारियों (Mammals) में बंट गए.
For human beings and 99.8% of our fellow vertebrates, having jaws is an integral part of life. Just try eating a taco without them. But, like everything else in our bodies, jaws had to start somewhere. https://t.co/n4AosUdG0a
— Reuters Science News (@ReutersScience) September 28, 2022
स्वीडन में उप्साला यूनिवर्सिटी के पेलियोन्टोलॉजिस्ट और शोध के सह-लेखक पर अहलबर्ग (Per Ahlberg) का कहना है कि जबड़े अहम हैं, क्योंकि उन्होंने पहली बार कशेरुकियों कोा था. लेकिन यह समझना भी ज़रूरी है कि विकास के इस बिंदु पर जबड़े का आना कशेरुकी जीवों के शारीरिक परिवर्तन का एक छोटा सा हिस्सा था. उसी समय, खोपड़ी का निर्माण भी मौलिक रूप से बदल गया. आंतरिक कान बदल गए, सिर कंधे से अलग हो गया, श्रोणि पंख विकसित हुए, दिल लिवर से दूर हो गया और पेट विकसित हुआ.