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चीन ने विकसित कर ली वर्टिकल रॉकेट लैंडिंग तकनीक, समुद्र में किया टेस्ट

अब चीन ने भी वर्टिकल रॉकेट लैंडिंग तकनीक विकसित कर ली है. चीन की एक कंपनी ने एक वीडियो जारी करके इस टेस्ट को करने की जानकारी दी है. वीडियो में 6.9 फुट लंबे और 93 किलो वजन वाले प्रोटोटाइप को समुद्र में एक जहाज से लिफ्ट ऑफ़ करते दिखाया गया है.

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वर्टिकल लैंडिंग का किया गया टेस्ट (Photo: CAS Space)
वर्टिकल लैंडिंग का किया गया टेस्ट (Photo: CAS Space)

चीनी एकेडमी ऑफ साइंसेज (CAS ) के स्वामित्व वाली एक चीनी कंपनी, CAS स्पेस (CAS Space) का कहना है कि वह एक लॉन्च व्हीकल का वर्टिकल लैंडिंग टेस्ट पूरा करने में सफल रहे हैं. ये टेस्ट पूर्वी चीन के यंताई शहर के हैयांग में, समुद्र में किया गया था. इसके लिए कंपनी ने एक छोटे से डिमॉन्स्ट्रेटर का इस्तेमाल किया था. 

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इस टेस्ट में गाइडेंस, नेविगेशन और कंट्रेल सिस्टम, सॉफ्टवेयर और संचार का टेस्ट करने के लिए एक जेट इंजन वाले रॉकेट प्रोटोटाइप को लॉन्च और लैंड किया गया था. इस फर्म ने एक वीडियो जारी किया है जिसमें 6.9 फुट लंबे और 93 किलो वजन वाले प्रोटोटाइप को समुद्र में एक जहाज से लिफ्ट ऑफ़ करते दिखाया गया है.

 

समुद्र के प्लैटफॉर्म को वापस छूने से पहले प्रोटोटाइप करीब 3,280 फीट की ऊंचाई पर पहुंच गया. CAS स्पेस के मुताबिक, वीडियो में दिखाई गई टेस्ट फ्लाइट में करीब 10 मिनट का समय लगा. कंपनी 2023 के शुरुआती कुछ महीनों में इसी तरह के टेस्ट कर रही है.

लॉन्च साइट के करीब, मज़बूत सतह पर वापस जाने के बजाय समुद्री प्लेटफ़ॉर्म पर रॉकेट के पहले स्टेज को लैंड कराने से काफी ईंधन बचने की उम्मीद है. स्पेसएक्स (SpaceX) पहले से ही इस रणनीति को अपना चुका है. यह आमतौर पर अपने फॉल्कन 9 और फाल्कन हेवी रॉकेट की पहली स्टेज को लॉन्च साइटों से कई सौ मील दूर समुद्र में तैनात 'ड्रोन जहाजों' (Drone ships) पर लाता है.

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vertical landing

अमेरिकी फर्म ब्लू ओरिजिन (Blue Origin) और इसके न्यू शेपर्ड (New Shepard) की तरह, 
CAS स्पेस का मकसद, भविष्य में अपने खुद के रीयूज़ेबल ऑर्बिटल रॉकेट, साथ ही, स्पेस टूरिज़्म के लिए एक सबऑर्बिटल रॉकेट लॉन्च करना है.

CAS स्पेस के एक इंजीनियर का कहना है कि 2023 के आखिर तक, फर्म नियर स्पेस साइंटिफिक एक्सपेरिमेंट प्लैटफ़ॉर्म की पहली टेस्ट फ्लाइट को अंजाम दे सकती है.

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