पृथ्वी (Earth) से बृहस्पति (Jupiter) के दो सबसे बड़े चंद्रमाओं की हैरान करने वाली और सबसे स्पष्ट तस्वीरें ली गई हैं. इन तस्वीरों को जारी करते हुए खगोलविदों का कहना है कि इन तस्वीरों में बृहस्पति के बर्फीले चंद्रमाओं को साफ तौर पर देखा जा सकता है.
तस्वीरें बर्फीली सतहों और उन प्रक्रियाओं का विवरण दिखाती हैं जिनसे यूरोपा (Europa) और गेनीमेडे (Ganymede) की रासायनिक संरचनाएं बनी हैं. यूरोपा और गेनीमेडे, बृहस्पति के चार गैलीलियन चंद्रमाओं में से दो हैं, इनके नाम उन खगोलविदों के नाम पर रखे गए हैं जिन्होंने उन्हें पहली बार देखा था. वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि चिली (Chile) में वेरी लार्ज टेलीस्कोप (VLT) से ली गई नई तस्वीरें भविष्य के अंतरिक्ष मिशनों को मजबूती देंगी.
इन डीटेल तस्वीरों से दो बर्फीले चंद्रमाओं पर भूवैज्ञानिक विशेषताओं का पता चलता है. इसमें एक लंबा, दरार जैसा निशान भी है, जो यूरोपा की सतह पर कट जैसा दिखाई देता है. वैज्ञानिकों ने इसे एक तरह का डीफॉर्मेशन कहा है जिसे 'लिनाई' (linae) नाम दिया गया है.
यूरोपा का आकार पृथ्वी के चंद्रमा के बराबर है और गैनीमेडे, सौर मंडल का सबसे बड़ा चंद्रमा और बुध ग्रह से बड़ा है. इन दोनों का अध्ययन करने से पता चलता है कि ये चंद्रमा की बर्फीली सतहों से परावर्तित सूर्य के प्रकाश की मात्रा को रिकॉर्ड करते हैं. यूरोपा के विश्लेषण से पता चला है कि इसकी परत मुख्य तौर पर जमे हुए पानी से बनी है. इसमें अलग-अलग तरह के सॉल्ट शामिल हैं.
टीम लीडर ओलिवर किंग (Oliver King) का कहना है कि हमने सतह पर मौजूद अलग-अलग सामग्रियों की मैपिंग की, जिसमें सल्फ्यूरिक एसिड फ्रॉस्ट भी शामिल है, जो मुख्य रूप से यूरोपा के किनारे पाया जाता है. मॉडलिंग में पाया गया कि सतह पर अलग-अलग तरह के साल्ट मौजूद हो सकते हैं, लेकिन अकेले अइंफ्रारेड स्पेक्ट्रोस्कोपी आम तौर पर यह पता नहीं लगा सकती कि ये कौन सा सॉल्ट है.
गैनीमेडे के विश्लेषण से पता चलता है कि चंद्रमा की सतह पर दो तरह के इलाके हैं. पुराने इलाकों की तुलना में नए इलाकों में बड़ी मात्रा में पानी की बर्फ दिखाई देती है, जो गहरे भूरे रंग की सामग्री से बनी है. टीम इस सामग्री को अभी तक पहचान नहीं पाई है.
ओलिवर किंग का कहना है कि VLT से हम यूरोपा और गेनीमेडे की विस्तृत मैपिंग कर पाए हैं. इसकी सतह पर छोटी आकृतियों का आकार 150 किलोमीटर से छोटा है और यह पृथ्वी से 60 करोड़ किलोमीटर दूरी पर है. चांद को करीब से देखने और इस पैमाने पर मैपिंग, पहले केवल बृहस्पति तक अंतरिक्ष यान भेजकर ही संभव थी.
Clearest images yet of Europa and Ganymede from Earth show Jupiter's icy moons in detail https://t.co/xJYwiFA6tJ pic.twitter.com/IGTRM2mpNn
— SPACE.com (@SPACEdotcom) October 11, 2022
इस शोध का मतलब यह नहीं है कि इन चंद्रमाओं के भविष्य के मिशन ठंडे बस्ते में चले गए हैं. बल्कि, यूरोपा और गेनीमेडे की यह मैपिंग इन अंतरिक्ष यान मिशनों की संभावना को और भी अधिक रोमांचक बनाती है.