एक डीएनए (DNA) के अंदर कितनी जगह होती है, यह जानकर आपके होश उड़ जाएंगे. नमक के एक कण के बराबर जगह में DNA 10 डिजिटल मूवी के बराबर डेटा स्टोर कर सकता है. लेकिन जर्नल साइंस रिपोर्ट के मुताबिक, कोलंबिया यूनिवर्सिटी (Columbia University) के वैज्ञानिकों ने जीवित जीवाणुओं (Living Bacteria) के डीएनए में डेटा स्टोर करके इस हैरानी को और बढ़ा दिया है.
DNA के अंदर डेटा को स्टोर करने के लिए, डीएनए सिंथेसाइज़र (DNA synthesizer) की मदद से इसके एक (One) और शून्य (Zero) के बाइनरी फॉर्मेट (Binary Format) को कार्बनिक कोड में बदला जाता है. कार्बनिक कोड, अणु के चार आधारों एडेनिन (Adenine), गुआनिन (Guanine), साइटोसिन (Cytosine) और थाइमिन (Thymine) का कॉम्बिनेशन है.
यह कोड जितना लंबा होगा, सिंथेसाइज़र का काम उतना ही कम सटीक होगा. शोधकर्ताओं ने कोड को छोटे-छोटे हिस्सों में तोड़ दिया. अब डीएनए सीक्वेंसर को डेटा पाने के लिए उन्हें फिर से एक साथ जोड़ना होगा. हालांकि, ऐसा नहीं है कि यहां डेटा हमेशा के लए सुरक्षित रहे. समय के साथ जैसे-जैसे डीएनए कमजोर होगा, तो डेटा भी खत्म हो जाएगा.
इस समस्या के समाधान के रूप में, कोलंबिया के शोधकर्ता यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि क्या यही बात जीवित जीवों (Living Organisms) के साथ भी काम करती है. यह डेटा न केवल ज्यादा समय तक चलेगा, बल्कि ये जीवों की संतानों तक भी पहुंचाया जा सकता है.
कोलंबिया (Columbia) के हैरिस वांग (Harris Wang) की एक टीम पिछले कुछ सालों से इसी पर काम कर रही है. हाल ही में, टीम जीवाणु कोशिकाओं (Bacterial Cells) में, 'हैलो वर्ल्ड!'(Hello world) अक्षर की स्ट्रिंग लिखने के लिए, डेटा के 72 बिट्स (Bits) को इलेक्ट्रिकली एन्कोड करने में सफल रही है.
The data could even be passed on to the organisms' offspring. https://t.co/rIIlVjGs2Z
— Futurism (@futurism) May 10, 2022
जीन्स में डेटा स्टोर करने के लिए वैज्ञानिकों ने लोकप्रिय जीन-एडिटिंग तकनीक CRISPR का इस्तेमाल किया. इस तकनीक से डीएनए में नए सीक्वेंस जोड़े और एडिट किए जा सकते हैं. इस पेपर को नेचर केमिकल बायोलॉजी जर्नल (Nature Chemical Biology) में प्रकाशित किया गया है.