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सूरज का 'मृत धब्बा' हुआ जिंदा, धरती पर फेंक रहा प्लाज्मा बॉल, 14 अप्रैल को आएगी मुसीबत!

सूरज पर महीनों से मृत पड़ा एक धब्बा (Sunspot) वापस जिंदा हो गया है. जिंदा होते ही उसने धरती की ओर एक तगड़ी प्लाज्मा बॉल (Plasma Ball) फेंकी है. जो धरती से 14 अप्रैल 2022 को टकराएगी.

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सूरज पर मृत पड़ा यह धब्बा धरती से बड़े आकार का है. (फोटोः NASA SDO)
सूरज पर मृत पड़ा यह धब्बा धरती से बड़े आकार का है. (फोटोः NASA SDO)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • 11 अप्रैल 2022 को सूरज पर विस्फोट
  • मुर्दा सनस्पॉट से निकली चुंबकीय लहरें

सूरज पर महीनों से मृत पड़ा धब्बा यानी सनस्पॉट 11 अप्रैल 2022 को जीवित हो उठा. जिसकी वजह से सूरज की सतह से भयानक कोरोनल मास इजेक्शन (Coronal Mass Ejection - CME) हुआ. अब इस धब्बे से निकले CME प्लाज्मा बॉल (Plasma Ball) की यात्रा तेजी से धरती की ओर शुरु हो गई है. 14 अप्रैल 2022 को यह धरती से टकराएगी. 

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स्पेसवेदर डॉट कॉम के मुताबिक इस मुर्दा से जिंदा हुए धब्बे का नाम AR2987 है. इस धब्बे ने विस्फोट के जो प्लाज्मा बॉल धरती की ओर भेजी है, उसमें भारी मात्रा में रेडिएशन है. ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि इसकी वजह से उत्तरी ध्रुव के ऊपरी वायुमंडल में काफी ज्यादा नॉर्दन लाइट्स बनेंगे. यह प्लाज्मा बॉल सैटेलाइट्स या पावर ग्रिड को भी प्रभावित कर सकती है. 

सूरज के जिस हिस्से में यह धब्बा है वह उत्तरी गोलार्ध की तरफ है. (फोटोः NASA SDO)
सूरज के जिस हिस्से में यह धब्बा है वह उत्तरी गोलार्ध की तरफ है. (फोटोः NASA SDO)

स्पेस वेदर प्रेडिक्शन सेंटर के मुताबिक सूरज के धब्बे यानी सनस्पॉट्स सूरज के वो अधेंरे इलाके होते हैं, जो सूरज के आंतरिक मैग्नेटिक फ्लक्स की वजह से होते हैं. ये धब्बे अस्थाई होते हैं, लेकिन घंटों से लेकर महीनों तक टिके रह सकते हैं.  कई बार ये चुपचाप खत्म हो जाते हैं लेकिन अगर ये किसी वजह से सक्रिय होते हैं, तो उनमें तेज विस्फोट होता है. कोरोना माज इजेक्शन के साथ सौर तूफान धरती की ओर आता है. 

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नेशनल सेंटर फॉर एटमॉस्फियरिक रिसर्च के हाई एल्टीट्यूड ऑब्जरवेटरी के सोलर फिजिसिस्ट फिलिप जज ने कहा कि मुर्दा सौर धब्बों को सूरज का कन्वेक्शन तोड़ देता है. इतना कमजोर कर देता है कि ये मैग्नेटिकली निष्क्रिय हो जाते हैं. जज ने कहा कि कभी-कभी ये धब्बे फिर से सक्रिय हो जाते हैं. इनकी चुंबकीय शक्ति भी बढ़ जाती है. 

महीनों से मुर्दा पड़ा यह धब्बा अब हो गया जिंदा, इसने शुरु किया सौर तूफान. (फोटोः NASA SDO)
महीनों से मुर्दा पड़ा यह धब्बा अब हो गया जिंदा, इसने शुरु किया सौर तूफान. (फोटोः NASA SDO)

अगर ये धब्बे सूरज के किसी अनियंत्रित हिस्से में बने होते हैं तो इनसे ज्यादा मैग्नेटिक फील्ड क्रिएट होता है. ऐसी गणना है कि AR2987 से C क्लास का सौर तूफान निकला है. यह तूफान तब पैदा होता है जब दबाव में सक्रिय हो रहे धब्बे में प्लाज्मा विस्फोट होता है और ये तीव्र मैग्नेटिक फील्ड बनाता है. ये बेहद घने रेडिएशन वाले पदार्थों को बाहर फेंकते हैं. 

C क्लास के सौर तूफान आमतौर पर धरती को नुकसान नहीं पहुंचाते लेकिन अगर पीछे से कोई विस्फोट और हो गया तो इनकी ताकत बढ़ जाती है. इस सौर तूफान में यात्रा कर रहे हैं चार्ज्ड पार्टिकल धरती के उत्तरी और दक्षिणी ध्रुवों के वायुमंडल से टकरार अरोरा बनाते हैं. असल में ये चार्ज्ड पार्टिकल फोटोंस होते हैं. 

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जब किसी धब्बे में होता है विस्फोट तो इस तरह से आता है सौर तूफान. (फोटोः NASA SDO)
जब किसी धब्बे में होता है विस्फोट तो इस तरह से आता है सौर तूफान. (फोटोः NASA SDO)

11 अप्रैल 2022 को निकले सौर तूफान से धरती पर 14 अप्रैल 2022 को जी1 स्तर का जियोमैग्नेटिक तूफान आ सकता है. इसकी वजह से सैटेलाइट्स पर थोड़ा बहुत असर हो सकता है. इसके अलावा पावर ग्रिड से सप्लाई हो रही बिजली में हल्का फ्लक्चुएशन ला सकता है. इसके अलावा अरोरा का नजारा मिशिगन और मायन जैसे इलाके में दिख सकता है. 

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