गुजरात एक दुर्लभ मौसम का सामना करने जा रहा है. 80 साल में ये चौथी बार होने जा रहा है. यह होगा तो अरब सागर में लेकिन असर पूरे गुजरात पर पड़ेगा. इसकी वजह से मौसम वैज्ञानिक हैरान हैं. इस समय गुजरात में भयानक बारिश और बाढ़ की स्थिति है. ऐसे डीप डिप्रेशन की वजह से हुआ है. अब यही डिप्रेशन साइक्लोन में बदलने जा रहा है.
मौसम विभाग के माने तो पिछले 80 वर्षों में ऐसा चौथी बार हो रहा है. दुर्लभ इसलिए है क्योंकि एक वेदर सिस्टम जमीन के ऊपर बना हुआ है, जिसकी वजह से गुजरात में बारिश हो रही है. अब इसी सिस्टम की वजह से अरब सागर के ऊपर साइक्लोन बन रहा है. यानी यही सिस्टम समंदर की गर्मी लेकर चक्रवाती तूफान में बदलने वाला है.
यह भी पढ़ें: गुजरात में ही इतनी बारिश क्यों हो रही? बंगाल की खाड़ी से भी उठ रहा आसमानी आफत का नया खतरा
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) की साइंटिस्ट सोमा सेन रॉय ने बताया कि इससे पहले 1944, 1964 और 1976 में इस तरह का दुर्लभ मौसम देखने को मिला था. जब जमीन के ऊपर एक्टिव डीप डिप्रेशन यानी वेदर सिस्टम ने अरब सागर से गर्मी चुराकर और भयानक रूप लिया था. समंदर के ऊपर चक्रवाती तूफान में बदल गया था.
जमीन से खिसक कर समंदर की तरफ जा रहा वेदर सिस्टम
इससे पहले मौसम विभाग ने बुलेटिन के जरिए अलर्ट जारी किया था कि जमीन के ऊपर डीप डिप्रेशन है. यानी जिस वेदर सिस्टम के तहत अभी बारिश हो रही है. बाढ़ आई हुई है. ये डिप्रेशन सौराष्ट्र और कच्छ के ऊपर था, जो अब धीरे-धीरे पश्चिम की तरफ बढ़ रहा है. यह पश्चिम से दक्षिण-पश्चिम की तरफ जाता हुआ दिख रहा है.
यह भी पढ़ें: 2100 AD तक हिमालय की सुनामी से हिंद महासागर के जलप्रलय तक... देश के इन इलाकों को है सबसे बड़ा खतरा!
अरब सागर के ऊपर चक्रवाती तूफान में बदल जाएगा
30 अगस्त को यह अरब सागर के उत्तर-पूर्वी हिस्से में होगा. ये अपना असर कच्छ, सौराष्ट्र और पाकिस्तान के तटीय इलाकों में दिखाएगा. मतलब ये कि शुक्रवार को भी चक्रवाती तूफान की वजह से गुजरात में भयानक बारिश होने की आशंका है. इसके बाद अगले दो दिनों में यह धीरे-धीरे पश्चिम-दक्षिण-पश्चिम की तरफ बढ़ जाएगा.
भविष्य में ऐसी आपदाओं के अलर्ट के लिए होगी स्टडी
भारतीय तट को छोड़ते हुए यह पाकिस्तान की तरफ जा सकता है. इन तीन दिनों में भारत और दुनिया के मौसम विज्ञानियों को इस बदलते मौसम की स्टडी करने का बढ़िया मौका मिलने वाला है. ताकि भविष्य में ऐसी आपदाओं की भविष्यवाणी और अलर्ट पहले जारी किया जा सके.