ब्राजील में अमेज़न के वर्षावन (Brazil's Amazon rainforest) की कटाई इस साल के पहले छह महीनों में अपने रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई. सरकारी डे़टा के मुताबिक, यहां न्यूयॉर्क शहर से 5 गुना बड़ा इलाका तबाह हो गया है.
राष्ट्रीय अंतरिक्ष अनुसंधान एजेंसी इनपे (National Space Research Agency Inpe) के मुताबिक, जनवरी से जून तक, इस इलाके में 3,988 वर्ग किमी के जंगल काट दिए गए हैं. पिछले साल इन्हीं महीनों में हुई कटाई से यह 10.6% ज़्यादा है.
2015 के मध्य में जब से एजेंसी ने अपनी DETER-B डेटा सीरीज़ का संकलन शुरू किया, तब से इस अवधि के लिए यह कटाई का उच्चतम स्तर है. जून के महीने में वन की कटाई 5.5% बढ़ गई और 1,120 वर्ग किमी इलाका तबाह हो गया.
वनों की कटाई गहरे जंगल में की जा रही है. साल के शुरुआती छह महीनों में, अमेज़ोना राज्य में किसी भी और राज्य की तुलना में ज्यादा विनाश देखा गया है. अमेज़ोना राज्य की राजधानी मनौस के पश्चिम में सड़क मार्ग के पास, हाल ही में ऐसे कई इलाके देखे जा सकते हैं, जहां कभी हरे-भरे जंगल थे और अब वहां सूखे पेड़ ज़मीन पर पड़े दिख रहे हैं.
कटाई ज्यादा, तो आग भी ज्यादा
बताया जा रहा है कि वनों की कटाई की वजह से जंगल की आग भी असामान्य रूप से बढ़ी है. आने वाले महीनों में स्थिति और भी खराब होने की संभावना है. पिछले 15 सालों में अमेज़ॅन में जून के महीने में सबसे ज्यादा आग दर्ज की गई है. आम तौर पर, लकड़हारों के कीमती लकड़ी निकालने के बाद, किसान और ज़मीन हथियाने वाले लोग वहं आग लगा देते हैं, जिससे कृषि करने के लिए ज़मीन खाली हो सके.
वुडवेल क्लाइमेट रिसर्च सेंटर और यूनिवर्सिटी ऑफ़ ऑक्सफ़ोर्ड में जंगल की आग और वनों की कटाई के शोधकर्ता मनेला मचाडो (Manoela Machado) का कहना है कि अगर जंगल ज्यादा कटेंगे तो आग भी ज्यादा लगेगी. जो अच्छी खबर नहीं है.
Deforestation in Brazil's Amazon rainforest reached a record high for the first six months of the year, as an area five times the size of New York City was destroyed, preliminary government data showed on Friday. https://t.co/RpcZPu7UCB
— Reuters Science News (@ReutersScience) July 8, 2022
विशेषज्ञों का कहना है कि इस साल वनों की कटाई और आग के उच्च स्तर की संभावना है. आपको बता दें कि अमेज़न दुनिया के सबसे बड़े वर्षावन हैं, जनमें भारी मात्रा में कार्बन होता है, जो पेड़ों के नष्ट होने से निकलता है और वातावरण को गर्म करता है. साथ ही, जलवायु परिवर्तन पर असर डालता है.