रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) और भारतीय नौसेना (Indian Navy) ने हाल ही में ओडिशा तट के पास बंगाल की खाड़ी में समुद्र आधारित एंडो-ऐटमौसफेयरिक बीएमडी इंटरसेप्टर (Sea Based Endo-atmospheric BMD Interceptor Missile) की पहली सफल टेस्टिंग की.
ये मिसाइल पाकिस्तान या चीन की तरफ से आने वाली बैलिस्टिक मिसाइलों को वायुमंडल के नजदीक ही नष्ट कर देगी. इस इंटरसेप्टर मिसाइल को समुद्र में नौसेना के एक जंगी जहाज से दागा गया. अब भारतीय नौसेना ऐसी ताकत रखने वाले चुनिंदा देशों में शामिल हो गया है.
भारतीय नौसेना समुद्र में तैनाती के दौरान भारत की तरफ आने वाली दुश्मन की बैलिस्टिक मिसाइलों को हवा में ही बर्बाद कर देगी. इससे पहले पिछले साल नवंबर में इस मिसाइल की जमीनी वैरिएंट की सफल टेस्टिंग की गई थी. असल में इस मिसाइल के दो वैरिएंट्स हैं. पहला AD-1 और दूसरा AD-2.
Congratulations 👏#NewIndia ने पहले Interceptor Ballistic Missile Test में भारतीय नौसेना की Ballistic शक्ति दिखाई
ओडिशा के तट से Ballistic Missile Defence (BMD) क्षमता युक्त Interceptor सफलतापूर्वक परीक्षण किया#DRDO #IndianNavy#AzadiKaAmritMahotsav pic.twitter.com/qDB2gLpz1f— Col Rajyavardhan Rathore (@Ra_THORe) April 23, 2023
दुश्मन की IRBM मिसाइलें नहीं पहुंच सकेंगी देश तक
दोनों ही मिसाइलें दुश्मन की IRBM मिसाइल को इंटरसेप्ट कर सकती हैं. यानी 5000 किलोमीटर की रेंज वाली मिसाइलों को मार गिरा सकती हैं. ये मिसाइलें अमेरिका के टर्मिनल हाई एल्टीट्यूड एरिया डिफेंस (THAAD) मिसाइल जैसी रक्षा प्रणाली हैं. संभवतः नौसेना ने AD-2 मिसाइल का परीक्षण अभी किया है. यह मिसाइल दुश्मन की मिसाइल पर 5367 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से हमला करेगी.
अपनी जमीन से 3000 KM दूर नष्ट होंगे दुश्मन मिसाइल
ये मिसाइलें दुश्मन की मिसाइलों को आता देख फायर हो जाएंगी. अपनी जमीन से 1000 से 3000 किलोमीटर दूर ही उनसे टकराकर उन्हें नष्ट कर देंगी. चुंकि इन्हें IRBM मिसाइलों को ध्वस्त करने के मकसद से बनाया गया है. आपको बता दें कि IRBM मिसाइलों की रेंज 3 से 5 हजार किलोमीटर होती है. अगर चीन इतनी दूरी से मिसाइल दागता है तो भारतीय सेना या नौसेना उसे रास्ते में ही ध्वस्त कर देगी.
लंबी दूरी की इंटरसेप्टर मिसाइल से कापेंगे देश के दुश्मन
एडी-2 एक लंबी दूरी की इंटरसेप्टर मिसाइल है, जिसे लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों के साथ-साथ विमानों के लो एक्सो-एटमॉस्फियरिक और एंडो-एटमॉस्फियरिक इंटरसेप्शन दोनों के लिए डिज़ाइन किया गया है. यह दो चरणों वाली सॉलिड मोटर द्वारा संचालित मिसाइल है. मिसाइल का लक्ष्य तक सटीक रूप से मार्गदर्शन करने के लिए स्वदेशी रूप से विकसित उन्नत नियंत्रण प्रणाली, नेविगेशन और गाइडेंस एल्गोरिदम से लैस है.