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बच गई धरती बड़ी आपदा से, गामा विस्फोट दोहरा सकता था 45 करोड़ साल पुराना प्रलय

बच गई धरती एक बड़ी आपदा से. ऐसी आपदा जो 45 करोड़ साल पहले हुई थी. अंतरिक्ष में निकली एक तेज रोशनी जो धरती पर सामूहिक विनाश ला देती. किस्मत अच्छी थी कि ये रोशनी धरती से करीब ढाई प्रकाश वर्ष दूर है. पास होती तो ओजोन लेयर को फाड़कर पृथ्वी पर प्रलय जैसी स्थिति पैदा कर देती. 

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गामा रे बर्स्ट अब तक की सबसे ज्यादा ताकतवर रोशनी थी (Photo: NASA)
गामा रे बर्स्ट अब तक की सबसे ज्यादा ताकतवर रोशनी थी (Photo: NASA)

अंतरिक्ष में अब तक जितनी भी तेज रोशनी (Flash) देखी गई हैं, उनमें से सबसे ताकतवर फ्लैश हाल ही में देखने को मिली. इस फ्लैश को गामा-रे विस्फोट (Gamma-ray Burst) कहते हैं. फ्लैश ब्रह्मांड में मौजूद सबसे ज्यादा ऊर्जा वाला इलेक्ट्रो मैग्नेटिक विस्फोट होता है. 

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1960 के दशक में, अमेरिकी मिलिट्री सैटेलाइट्स को गामा-रे विस्फोट दिखा था. यह तब होता है, जब विशालकाय तारे ब्लैक होल में गिरने से पहले अपने जीवन के अंत में बड़ा विस्फोट करते हैं. यानी, न्यूट्रॉन तारों के रूप में पहचाने जाने वाले अल्ट्राडेंस तारकीय अवशेष (Ultradense Stellar Remnants) टकराते हैं, तब ये रोशनी पैदा होती है. यह विस्फोट इतना शक्तिशाली होता है कि आप हैरान हो जाएंगे. इससे इतनी ऊर्जा निकलती है, जितनी अपना सूरज 10 अरब साल में निकालेगा. 

इस फ्लैश को 9 अक्टूबर 2022 को टेलिस्कोप से देखा गया था. यह अब तक की सबसे मजबूत फ्लैश थी, जिससे करीब 18 टेराइलेक्ट्रॉनवोल्ट (Teraelectronvolts) ऊर्जा निकली. वैज्ञानिक अब भी इसका विश्लेषण कर रहे हैं., नतीजों की पुष्टि होते ही ये पता चलेगा कि क्या ये गामा-रे-बर्स्ट 10 टेराइलेक्ट्रॉनवोल्ट ऊर्जा से ज्यादा एनर्जी पैदा करने वाला फ्लैश था. 

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gamma ray burst
पृथ्वी के लिए खतरनाक हो सकता था ये गामा रे बर्स्ट (Photo: NASA)

शुरुआत में खगोलविदों को लगा कि ये विस्फोट इतना तेज इसलिए है, क्योंकि ये कहीं करीब के किसी स्रोत से पैदा हुआ होगा. ये भी हो सकता था कि ये एनर्जी गामा-किरणों के बजाय एक्स-रे से आ रही हो. लेकिन सिग्नल के विश्लेषण से पता लगा कि यह असल में गामा-रे विस्फोट था, जो 2.4 अरब प्रकाश वर्ष दूर था. अगर ये गामा किरणें हमारी पृथ्वी के नजदीक होतीं, तो भयानक तबाही आती. महाविनाश होता. यह ओजोन लेयर को भेद देती. बड़ी प्रलय आ जाती. 

करीब 45 करोड़ साल पहले ऐसी ही एक फ्लैश ने धरती पर तबाही मचाई थी. जिसकी वजह से ऑर्डोविशियन विनाश (Ordovician extinction) हुआ था. अभी जो फ्लैश दिखा है, उसका नाम GRB221009A है. यह औसत गामा-रे बर्स्ट की तुलना में पृथ्वी से 20 गुना ज्यादा दूर है. यह इतना दूर है कि इससे धरती को कोई नुकसान नहीं पहुंचा. न ही पहुंचेगा. 

गामा-रे विस्फोट दो तरह के होते हैं.- शॉर्ट गामा-रे बर्स्ट और लॉन्ग गामा-रे बर्स्ट. शॉर्ट गामा-रे बर्स्ट दो सेकंड से ज्यादा नहीं होते. ऐसे फ्लैश सिर्फ 30 फीसदी ही होते हैं. ये न्यूट्रॉन तारों के टकराने से बनते हैं. लॉन्ग गामा-रे बर्स्ट कई मिनटों तक चल सकते हैं. ये हाइपरनोवा (Hypernova) से बनते हैं. ये सुपरनोवा विस्फोट से 100 गुना तेज होते हैं.

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दुनिया भर के सभी टेलीस्कोप अब धूल भरी आकाशगंगा (Dusty Galaxy) की ओर रुख कर रहे हैं, जहां ये फ्लैश दिखाई दिया था. वे विस्फोट से निकलने वाले प्रकाश को ज्यादा से ज्यादा वेवलेंथ में देखने की कोशिश करेंगे, ताकि इसकी और जानकारी मिल सके. शोध के नतीजे एस्ट्रोनॉमर्स टेलीग्राम (Astronomer's Telegram) में प्रकाशित किए गए हैं.

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