2024 PTS... ये वो चंद्रमा है जो दो महीने धरती का मेहमान था. अब यह हमारे घर को छोड़कर अंतरिक्ष की अनंत यात्रा पर निकल गया है. यह चंद्रमा अपने घर की ओर जा रहा है, जो एक एस्टेरॉयड बेल्ट है. इस बेल्ट का नाम है अर्जुन एस्टेरॉयड बेल्ट. जो धरती और सूरज के बीच मौजूद है. यह एक बस के आकार का था.
यह बेल्ट सूरज से 15 करोड़ km पर है. लगभग उतनी ही दूरी जितनी धरती की सूरज से है. मैड्रिड यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर कार्लोस डेला फ्यूएंटे मार्को ने कहा कि अर्जुन एस्टेरॉयड बेल्ट की दिशा अलग है. इस बेल्ट में मौजूद पत्थर आमतौर पर नीयर-अर्थ ऑब्जेक्ट्स हैं. इनमें से कुछ पत्थर धरती के बेहद नजदीक चले आते हैं. लगभग 45 लाख km की दूरी तक. इनकी गति 3540 km/hr तक हो सकती है.
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यह चांद अगले साल जनवरी में धरती के बगल से फिर गुजरेगा. तब धरती से इसकी दूरी 17.8 लाख किलोमीटर है. इसे कैलिफोर्निया के मोजावे रेगिस्तान में लगा गोल्डस्टोन सोलर सिस्टम राडार एंटीना ट्रैक कर रहा है. इसके अलावा नासा का डीप स्पेस नेटवर्क भी इस पर लगातार नजर रख रहा है.
क्या होते हैं मिनी-मून?
मिनी-मून दो तरह से पृथ्वी के नजदीक आते हैं. पहली ये कि कोई वस्तु आकर धरती की ग्रैविटी में फंस जाए कि वह एक दो साल तक निकल ही न पाए. पृथ्वी के चारों तरफ चक्कर लगाता रहे. दूसरा ये कि कम समय के लिए कोई पत्थर आए. धरती का आधा या एक चक्कर लगाकर निकल जाए. ये कुछ दिनों से कुछ हफ्तों का रुकता है.
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ये हैं वो मिनी-मून जो पहले भी घूम गए पृथ्वी
अब तक दो बार लंबे समय के लिए दो पत्थर मिनी-मून बने थे. पहला 2006 RH120 और 2020 CD3. इसके अलावा तीन छोटे-छोटे समय के लिए फंसे थे. ये हैं- 1991 VG, 2022 NX1 और इस बार वाला 2024 PTS. दुनियाभर के वैज्ञानिक इस मिनी-मून के आने का इंतजार कर रहे हैं. इसके रास्ते और व्यवहार की स्टडी में लगे हैं.
इसे आप साधारण टेलिस्कोप या दूरबीन से नहीं देख सकते. इसे देखने के लिए कम से कम 30 इंच डायमीटर वाला सीसीडी या सीएमओएस डिटेक्टर टेलिस्कोप चाहिए. इस मिनी-मून के बारे में हाल ही में द रिसर्च नोट्स ऑफ द एएएस जर्नल में रिपोर्ट छपी है.