अंतरिक्ष में 2100 करोड़ प्रकाश वर्ष दूर एक घनी आकाशगंगा है. जिसके चारों तरफ तोड़ी-मरोड़ी रोशनी का छल्ला है. तोड़ी मरोड़ी इसलिए क्योंकि यह हमेशा एक जैसी आकृति में नहीं रहता. घूमता-फिरता और टूटता-फूटता रहता है. इसलिए इसे आइंस्टीन रिंग (Einstein Ring) कहते हैं. यह एक रहस्यमयी आकाशगंगा है.
हाल ही में नासा के जेम्स वेब स्पेस टेलिस्कोप (James Webb Space Telescope - JWST) ने इसकी तस्वीर ली है. पहली बार इतनी दूर किसी आइंस्टीन रिंग की इतनी स्पष्ट फोटो ली गई है. इसे आइंस्टीन रिंग इसलिए कहा जाता है क्योंकि थ्योरी ऑफ रिलेटिविटी में अलबर्ट आइंस्टीन ने इसे पहचाना और खोजा था.
यह एक बेहद दुर्लभ नजारा होता है. इस अंगूठी की गुरुत्वाकर्षण शक्ति बहुत ज्यादा होती है. जिसे ग्रैविटेशनली लेंस्ड ऑबजेक्ट कहते हैं. यह तब बनता है जब कोई ताकतवर आकाशगंगा या ब्लैक होल अपने चारों तरफ स्पेस टाइम को बांध लेती है. वहां से जो रोशनी निकलती है, वह चारों तरफ एक घेरे जैसी आकृति बना लेती है.
इसके पास जो जा रहा है टेढ़ा हो जा रहा
ये छल्ला अपने आसपास मौजूद अन्य आकाशगंगाओं, सुपरनोवा या पास से गुजरने वाले किसी भी वस्तु को खींचकर अपने में शामिल कर लेते हैं. या फिर वो इसके बगल से टेढ़े-मेढ़े होकर निकलते हैं. क्योंकि इस छल्ले की ग्रैविटी इतनी ताकतवर होती है कि पास से गुजरने वाली वस्तु का आकार बदल जाता है. यही इस छल्ले की ताकत है.
दुर्लभ है ये नजारा, मुश्किल से दिखता है
आमतौर पर इस तरह के ताकतवर ग्रैविटी वाले वस्तु के आसपास अंतरिक्ष में एक अर्धचंद्राकार चमक वाली आकृति दिखती है. या फिर अधूरे छल्ले दिखते हैं. लेकिन पहली बार इतना परफेक्ट आइंस्टीन रिंग दिखाई दिया है. असली आइंस्टीन रिंग पूरा छल्ला बनाता है. ये तभी दिखता है जब छल्ले का केंद्र, छल्ला और देखने वाला एक सीध में हो.
5 लाख से ज्यादा आकाशगंगाओं का नक्शा तैयार
हाल ही में इस तस्वीर से संबंधित एक रिपोर्ट प्रीपिंट सर्वर arXiv में प्रकाशित हुई है. नेचर एस्ट्रोनॉमी में छपने के लिए रिपोर्ट को एक्सेप्ट कर लिया गया है. इस आइंस्टीन रिंग को नाम दिया गया है- JWST-ER1. जेम्स वेब स्पेस टेलिस्कोप ने अब तक 5 लाख से ज्यादा आकाशगंगाओं की खोज की है. उनका नक्शा बनाया है. जिसे कॉसमॉस वेब सर्वे कहा जाता है.
इस छल्ले में आ जाएंगे 6500 करोड़ सूरज
आइंस्टीन रिंग का छल्ला धरती से 1700 करोड़ प्रकाश वर्ष दूर है. जबकि उसकी आकाशगंगा उससे और आगे 400 करोड़ प्रकाश वर्ष की दूरी पर है. अब तक अंतरिक्ष में अगर सबसे दूर किसी वस्तु की खोज की गई थी, तो वह 1470 करोड़ प्रकाश वर्ष की दूरी पर थी. जबकि ब्रह्मांड की उम्र ही 1370 करोड़ वर्ष मानी जाती है. ब्रह्मांड लगातार फैल रहा है. इस आइंस्टीन रिंग का वजन हमारे सूरज जितने 6500 करोड़ सूरज आ जाए, तब बराबर होगा.