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SpaceX को मंगल पर रॉकेट भेजने की अनुमति मिली, पहले करने होंगे ये 75 काम

एलन मस्क (Elon Musk) की स्पेस कंपनी स्पेसएक्स (SpaceX) को मंगल ग्रह के लिए रॉकेट लॉन्च करने की अनुमति मिल गई है. यह परमिशन फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (FAA) ने दी है. लेकिन उससे पहले स्पेसएक्स को 75 काम करने होंगे.

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SpaceX Starship: ये है टेक्सास के बोका चिका स्थित स्टारबेस लॉन्च स्टेशन. लॉन्च पैड पर खड़ा है स्टारशिप रॉकेट. (फोटोः SpaceX)
SpaceX Starship: ये है टेक्सास के बोका चिका स्थित स्टारबेस लॉन्च स्टेशन. लॉन्च पैड पर खड़ा है स्टारशिप रॉकेट. (फोटोः SpaceX)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • FAA ने किया पर्यावरणीय रिव्यू
  • पर्यावरण पर लॉन्च से असर कम

स्पेसएक्स (SpaceX) को मंगल ग्रह के लिए रॉकेट लॉन्च करने की अनुमति मिल गई है. अब वह दक्षिणी टेक्सास के बोका चिका (Boca Chica) स्थित स्टारबेस (Starbase) से मंगल के लिए रॉकेट लॉन्च कर सकता है. हालांकि उसे पर्यावरण से संबंधित कुछ 75 जरूरी काम करने होंगे. उसे इन्हीं शर्तों के साथ फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (FAA) ने रॉकेट लॉन्च करने की अनुमति दी है. 

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FAA ने स्टारबेस पर जाकर जांच-पड़ताल की. इसके अधिकारियों ने यह पता किया कि कहीं मंगल के लिए छोड़े जाने वाले रॉकेट से पर्यावरण, बोका चिका और लॉन्च पैड के आसपास मौजूद जीव-जंतुओं पर कोई नुकसान तो नहीं होगा. जांच में पता चला कि लॉन्च से बड़ा प्रभाव नहीं पड़ेगा. यह जांच इसलिए जरूरी थी कि क्योंकि लॉन्च स्टेशन टेक्सास के ब्राउन्सविले स्थित गल्फ कोस्ट के पास है. 

स्टारशिप रॉकेट के जरिए ही NASA अपने अर्टेमिस प्रोजेक्ट के तहत एस्ट्रोनॉट्स को चांद और मंगल पर भेजेगा. (फोटोः AFP)
स्टारशिप रॉकेट के जरिए ही NASA अपने अर्टेमिस प्रोजेक्ट के तहत एस्ट्रोनॉट्स को चांद और मंगल पर भेजेगा. (फोटोः AFP)

FAA ने स्पेसएक्स को 75 काम करने के लिए बोले हैं ताकि स्टारशिप (Starship) की लॉन्चिंग के समय आसपास के वातावरण में पर्यावरणीय नुकसान कम हो. आपके बता दें कि एलन मस्क चाहते हैं कि वो स्टारशिप रॉकेट से इंसानों को मंगल ग्रह पर भेजें और वहां पर पहली इंसानी कॉलोनी बनाएं. 

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अंतरिक्ष कंपनी के मालिक एलन मस्क (Elon Musk) ने कहा है कि अगर सबकुछ सही रहा तो मई के महीने में स्टारशिप (Starship) रॉकेट की पहली ऑर्बिटल लॉन्चिंग होगी. यानी यह यान धरती की निचली कक्षा तक जाकर वापस आएगा और सही सलामत लैंड करेगा. भविष्य में इसी रॉकेट के जरिए चांद और मंगल ग्रह पर अंतरिक्ष यात्रियों को भेजने की योजना है. 

स्टारशिप रॉकेट काफी बड़ा है. इसके लगातार परीक्षण किए जा रहे हैं. (फोटोः AFP)
स्टारशिप रॉकेट काफी बड़ा है. इसके लगातार परीक्षण किए जा रहे हैं. (फोटोः AFP)

स्पेसएक्स (SpaceX) स्टारशिप (Starship) को इसलिए बना रहा है ताकि इंसानों और कार्गो को चांद और मंगल ग्रह पर पहुंचाया जा सके. यह स्पेसक्राफ्ट दो हिस्सों में बंटा है. पहला नीचे वाला हिस्सा जिसे सुपर हैवी (Super Heavy) कहते हैं. ये बूस्टर है. दूसरा है अपर स्टेज स्पेसक्राफ्ट जिसे स्टारशिप (Starship) कहते हैं. दोनों ही एक बार पूरी तरह से उपयोग किए जाने के बाद दोबारा फिर से यूज किए जा सकते हैं.  

सुपर हैवी और स्टारशिप में स्पेसएक्स कंपनी का नया रैप्टर इंजन लगा है. सुपर हैवी में से 33 इंजन हैं और स्टारशिप में छह इंजन हैं. एलन मस्क ने कहा कि बहुत ढेर सारे इंजन बनाने में काफी मेहनत लगती है. लेकिन स्पेसएक्स अपने सही रास्ते में चल रहा है. अगर सबकुछ सही रहा तो बहुत जल्द हम स्टारशिप की पहली ऑर्बिटल लॉन्चिंग करेंगे. 

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इस लॉन्च को लेकर एक पड़ाव पार करना जरूरी था. ये पर्यावरणीय रिव्यू जिसे फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (FAA) ने पूरा किया है. अब FAA ने रिव्यू पूरा करने के बाद उड़ान और परीक्षण की अनुमति दे दी है. तो उम्मीद है कि स्पेसएक्स स्टारशिप की लॉन्चिंग को लेकर ज्यादा तेजी से काम करेगा.  

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