सूरज के सामने खड़े हैं आप. ये जो तस्वीर यहां पर दिख रही है, वह यूरोपियन स्पेस एजेंसी (European Space Agency - ESA) के सोलर ऑर्बिटर (Solar Orbiter) ने सूरज से आंखें मिलाकर ली हैं. ऑर्बिटर ने 7 मार्च 2022 को सूरज से कहा- भइया जी स्माइल प्लीज. और सूरज ने अपनी ये खूबसूरत तस्वीर दे दी. विज्ञान मजाक नहीं होता लेकिन हमने इसे आपके सामने हल्के-फुल्के अंदाज में रखा है.
यूरोपियन स्पेस एजेंसी (ESA) के सोलर ऑर्बिटर में लगा ताकतवर एक्सट्रीम अल्ट्रवॉयलेट इमेजर (EUI) एक शानदार कैमरा है. इसनें सूरज की फुल डिस्क इमेज यानी पूरे गोले की तस्वीर ली. जिसमें आपको बाहरी वायुमंडल (Outer Atmosphere) और कोरोना (Corona) एकसाथ दिख रहे हैं.
50 साल में पहली बार ली गई ऐसी तस्वीर
इसी एंगल से दूसरी तस्वीर भी ली गई. इसे लिया स्पेक्ट्रल इमेजिंग ऑफ द कोरोनल एनवायरमेंट (SPICE) नाम के पेलोड ने जो सोलर ऑर्बिटर पर लगा है. यह तस्वीर 50 सालों में पहली बार ली गई है. वह सूरज के सबसे नजदीक पहुंच कर. इस तस्वीर की खास बात ये है कि इसने सूरज के हाइड्रोजन गैस से निकले अल्ट्रावॉयलेट प्रकाश के लीमैन-बीटा वेवलेंथ (Lyman-Beta Wavelength) को कैप्चर किया है. ये वैज्ञानिकों के लिए खुशी की बात है. मामला भी थोड़ा तकनीकी है. हम आम इंसानों के लीमैन-बीटा वेवलेंथ से क्या? पर जानकारी तो जरूरी है न. आप यहां क्लिक करके इसकी ओरिजिनल साइट पर जाकर सूरज की पूरी फोटो जूम करके देख सकते हैं.
7.50 करोड़ किलोमीटर की दूरी से क्लिक हुई फोटो
यूरोपियन स्पेस एजेंसी (European Space Agency - ESA) के सोलर ऑर्बिटर (Solar Orbiter) ने सूरज की यह फोटो 7.50 करोड़ किलोमीटर की दूरी से ली गई है. EUI से ली गई यह तस्वीर अगर आप पूरी तरह से जूम करेंगे तो यह इतनी बड़ी हो जाएगी कि आपको अपने लैपटॉप स्क्रीन पर 25 अलग-अलग स्कीन और जोड़ने पड़ेंगे. तब आप पूरी तस्वीर को एकसाथ देख पाएंगे. इस तस्वीर को लेने में चार घंटे से ज्यादा समय लगा है. क्योंकि इस तस्वीर की हर टाइल्स को बनने में करीब 10 मिनट का समय लगा है. इसमें स्पेसक्राफ्ट का परफेक्ट एंगल पर आने का समय भी शामिल है.
कितने पिक्सल हैं सूरज की इस इमेज में
अगर यूरोपियन स्पेस एजेंसी (European Space Agency - ESA) के सोलर ऑर्बिटर (Solar Orbiter) द्वारा ली गई सूरज की इस हाई रेजोल्यूशन तस्वीर के पिक्सेल की बात करें तो आप हैरान हो जाएंगे. इस तस्वीर में 8.30 करोड़ पिक्सेल हैं. इनकी ग्रिड है 9148x9112. यानी यह किसी भी 4K टीवी डिस्प्ले से करीब 10 गुना ज्यादा बेहतर रेजोल्यूशन देती है.
अलग तापमान, अलग रंग, अलग गैस की मौजूदगी
सूरज पर अलग-अलग गैस मौजूद हैं. इनका अलग-अलग तापमान भी होता है. इनकी पहचान करने के लिए सोलर ऑर्बिटर में SPICE पेलोड लगा है. इसने अलग-अलग तापमान वाले गैस की तस्वीर ली है. यहां आपको समझाते हैं किस रंग का कितना तापमान और वह किस गैस से संबंधित रंग है. पर्पल (बैंगनी) रंग का गोला यानी सूरज हाइड्रोजन गैस को दर्शा रहा है. इसका तापमान 10 हजार डिग्री सेल्सियस है. नीला गोला कार्बन को दर्शाता है, इसका तापमान 32 हजार डिग्री सेल्सियस है. हरा रंग ऑक्सीजन का है, यह 3.20 लाख डिग्री सेल्सियस गर्म है. पीला गोला नियॉन गैस को दर्शाता है, जिसका तापमान 6.30 लाख डिग्री सेल्सियस है.
The hi-res version of this image contains more than 83 million pixels in a 9148 x 9112 pixel grid. That's a resolution about ten times better than what a 4K TV screen can display 🤩 Zoom in and #ExploreFarther 👉https://t.co/Zfl9P9SZ79 pic.twitter.com/ZAJOVESGGJ
— ESA Science (@esascience) March 24, 2022
26 मार्च को सोलर ऑर्बिटर पहुंचेगा सूरज के नजदीक
यूरोपियन स्पेस एजेंसी (European Space Agency - ESA) का सोलर ऑर्बिटर (Solar Orbiter) 26 मार्च को सूरज के सबसे नजदीक पहुंचने वाला है. यह बुध और सूरज की सीधी कक्षा में होगा. इसकी दूरी करीब 5 करोड़ किलोमीटर होगी. इस दौरान भी यह तस्वीरें लेता रहेगा और डेटा रिकॉर्ड करता रहेगा. इस मिशन में अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) भी शामिल है.