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पहली बार तंबाकू की पत्तियों से बनाया गया कोकीन, आएगा इस काम

सदियों से कोकीन कोका प्लांट से निकाला जाता रहा है. पहली बार कोकीन को तंबाकू की पत्तियों से निकाला गया है. वैज्ञानिकों ने इसमें सफलता हासिल कर ली है. कोकीन सिर्फ नशे के काम नहीं आता बल्कि इसकी दवाएं भी बनती हैं. आइए जानते हैं कि वैज्ञानिकों कैसे तंबाकू की पत्तियों से कोकीन बनाया.

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ये है कोका प्लांट की पत्तियां जो सदियों से नशे, दवा और बेहोशी के लिए इस्तेमाल हो रही हैं. इसी से कोकीन बनता आया है. (फोटोः AFP)
ये है कोका प्लांट की पत्तियां जो सदियों से नशे, दवा और बेहोशी के लिए इस्तेमाल हो रही हैं. इसी से कोकीन बनता आया है. (फोटोः AFP)

सदियों से कोकीन (Cocaine) को इंसान नशे, बेहोशी, अच्छी नींद और स्टीमुलेंट के तौर पर इस्तेमाल करते आ रहे हैं. इसे हजारों सालों से कोका प्लांट (Coca Plant) की प्रजातियों से सावधानी से निकाला जाता है. लेकिन पहली बार ऐसा हुआ है कि जब वैज्ञानिकों ने तंबाकू की पत्तियों से कोकीन बनाया गया है. 

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वैज्ञानिकों ने बायो-इंजीनियरिंग के जरिए तंबाकू की पत्तियों से कोकीन बनाया है. यह एक बेहद जटिल प्रक्रिया है. लेकिन चीन के कुनमिंग इंस्टीट्यूट ऑफ बॉटनी के वैज्ञानिकों ने यह कारनामा कर दिखाया. तंबाकू से सिर्फ कोकीन ही नहीं बनाया गया. बल्कि तंबाकू की पत्तियों और पौधे को अच्छे कामों में इस्तेमाल करने लायक बना लिया है. 

कोका प्लांट के बाद अब तंबाकू की जेनेटिक इंजीनियरिंग करके उससे कोकीन बनाया गया है. (फोटोः गेटी)
कोका प्लांट के बाद अब तंबाकू की जेनेटिक इंजीनियरिंग करके उससे कोकीन बनाया गया है. (फोटोः गेटी)

कोकीन एक प्रकार का जैविक कण है जो ट्रोपेन एल्केलॉयड्स (Tropane alkaloids) की श्रेणी में आता है. ये असल में उन पौधों से निकाला जाता है, जो एक तरह की झाड़ियां होती हैं. वो भी पूरी तरह से शाकाहारी. हम इंसानों ने तंबाकू और कोका प्लांट को अपने फायदे के हिसाब से विकसित किया. पैदावार बढ़ाई. उदाहरण के लिए हायोसायामाइन (Hyoscyamine) भी ट्रोपेन एल्केलॉयड्स हैं. यह दवा पुतलियों को डाइलेट करने, नशे में करने के लिए या सर्जरी के दौरान बेहोश करने के लिए दिया जाता है. 

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प्राचीन समय में लोग कोका प्लांट की पत्तियों को चबाते थे ताकि उन्हें ऊर्जा मिले. बाद में इसे बेहोशी के लिए इस्तेमाल किया जाने लगा. फिर नशे के लिए. फिर अवैध धंधे शुरू हो गए. कोकीन की स्मगलिंग होने लगी. रासायनकि तौर पर देखें तो कोकीन और हायोसायामाइन में बहुत समानता है. दोनों में एक मॉलीक्यूल पाया जाता है- 4-(1-methyl-2-pyrrolidinyl)-3-oxobutanoic acid (or MPOA) कहते हैं. 

वैज्ञानिकों के लिए यह पहेली आज तक बनी हुई है कि MPOA से अपनी सरंचना को कोकीन के अंदर कैसे बदला. जब इनकी स्टडी की जा रही थी, तब दो एंजाइम पता चले. इन एंजाइम्स की तंबाकू में शामिल किया गया. इसके बाद तंबाकू में छह कोकीन पैदा करने वाले जीन्स बने. तंबाकू के इस पौधे को Nicotiana benthamiana नाम दिया गया. अब इस तंबाकू से कोकीन निकाला जा रहा है. 

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