पहली बार इस बात के सबूत मिले हैं कि मादा मगरमच्छ बिना किसी नर से संबंध बनाए गर्भवती हो सकती है. अंडे दे सकती हैं. बात 2018 की है, लेकिन स्टडी अब तक चल रही थी. अब जाकर वैज्ञानिकों ने यह खुलासा किया कि मादा मगरमच्छों में यह काबिलियत होती है. इससे डायनासोरों के समय के माहौल के सबूत भी मिल रहे हैं.
साल 2018 में चिड़ियाघर में 16 साल से बंद एक अमेरिकी मादा मगरमच्छ ने कुछ अंडे दिए. जिसमें से एक अंडे में उसके जैसी ही मादा मगरमच्छ थी. अमेरिकी वैज्ञानिकों ने जब यह नजारा देखा तो हैरान रह गए. उन्होंने इस पूरी प्रक्रिया की जेनेटिक स्टडी करनी चाही.
जेनेटिक स्टडी से पता चला कि मगरमच्छों में वर्जिन बर्थ (Virgin Births) की काबिलियत होती है. इसे पार्थेनोजेनेसिस कहते हैं. यानी गर्भधारण की ऐसी प्रक्रिया जिसमें मादा को नर की जरुरत नहीं होती. सोचिए अगर यह प्रक्रिया करने की काबिलियत इंसानों में आ जाए तो क्या होगा.
हैरानी इस बात की थी कि सारे अंडों से बच्चे नहीं निकले, लेकिन वैज्ञानिक जानना चाहते थे कि आखिर यह प्रक्रिया कितनी पुरानी है. कितने वर्षों से मगरमच्छ या उनके पूर्वज यानी डायनासोर इस तरह से बच्चे पैदा कर रहे हैं. क्या यह गर्भधारण की कोई प्राचीन प्राकृतिक रणनीति है, जिसमें नर की जरुरत न हो.
अब वर्जिन बर्थ मगरमच्छों में भी दर्ज कर ली गई. इसके पहले हो सकता है कि यह प्रक्रिया डायनासोर भी करते रहे हों. मगरमच्छ और पक्षी असल में आर्चोसॉरस (Archosaurs) के परिवार से आते हैं. यानी जिसमें उड़ने वाले डायनासोर भी शामिल थे. जो उड़े वो पक्षी बन गए... जो नहीं उड़े वो मगरमच्छ.
वर्जीनिया टेक के इवोल्यूशनरी बायोलॉजिस्ट वॉरेन बूथ ने कहा कि यह खोज हैरान करने वाली है. इससे हमें प्राचीन डायनासोर यानी आर्चोसॉरस की वर्तमान पीढ़ी के रिप्रोडेक्शन सिस्टम का पता चलता है. आमतौर पार्थेनोजेनेसिस वह प्रक्रिया है, जिसमें मादा अकेले ही बच्चे पैदा करती है. उसे गर्भधारण करने के लिए नर के वीर्य की जरुरत नहीं होती.
Scientists have documented the first-known instance of a "virgin birth" by a crocodile, which had been living in isolation for 16 years at Costa Rican zoo, according to a study published Wednesday. https://t.co/EJehq6JjTx
— Reuters Science News (@ReutersScience) June 8, 2023
पार्थेनोजेनेसिस में यह भी होता है कि मादा रेप्टाइल्स यानी मादा सरिसृप कई बार नरों के वीर्य को कई वर्षों तक अपने शरीर में स्टोर करके रख सकते हैं. उनसे गर्भधारण कर लें. या फिर मादा मगरमच्छ अपनी ही दो कोशिकाओं को मिलाकर संभावित भ्रूण का निर्माण कर लेती हैं. यानी वह अकेले ही नए बच्चों की मां और पिता दोनों बन जाती है.
पौधे और बिना रीढ़ की हड्डी वाले जीव अक्सर यह प्रक्रिया करते हैं. रीढ़ की हड्डियों वाली 80 प्रजातियों में भी यह क्षमता पाई गई है. जैसे- छिपकलियां, सांप, शार्क, रे आदि. लेकिन ये तभी होता है जब मादा को कहीं पर बांध कर रखा जाए. या फिर चिड़ियाघर में अकेला छोड़ दिया जाए. जहां नर से उनका संपर्क न हो.