हाल ही में किए गए एक शोध से मछलियों के बारे में एक अनोखी जानकारी का पता चला है. मछलियां संख्या या किसी चीज की मात्रा को समझ सकती हैं. मोटे शब्दों में समझें तो मछली गणित समझती हैं. और मछलियों की ये समझ इंसानों के भी काम आ सकती है.
फ्रंटियर्स इन न्यूरोएनाटॉमी (Frontiers in Neuroanatomy) जर्नल में शोध प्रकाशित हुआ है. इसस शोध में 200 से ज्यादा अध्ययनों की समीक्षा की गई है और यह नतीजा निकाला गया कि मछलियां छोटी-मोटी कैल्कुलेशन कर सकती हैं. हां, इंसानों की तरह ज़ाहिर तौर पर गणित के सवाल नहीं करती हैं, लेकिन यह कह सकते हैं कि गणित की सबसे बुनियादी बातें समझ लेती हैं, जैसे- दो रीफ को देखकर ये अंदाजा लगा लेना कि किसमें छिपने की जगह ज्यादा है.
शोध के लेखक प्रोफेसर जियॉर्जियो वेलोर्टिगारा (Giorgio Vallortigara) का कहना है कि ज़ेब्राफिश (Zebrafish) जैसी प्रजातियां खासकर मात्रा की समझ (Sense of quantity) के आणविक और आनुवंशिक आधारों का अध्ययन करने के लिए बिल्कुल सही हैं. यह संख्या की समझ को प्रभावित करने वाले न्यूरोडेवलपमेंटल रोगों के लिए काफी प्रभावी हो सकती है. जैसे कि डेवलपमेंटल डिस्केकुलिया (Developmental dyscalculia), जिसकी वजह से 6 प्रतिशत बच्चों में गणित को समझने में परेशानी आती है.
सिर्फ मछली ही नहीं और भी कई जानवर ऐसे हैं जो अपने हिसाब से गिनती समझते हैं. इनमें मधुमक्खियां, भालू, मुर्गियां और चिंपांजी जैसे जानवर शामिल हैं. जानवर ऐसा क्यों और कैसे करते हैं, इसपर वेलोर्टिगारा का कहना है कि एनिमल किंगडम में अलग-अलग जगहों पर मात्रा की समझ, हो सकता है किसी एक कॉमन पूर्वज से आई हो या संमिलित विकास (Convergent evolution) की वजह से हो.
A new analysis, based on a review of more than 200 studies, has found that some fish are “on par with other animals in possessing a sense of quantity,”https://t.co/lmrYCWKPvM
— IFLScience (@IFLScience) July 15, 2022
Zebrafish न्यूरोलॉजी लैब के लिए अजनबी नहीं हैं. ये आनुवंशिक रूप से मनुष्यों के समान ही हैं. इसलिए ये बायोमेडिकल शोधकर्ताओं के लिए पसंदीदा मॉडल जानवर हैं. इस शोध में यह बताया गया है कि हम zebrafish के दिमाग को अच्छी तरह से समझ सकते हैं. साथ ही, हम इस समझ का इस्तेमाल डिस्केकुलिया जैसी चीजों को स्टडी करने के लिए कर सकते हैं.