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जोधपुर: तेजाब पीने से सिकुड़ गई थी आहारनली, डॉक्टरों ने रोबोट की मदद से ठीक किया

जोधपुर एम्स के निदेशक डॉ. संजीव मिश्रा ने बताया कि यह ऑपरेशन पूरी तरह से रोबोट ने किया है. इसे आइवर लुइस तकनीक कहते हैं. 

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जोधपुर एम्स में आहारनाल की सर्जरी करता रोबोट.
जोधपुर एम्स में आहारनाल की सर्जरी करता रोबोट.
स्टोरी हाइलाइट्स
  • जोधपुर AIIMS के डॉक्टरों का कमाल
  • आइवर लुइस तकनीक से की गई सर्जरी
  • मरीज ठीक हुआ, कर रहा है रिकवरी

राजस्थान के श्रीगंगानगर के एक युवक ने 9 महीने पहले तेजाब पी लिया था. जिससे उसकी आहारनाल यानी फूड पाइप सिकुड़ गया था. हालत बिगड़ने पर उसके घर वाले उसे जोधपुर एम्स (AIIMS Jodhpur) लेकर आए. यहां पर डॉक्टरों ने रोबोटिक सर्जरी से उसकी सिकुड़ी हुई आहारनाल को ठीक कर दिया.

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जोधपुर एम्स के निदेशक डॉ. संजीव मिश्रा ने बताया कि यह ऑपरेशन पूरी तरह से रोबोट ने किया है. इसे आइवर लुइस तकनीक कहते हैं. 

इस ऑपरेशन में सिर्फ 8 मिलीमीटर का चीरा लगाया गया था. उसके बाद रोबोट्स के हाथों ने मिलकर आहारनाल की सिकुड़न दूर की. एम्स जोधपुर के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ. एमके गर्ग ने बताया कि युवक लंबे समय से मुंह से खाना नहीं खा पा रहा था. उसके पेट में एक नली लगाकर उसे लगातार खाना दिया जा रहा था.  

सामान्य परिस्थितियों में इस तरह के ऑपरेशन करने के लिए लंबे चीरे लगाने पड़ते हैं, लेकिन डॉक्टरों ने यह तय किया कि रोबोटिक सर्जरी से ही ऑपरेशन किया जाए. इसके लिए डॉ. वैभव वाष्ण्रेय, डॉ. सेल्वाकुमार, डॉ. सुभाष, डॉ. पीयूष की एक टीम बनाई गई. इस टीम ने रोबोट के माध्यम से इस ऑपरेशन को सफलतापूर्वक किया.

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डॉ. वैभव के अनुसार गैस्ट्रो सर्जरी विभाग में पेट से जुड़ी जटिल बीमारियों के उपचार लगातार किए जा रहे हैं. इस ऑपरेशन में रोबोट द्वारा सर्जरी के दौरान पेट और छाती के बीच सिर्फ 8 मिलीमीटर के चार चीरे पास-पास लगाए गए. सामान्य तरीके से सर्जरी करने में इन चीरों की लंबाई बहुत ज्यादा बढ़ जाती है. मरीज को रिकवरी में भी समय लगता है. इस ऑपरेशन के बाद युवक को चौथे दिन मुंह से खाना दिया जाने लगा. उसके बाद मरीज को घर भेज दिया गया है. अब वह पूरी तरह से स्वस्थ है.

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