नॉर्वे में 14 अगस्त को 600 किलो की एक मादा वॉलरस को मार दिया गया. ये वॉलरस ओस्लो (Oslo) में लोगों के आकर्षण का केंद्र थी. लेकिन अधिकारियों ने यह कहते हुए इस वॉलरस को मौत दे दी कि वह मानव सुरक्षा के लिए खतरा थी.
इस वॉलरस की उम्र केवल 5 साल थी और इसे पहली बार 17 जुलाई को ओस्लोफजॉर्ड (Oslofjord) में देखा गया था. वहां आने वाले लोग इसे बहुत पसंद करते थे. लोगों ने नॉर्वे की सुंदरता और प्रेम की देवी के नाम पर इस वॉलरस का नाम फ्रेया (Freya) रखा था.
प्रेम की देवी पर नाम रखा, फिर मारा क्यों गया?
नॉर्वे के मत्स्य निदेशालय के प्रमुख फ्रैंक बक्के-जेन्सेन (Frank Bakke-Jensen) का कहना है कि मानव सुरक्षा के लिए खतरे के वैश्विक मूल्यांकन के आधार पर वॉलरस को मारने का फैसला किया गया था. उन्होंने कहा कि जो भी संभव हल हो सकता था हमने सभी की जांच की. हम इस नतीजे पर पहुंचे कि उपलब्ध किसी भी माध्यम से जानवर की सुरक्षा की गारंटी नहीं दी सकती.
मत्स्य निदेशालय के प्रवक्ता ओलाव लेकवर (Olav Lekver) का कहना था कि उनके पास कोई विकल्प नहीं था. फ्रेया ऐसे इलाके में थी जो उसके लिए नैचुरल नहीं था. उसे नियमों के मुताबिक ही मारा गया.
लेकिन फ्रेया से इंसानों को क्या खतरा हो सकता था?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ओस्लोफजॉर्ड में गर्मियों में काफी भीड़ होती है और नॉर्वे में फ्रेया सबकी चहेती थी. लोग इस विशाल जानवर के करीब जाते, उसके साथ तैरते, उसकी तस्वीरें लेते और कभी-कभी तो लोग बच्चों को भी खतरनाक तरीके से उसके पास ले जाते थे.
फ्रेया को भी शायद वह जगह पसंद थी क्योंकि खाने-पीने की वहां कोई कमी नहीं थी. ओस्लो के पानी में झींगे, मोलस्क, केकड़े और छोटी मछलियां हैं जो आमतौर पर वॉलरस खाते हैं. वॉलरस सामाजिक प्राणी होते हैं, इन्हें अकेले रहना पसंद नहीं. फ्रेया को शायद इंसानों का साथ पसंद आता था.
वह नावों पर चढ़ जाती थी, जो उसके वजन से लड़खड़ाने और चरमराने लगती थीं. वह नावों और घाटों पर घंटों सोती थी. फ्रेया को एक बतख का पीछा करते हुए और एक हंस पर हमला करते हुए फिल्माया गया था. ओलाव लेकवर ने यह भी कहा था कि फ्रेया ने पैडल बोर्ड और कश्ती पर लोगों का पीछा किया था.
सरकार ने लोगों से बार-बार कहा कि वे फ्रेया के पास न जाएं, लेकिन वे नहीं माने. पिछले हफ्ते, एक अल्टीमेटम जारी किया गया था कि अगर लोगों ने अपना व्यवहार नहीं बदला, तो फ्रेया को मार दिया जाएगा. लेकिन चेतावनी पर किसी ने ध्यान नहीं दिया. और आखिरकार, फ्रेया को मौत दे दी गई.
क्या वॉलरस वाकई खतरनाक जानवर हैं?
नहीं, वॉलरस आम तौर पर आक्रामक नहीं होते, जब तक कि इन्हें परेशान या उकसाया नहीं जाता. ये जंगली जानवर हैं. नर का वजन डेढ़ टन, मादाओं का वजन 900 किलो तक हो सकता है. इनके दांत, बड़े जानवर में एक मीटर तक लंबे हो सकते हैं और वजन कई किलो हो सकता है.
आर्कटिक में वॉलरस पर नजर रखने वालों को आम तौर पर वॉलरस से कम से कम 150 मीटर दूर रहने की चेतावनी दी जाती है, ताकि खतरे से बचा जा सके. पानी में, तैराकों और पैडलर्स को इससे दूर रहने के लिए कहा जाता है, क्योंकि ये कभी-कभी अपने दांतों से हमला कर सकते हैं.
वर्ल्ड वाइड फंड फॉर नेचर के मुताबिक, दुनिया में करीब 225,000 वॉलरस हैं. इनका प्राकृतिक आवास कनाडा, ग्रीनलैंड, नॉर्वे, रूस और अलास्का का बर्फीला पानी है.
Freya the walrus euthanised after troubling crowds in Oslo fjord https://t.co/Isj8MuXBKd
— The Guardian (@guardian) August 14, 2022
लोग इस फैसले से खुश नहीं
फ्रेया को मार दिए जाने की खबर से जानवर प्रेमी और फ्रेया को पसंद करने वाले लोग सरकार के इस फैसले की कड़ी निंदा कर रहे हैं. आलोचकों का कहना है कि फ्रेया को मारने का फैसला जल्दबाजी में लिया गया और यह ज़रूरी नहीं था. जबकि नॉर्वे के अधिकारियों का कहना है कि फ्रेया उन लोगों के लिए खतरा बन गई थी जो दूर रहने की चेतावनियों पर ध्यान नहीं दे रहे थे. देखा जाए तो इंसानों की गलती की सजा एक जानवर को दी गई. जिसपर अब सिर्फ अफसोस किया जा सकता है.