G20 Summit और उसमें आए अंतरराष्ट्रीय मेहमानों की सुरक्षा के लिए भारत की सरकार ने शानदार व्यवस्था की है. इसमें भारत की ताकत दिखाई दे रही है. दिल्ली के आसपास फाइटर जेट्स, सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें, एयर डिफेंस रॉकेट्स और निगरानी के लिए अवॉक्स आसमान में उड़ान भर रहे हैं.
अंबाला, बरेली, सिरसा, भटिंडा, ग्वालियर और आसपास के सभी एयरफोर्स स्टेशनों को ऑपरेशनल रेडिनेस प्लेटफॉर्म्स (ORPs) स्टैंड बाय रखा गया है. यानी इन सभी स्टेशनों पर दो या तीन फाइटर जेट 24x7 लगातार हथियारों से लैस तैनात रहेंगे. जरुरत पड़ने पर तुरंत ये आसमान में उड़ते नजर आएंगे. खतरे को आसमान में ही खत्म कर देंगे. आइए जानते हैं कौन-कौन से हथियारों को तैनात किया गया है.
राफेल फाइटर जेट...
भारतीय वायुसेना में 36 राफेल फाइटर जेट्स हैं. इसे एक या दो पायलट उड़ाते हैं. यह 50.1 फीट लंबी, विंगस्पैन 35.9 फीट और ऊंचाई 17.6 फीट है. इसकी अधिकतम गति 1912 KM/घंटा है. लेकिन कॉम्बैट रेंज 1850 किमी है. ऑपरेशनल रेंज 3700 KM है. यह अधिकतम 51,952 फीट की ऊंचाई तक जा सकता है.
यह एक सेकेंड में 305 मीटर की सीधी उड़ान भरने में सक्षम है. इसमें 30 मिमी की ऑटोकैनन लगी है, जो 125 राउंड प्रति मिनट दागती है. इसके अलावा इसमें 14 हार्डप्वाइंट्स हैं. इसमें एयर-टू-एयर, एयर-टू-ग्राउंड, एयर-टू-सरफेस, न्यूक्लियर डेटरेंस मिसाइलें लगा सकते हैं. इसके अलावा कई अन्य तरह के बमों को भी तैनात किया जा सकता है.
Mirage 2000 फाइटर जेट...
करगिल युद्ध हो या बालाकोट पर हमला. ये ही था. यह 2336 km प्रतिघंटा की गति से उड़ता है. इसकी रेंज 1550 km है. अधिकतम 55,970 फीट तक जा सकता है. इसमें 30 mm के दो रिवॉल्वर कैनन लगे हैं. हर मिनट 125 राउंड फायर करते हैं. 9 हार्ड प्वाइंट्स हैं. यानी इतनी मिसाइलें, रॉकेट या बम का मिश्रण लगा सकते हैं. इसके अलावा 68 mm के Matra अनगाइडेड रॉकेट पॉड्स लगे होते हैं. हर पॉड्स में 18 रॉकेट होते हैं.
Sukhoi-30 MKI...
सुखोई सू-30 एमकेआई लंबाई 72 फीट है. विंगस्पैन 48.3 फीट है. ऊंचाई 20.10 फीट है. इसका वजन 18,400 KG है. सुखोई की कॉम्बैट रेंज 3000 km है. बीच रास्ते में ईंधन मिल जाए तो यह 8000 km तक जा सकता है. यह अधिकतम 57 हजार फीट की ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है.
इसमें 30mm की एक ग्रिजेव-शिपुनोव ऑटोकैनन लगी है. जो एक मिनट में 150 राउंड फायर करती है. यानी दुश्मन का विमान, ड्रोन या हेलिकॉप्टर बच नहीं सकते. इसमें 12 हार्ड प्वाइंट्स लगे हैं. इसमें 4 तरह के रॉकेट्स लगा सकते हैं. चार तरह की मिसाइल और 10 तरह के बम लग सकते हैं. या फिर इन सबका मिश्रण लगाया जा सकता है.
सुखोई के हार्डप्वाइंट्स में मल्टीपल रैक्स लगाए जाएं तो इसमें 14 हथियार लगा सकते हैं. यह कुल 8130 KG वजन का हथियार उठा सकता है. इस फाइटर जेट में ब्रह्मोस मिसाइलें भी तैनात हो सकती हैं.
MRSAM...
भारतीय सेना ने दिल्ली के आसपास इन मिसाइलों को तैनात किया है. ये हैं मध्यम रेंज की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल (Medium Range Surface to Air Missile - MRSAM). इसे DRDO ने इजरायल के IAI कंपनी के साथ मिलकर बनाया है. इस मिसाइल का वजन करीब 275 KG होता है. इसकी गति है 680 मीटर प्रति सेकेंड यानी 2448 किलोमीटर प्रतिघंटा.
लंबाई 4.5 मीटर और व्यास 0.45 मीटर होता है. इस मिसाइल पर 60 किलोग्राम वॉरहेड यानी हथियार लोड किया जा सकता है. यह दो स्टेज की मिसाइल है, जो लॉन्च होने के बाद धुआं कम छोड़ती है. इसकी रेंज आधा km से 100 किलोमीटर तक है. यानी इस रेंज में आने वाले दुश्मन यान, विमान, ड्रोन या मिसाइल को नेस्तानाबूत कर सकती है.
आकाश मिसाइल...
आकाश मिसाइल में स्वदेशी एक्टिव RF सीकर लगा है, जो दुश्मन के टारगेट को पहचानने की सटीकता को बढ़ाता है. इसकी रेंज 40 से 80 किलोमीटर है. इसमें एक्टिव इलेक्ट्रॉनिकली स्कैन्ड ऐरे मल्टी फंक्शन राडार (MFR) लगा है जो एकसाथ कई दुश्मन मिसाइलों या विमानों को स्कैन कर सकता है.
इस मिसाइल का कुल वजन 720 किलोग्राम है. इसकी लंबाई 19 फीट और व्यास 1.16 फीट है. ये अपने साथ 60 KG वजन का हथियार ले जा सकता है. इसके तीन वैरिएंट मौजूद हैं- पहला आकाश एमके- रेंज 30KM. आकाश एमके.2 - रेंज 40KM. आकाश-एनजी - रेंज 80KM है.
ये मिसाइल 20 किलोमीटर की ऊंचाई तक जाकर दुश्मन के विमान या मिसाइल को नष्ट कर सकती है. सबसे ज्यादा खतरनाक इसकी गति है. इसकी गति 3.5 मैक यानी 4321 किलोमीटर प्रतिघंटा है. यानी एक सेंकेंड में सवा किलोमीटर की दूरी तय करता है. दिल्ली के अलावा इस मिसाइल सिस्टम को आसपास के स्टेशनों पर भी तैनात किया गया है.
नेत्र अवॉक्स सिस्टम...
यह आसमान में नजर रखने वाला विमान है. जो अत्यधिक ऊंचाई पर उड़ते हुए चारों तरफ नजर रखता है. इसका मुख्य काम है आसमान से आने वाले खतरों से सेना, मिसाइल सिस्टम आदि को सूचना देना. इसके राडार 360 डिग्री पर नजर रखते हैं. जैसे ही कोई दुश्मन का विमान, फाइटर जेट, हेलिकॉप्टर या ड्रोन दिखेगा, ये उसकी सूचना तत्काल सेना को दे देगा.