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14 दिसंबर की रात हर घंटे आसमान से गिरेंगे 120 उल्कापिंड, ऐसे देख सकते हैं ये खूबसूरत नजारा

14 दिसंबर 2022 यानी कल आसमान में हर घंटे 120 उल्कापिंडों की बारिश होगी. यह जेमिनिड मेटियोर शॉवर है. हम आपको बताते हैं कि आप यह आसमानी आतिशबाजी कैसे और कहां से देख सकते हैं? ये भी कि ये उल्कापिंड आ कहां से रहे हैं?

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14 दिसंबर 2022 की रात जेमिनिड उल्कापिंडों की बारिश होगी तेज. (प्रतीकात्मक फोटोः गेटी)
14 दिसंबर 2022 की रात जेमिनिड उल्कापिंडों की बारिश होगी तेज. (प्रतीकात्मक फोटोः गेटी)

14 दिसंबर 2022 को साल में एक बार होने वाली अद्भुत आकाशीय घटना होने वाली है. हर घंटे 120 उल्कापिंडों की बारिश होगी. इसे जेमिनिड मेटियोर शॉवर (Geminid Meteor Shower) कहते हैं. भारत में लोग इसे शाम साढ़े छह बजे के बाद देख सकते हैं. अगर आसमान साफ रहेगा तो आपको आसमानी आतिशबाजी देखने को मिलेगी. 

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Geminid Meteor Shower

बेहतरीन नजारा शाम को अंधेरा होने के बाद ही देखने को मिलेगा. जेमिनिड उल्कापिंडों की बारिश 4 दिसंबर 2022 से शुरू हुई है. यह 17 दिसंबर को खत्म हो जाएगी. इस पूरे समय में आसमान में उल्कापिंडों की बारिश होती दिखेगी. लेकिन 14 दिसंबर की रात यह ज्यादा तीव्र और सबसे अधिक खूबसूरत होगी. यह उल्कापिंड जेमिनी नक्षत्र से आ रहे हैं. 

आपको यह खूबसूरत नजारा 14 दिसंबर की देर रात तक देखने को मिल सकता है. यानी ठंडी के बेहतरीन कपड़े पहनकर चाय-वाय लेकर आप छत या बालकनी पर बैठकर इस आकाशीय घटना का मजा ले सकते हैं. जैसे-जैसे धरती घूमती जाएगी, उल्कापिंडों की बारिश दूसरे देशों को दिखती जाएगी. आपकी आंखों से ओझल होती चली जाएगी. दिन में भी यह बारिश हो रही है लेकिन सूरज की रोशनी में यह दिखती नहीं है. 

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Geminid Meteor Shower

आसमान जितना ज्यादा साफ होगा. अंधेरे वाला होगा... उल्कापिंडों की ये बारिश अत्यधिक स्पष्ट दिखाई देगी. हालांकि आप अपने टेलिस्कोप या दूरबीन का भी इस्तेमाल कर सकते हैं. उल्कापिंडों की बारिश तब दिखाई देती है, जब पृथ्वी सूरज की उस कक्षा में पहुंचती है, जहां पर उल्कापिंडों की बड़ी बेल्ट है. ये उल्कापिंड जब पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण शक्ति की वजह से हमारे वायुमंडल में प्रवेश करते हैं, तो ये जलते हुए दिखाई देते हैं. ऐसे लगता है कि आसमानी बारिश हो रही है. 

जेमिनिड उल्कापिंडों की बारिश पथरीले धूमकेतु 3200 फैथॉन (3200 Phaethon) के पीछे छोटे हुए पत्थरों के टुकड़े हैं. यह धूमकेतु 5.8 किलोमीटर का बेहद बड़ा आसमानी पत्थर है. जब यह सूरज के करीब से गुजरता है तब इसके टुकड़े तेजी से पीछे निकलते जाते हैं. अंतरिक्ष में उल्कापिंडों के रूप में बनते चले जाते हैं. पृथ्वी जब इनके करीब से निकलती है तो ये आसमानी बारिश करते हैं. फैथॉन से निकलने वाले पत्थर 1.27 लाख किलोमीटर प्रतिघंटा की गति से धरती के वायुमंडल में प्रवेश करते हैं. 

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