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खोजा गया दुनिया का सबसे बड़ा बैक्टीरिया, सामान्य से 5 हजार गुना ज्यादा बड़ा

सामान्य तौर पर आप बैक्टीरिया को देख नहीं सकते, क्योंकि ये बहुत छोटे होते हैं. लेकिन वैज्ञानिकों ने दुनिया के सबसे बड़े बैक्टीरिया की खोज की है, जिसे देखा भी जा सकता है. इसकी लंबाई 2 सेंटीमीटर है.

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सामान्य तौर पर देखा जा सकता है ये बैक्टीरिया (Photo: Tomas Tyml)
सामान्य तौर पर देखा जा सकता है ये बैक्टीरिया (Photo: Tomas Tyml)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • सबसे बड़े बैक्टीरिया की लंबाई 2 सेंटीमीटर
  • नाखून की तरह सख्त है ये बैक्टीरिया

हाल ही में वैज्ञानिकों ने बैक्टीरिया (Bacteria) की एक नई प्रजाति की खोज की है. इस प्रजाति के बैक्टीरिया को अब तक का सबसे बड़ा बैक्टीरिया कहा जा रहा है. इस एक कोशिका वाले बैक्टीरिया की कोशिका इतनी बड़ी है कि उसकी तुलना, एक सेंटीमीटर लंबी इंसान की पलकों से की जा सकती है. यह बैक्टीरिया सामान्य बैक्टीरिया की तुलना में करीब 5,000 गुना ज्यादा बड़ा है.

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शोध के लेखक और लॉरेंस बर्कले नेशनल लेबोरेटरी (Lawrence Berkeley National Laboratory) में  मरीन बायोलॉजिस्ट जीन-मैरी वोलैंड (Jean-Marie Volland) का कहना है कि इतने बड़े बैक्टीरिया का मिलना वाकई काफी आश्चर्य की बात थी.

biggest bacteria
इस बैक्टीरिया को देखकर वैज्ञनिक हैरान थे (Photo: Jean-Marie Volland)

साइंस (Science) जर्नल में प्रकाशित एक नए शोध के मुताबिक, थियोमार्गरीटा मैग्निफ़ा (Thiomargarita magnifica) नाम के इस बैक्टीरिया की खोज सबसे पहले, गुआदेलूप में यूनिवर्सिटी डेस एंटिल्स (Université des Antilles) के मरीन बायोलॉजी के प्रोफेसर ओलिवियर ग्रोस (Olivier Gros) ने की थी. उन्हें यह बैक्टीरिया तब दिखा जब वे कैरिबियन मैंग्रोव दलदल में फंस गए थे.

इसके बड़े आकार की वजह से पहले इसे एक यूकेरियोट (Eukaryote) मान लिया गया था. यह एक तरह की कोशिकाएं होती हैं जिनसे जानवर और पौधे बने होते हैं. लेकिन जब इसे माइक्रोस्कोप से देखा गया, तो पता लगा कि इसमें यूकेरियोटिक कोशिका जैसा कुछ नहीं था, साफ तौर पर न्यूक्लियस और माइटोकॉन्ड्रिया दिख रहे थे. आगे खोज करने पर पता चला कि यह एक जीवाणु यानी बैक्टीरिया था.

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 बड़े आकार की वजह से पहले इसे एक यूकेरियोट माना गया था (Photo:Olivier Gros)

अधिकांश बैक्टीरियल सेल बहुत सूक्ष्म होती हैं, यानी इनकी लंबाई करीब दो माइक्रोमीटर होती है. कुछ बड़े बैक्टीरिया कुछ सौ माइक्रोमीटर के हो सकते हैं. लेकिन इस नई प्रजाति के बैक्टीरिया की लंबाई 20,000 माइक्रोमीटर है यानी ये दो सेंटीमीटर लंबे है. 

ये बैक्टीरिया नाखून की तरह सख्त भी होते हैं. यह असामान्य तरीके से प्रजनन करते हैं. फिलामेंट सिकुड़ता है और डीएनए वाली बड बनाने के लिए अलग हो जाता है. यह बड इसके बाद अलग हो जाती है.

 

इनके डराने वाले आकार के बावजूद भी मनुष्यों को इनसे कोई खतरा नहीं हैं. वैज्ञानिकों ने टी. मैग्निफा बैक्टीरिया के जीनोमिक स्ट्रक्चर का भी पता लगाया. डीएनए विश्लेषण से पता चला कि इसमें ज्यादातर बाक्टीरिया के मुकाबले तीन गुना ज्यादा जीन थे.

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