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अमेरिकी नौसेना के युद्धपोत पर समंदर के शैतान ने किया था हमला, जानिए क्या थी वह कहानी

अमेरिकी युद्धपोत अपने मिशन पर था. अचानक ऐसा लगा जैसे कोई बहुत बड़ी चीज ने पूरे पोत को हिला दिया हो. इसके बाद राडार सिस्टम ने काम करना बंद कर दिया. युद्धपोत को तुंरत वापस लौटना पड़ा. होम बेस पर पहुंच कर जब जहाज के निचले हिस्सों की जांच की गई तो नौसैनिक और इंजीनियर हैरान रह गए.

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ये है अमेरिकी नौसेना का युद्धपोत USS Stein. इसपर समुद्री शैतान का हमला 1978 में हुआ था. (फोटोः US Navy/Wikipedia)
ये है अमेरिकी नौसेना का युद्धपोत USS Stein. इसपर समुद्री शैतान का हमला 1978 में हुआ था. (फोटोः US Navy/Wikipedia)

साल 1978. अमेरिकी नौसेना का युद्धपोत USS Stein अपने मिशन पर निकला. बीच रास्ते में एक आपातकालीन स्थिति पैदा हो गई. युद्धपोत के निचले हिस्से से किसी भयानक विशालकाय चीज ने टक्कर मारी थी. इसके तुरंत बाद राडार सिस्टम ने काम करना बंद कर दिया. अब बिना राडार सिस्टम के युद्धपोत चल तो सकता नहीं था. क्योंकि उसे यह नहीं पता चल रहा था कि समुद्र के अंदर दुश्मन की पनडुब्बियां कितनी हैं. 

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कहते हैं कि प्राचीन समय में क्राकेन नाम के समुद्री शैतान जहाजों पर करता था हमला. (फोटोः गेटी)
कहते हैं कि प्राचीन समय में क्राकेन नाम के समुद्री शैतान जहाजों पर करता था हमला. (फोटोः गेटी)

तुरंत युद्धपोत स्टीन को वापस घुमाया गया. उसे होम बेस ले जाया गया. जहां उसे ड्राई डॉक किया गया. जब जहाज के निचले हिस्से की जांच की गई तो पता चला कि नीचे की तरफ मौजूद राडार डोम की कवरिंग कई जगह से फट गई हैं. इस डोम का वजन 27,215 किलोग्राम था. राडार डोम के बाहर लगाई गई रबर की कोटिंग पूरी तरह से चीथड़े-चीथड़े हो गई थी. सतह के 8 फीसदी हिस्से में कटने-फटने के निशान थे. कुछ कटने-फटने के निशान 4 फीट लंबे थे. यह रबर कोटिंग किसी ऐसे दैत्य ने फाड़ी थी, जिसके पास बहुत ज्यादा ताकत रही होगी. 

इस समुद्री शैतान के कुछ दांत जहाज के निचले हिस्से में धंसे रह गए थे. शुरुआत में ऐसे लगा जैसे मगरमच्छों के समूह ने युद्धपोत पर हमला किया हो. लेकिन समुद्र में यह संभव नहीं है. यह पता करने के लिए कि युद्धपोत स्टीन पर कौन से शैतान ने हमला किया. नौसेना के बायोलॉजिस्ट एफजी वुड को बुलाया गया. ताकि वो रबर कोटिंग की जांच कर सकें. जांच के बाद एफजी वुड ने बताया कि दांत और पंजों के जो निशान दिखे हैं. जितने दांत मिले हैं. उन्हें देख लगता है कि यह कोई बेहद विशालकाय जीव था. जिसके पास कई दांत और पंजे थे. 

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ये है कोलोसल जायंट स्क्विड के सूंड में लगे दांत. घुमावदार और तेज. (फोटोः afp)
ये है कोलोसल जायंट स्क्विड के सूंड में लगे दांत. घुमावदार और तेज. (फोटोः afp)

एफजी वुड ने कहा कि यह कोई बड़ा स्क्विड हो सकता है. क्योंकि इसके दांत स्क्विड के दांत जैसे ही थे. लेकिन ऐसा भी हो सकता है कि ये स्क्विड न हो. उसके जैसे दांतों वाला कोई ऐसा विशालकाय जीव हो, जिसकी खोज अभी तक न हुई हो. दांतों के आकार की गणना करके वुड ने बताया कि यह स्क्विड कम से कम 150 फीट लंबा रहा होगा. यानी स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी की ऊंचाई का आधा. यह कोई क्राकेन भी नहीं था. लेकिन जिस भी जीव ने अमेरिकी युद्धपोत पर हमला किया था. वह बेहद बड़ा था. उसके दांत घुमावदार थे. ताकि वह शिकार से चिपक सके. जरुरत पड़ने पर उसे फाड़ सके. 

आमतौर पर जब स्क्विड को अपनी जीवन खत्म करना होता है. तब वह किसी नाव, बोट या बड़े जहाज के निचले हिस्से से चिपक कर मर जाती है. ऐसा हो सकता है कि कोई जायंट स्क्विड मरने के करीब हो और उसने इसी व्यवहार की वजह से युद्धपोत के निचले हिस्से में अपने दांत वाले सूंड़ों को फंसाया हो. स्क्विड के हमले के निशाल स्पर्म व्हेल्स के शरीर पर भी दिखते हैं. क्योंकि दोनों एक दूसरे के कट्टर दुश्मन हैं. व्हेल्स इन स्क्विड्स को खाती हैं. ऐसे में स्क्विड्स अपने सूंड से हमला करती हैं. हो सकता है कि स्क्विड को राडार डोम व्हेल जैसी दिखी हो, इस वजह से उसने हमला कर दिया. 

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