Iceland में मछुआरों का वो कस्बा जहां पिछले दो महीनों से ज्वालामुखी विस्फोट हो रहा है. वहां अब जमीन फूलने लगी है. यानी सूज रही है. जमीन में सूजन आ रही है. ग्रिंडाविक (Grindavik) नाम के इस कस्बे से मात्र आधा किलोमीटर दूर नई दरार बनी थी. जिसमें से लावा निकल रहा था. अब यहां पर डर है दरारों के धंसने का.
आइसलैंड के मौसम विभाग ने कहा कि इस समय इन भयानक दरारों के धंसने की आशंका है. क्योंकि इनकी वजह से आसपास की जमीन सूज रही है. फूल रही है. यानी जमीन के नीचे बहुत ज्यादा बड़े स्तर पर गैस बन रही हैं. जैसे ही गैस रिलीज हुई, ये मिट्टी कई फीट नीचे धंस जाएगी. ग्रिंडाविक की जमीन अब अस्थिर है.
ग्रिंडाविक के उत्तर में बनी दरारों से लावा बहकर कस्बे तक आ पहुंचा है. कई घरों को उसने जला भी दिया है. फिलहाल ज्वालामुखी विस्फोट नहीं हो रहा है, लेकिन ग्रिंडाविक के आसपास के इलाके के हजार्ड मैप को लाल से घटाकर नारंगी कर दिया गया है. लेकिन अब जमीन धंसने का खतरा बढ़ गया है. वैज्ञानिक नई प्राकृतिक घटना से परेशान हैं.
लावा विस्फोट-दरारों का खतरा कम, लेकिन नई मुसीबत सामने
मौसम विभाग के वैज्ञानिकों ने कहा कि ग्रिंडाविक में लावा विस्फोट का दर्जा तो कम कर दिया गया है, लेकिन अब जमीन फूलने की जानकारी मिली है. ये ठीक वैसा ही है जैसे दूध उबलते समय पहले ऊपर उठता है फिर मलाई फटते ही नीचे गिर जाता है. ऐसे में जमीन के धंसने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. पूरा कस्बा खत्म हो सकता है. या कुछ हिस्सा.
धरती के फूलने से नई टेंशन में आए आइसलैंड के वैज्ञानिक
इस समय ग्रिंडाविक के पास की दरारें बढ़ नहीं रही हैं. न ही उनसे लगातार लावा निकल रहा है. लेकिन नई दरारों के बनने की आशंका पैदा हो रही है. उसकी वजह है जमीन का सूजना है. सैटेलाइट डेटा भी दरारों के बढ़ने की ओर इशारा नहीं कर रहा है. लावा और दरारों के बढ़ने का खतरा तो कम हुआ है लेकिन धरती के फूलने से नई टेंशन है.
ग्रिंडाविक कस्बा एक बड़े खतरे के मुहाने पर खड़ा है
यूनिवर्सिटी ऑफ पोर्ट्समाउथ में ज्वालामुखी एक्सपर्ट कार्मेन सोलाना ने कहा कि यह इलाका फिर से रीएक्टीवेट हो चुका है. कोई वैज्ञानिक ये नहीं बता सकता कि अगला विस्फोट कब और कितना तीव्र होगा. कहां होगा. न ही ये बता सकता है कि ये कस्बा कितने बड़े खतरे के मुहाने पर बैठा है. अगर जमीन धंसी तो पूरा कस्बे लावा में समा जाएगा.