भारत के पास एक ऐसा ड्रोन है, जिसका उपयोग कई तरह से किया जा सकता है. फिलहाल इसे विकसित किया जा रहा है. लेकिन अगले 2-3 सालों में इसे भारतीय मिलिट्री में शामिल किया जा सकता है. इसका नाम है कॉम्बैट एयर टीमिंग सिस्टम (CATS). इसे बनाया है हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) और DRDO के साथ दो अन्य संस्थाओं ने मिलकर. इनका उपयोग आमतौर पर भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) और भारतीय नौसेना (Indian Navy) करेंगे.
CATS के चार वैरिएंट्स बनाए जा रहे हैं. कैट्स वॉरियर (CATS Warrior), कैट्स हंटर (CATS Hunter), कैट्स अल्फा (CATS Alfa) और कैट्स इन्फिनिटी (CATS Infinity). चारों का अलग-अलग उपयोग किया जा सकता है. या फिर एकसाथ एक ही तरह के काम के लिए. इनपर काम की शुरुआत साल 2018 में किया गया था. आज हम आपको इनके चारों वैरिएंट्स के बारे में बताएंगे.
कैट्स वॉरियर (CATS Warrior)
DRDO लक्ष्य ड्रोन की तरह ही एचएएल के कैट्स वॉरियर ड्रोन में पीटीएई-7 ट्विन टर्बोजेट इंजन लगा है. ये वॉरियर ड्रोन 2-4 का फॉर्मेशन बनाकर हमला करता है. यह स्टेल्थ ड्रोन है. यानी राडार को धोखा देने में माहिर. इसकी रेंज है 150 किलोमीटर. यह निगरानी, जासूसी, हमला और आत्मघाती हमला करने में सक्षम है. सुसाइड मिशन पर इसकी रेंज को बढ़ाकर 700 किलोमीटर किया जा सकता है. यह ऐसा ड्रोन है जिसमें दो कैट्स अल्फा (CATS Alfa-S) ड्रोन भी भेजे जा सकते हैं. ये इन दोनों ड्रोन्स को दुश्मन पर दाग कर वापस आ सकता है अगर रेंज 350 किलोमीटर की हो तो. HAL इस ड्रोन के लिए 390 करोड़ रुपये का निवेश कर रहा है.
कैट्स हंटर (CATS Hunter)
कैट्स हंटर ड्रोन का वजन 600 किलोग्राम है. यह भी PTAE-7 ट्विन टर्बोजेट इंजन से उड़ता है. इसका डिजाइन मिसाइल की तरह बनाया गया है. यह स्टैंडऑफ एयर लॉन्च्ड क्रूज मिसाइल की तरह दागी जाती है. इसे भारतीय वायुसेना अपने फाइटर जेट्स मिराज-2000, जगुआर या सुखोई सू-30एमकेआई में भी लगा सकती है. इसके विंग्स मुड़ सकते हैं. यह 250 किलोग्राम वजन का हथियार उठा सकता है. या खुद ही आत्मघाती हथियार बन सकता है. इसकी मारक रेंज 200 से 300 किलोमीटर है. एक बार टारगेट पर बम गिराने के बाद ये वापस भी लौट सकता है. यह दुनिया के किसी भी नेविगेशन प्रणाली को फॉलो करके दुश्मन पर हमला करने में सक्षम है.
कैट्स अल्फा (CATS Alfa)
कैट्स अल्फा स्वार्म अटैक के लिए बनाया गया है. यह एयर लॉन्च्ड फ्लेक्सिबल एसेट स्वार्म (ALFA-S) नाम से जाना जाता है. यह एक आत्मघाती हथियार है. यानी एक बार इसे छोड़ दिया तो ये दुश्मन के टारगेट पर जाकर खुद के साथ-साथ उसे भी बर्बाद कर देता है. यह ग्लाइड करते हुए 100 किलोमीटर की रेंज तक जा सकता है. यह 5 से 8 किलोग्राम विस्फोटक लेकर 100 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से दुश्मन पर हमला कर सकती है. यह करीब 1 से 2 मीटर लंबी है और इसका वजन 25 किलोग्राम है. इसे फाइटर जेट्स में भी लगाया जा सकता है. जगुआर फाइटर जेट्स में 24 ALFA-S ड्रोन लगाए जा सकते हैं. सुखोई फाइटर जेट से 30 से 40 अल्फा ड्रोन दागे जा सकते हैं.
कैट्स इन्फिनिटी (CATS Infinity)
इसे न्यूस्पेस रिसर्च एंड टेक्नोलॉजी विकसित करने में लगी है. यह हाई एल्टीट्यूट सूडो सैटेलाइट (HAPS) के तौर पर उपयोग की जाएगी. यह ऐसा ड्रोन होगा जो 70 हजार फीट की ऊंचाई पर तीन महीने तक लगातार उड़ान भर सकता है. इसका वजन 500 किलोग्राम होगा. यह इतनी ऊंचाई से लगातार निगरानी कर सकता है. इसका विंग स्पैन 50 मीटर होगा. इसकी क्रूज स्पीड 90 से 100 किलोमीटर की होगी. इसका मुख्य काम जासूसी, निगरानी होगा. भविष्य में इसे हमला करने के लिए भी तैयार किया जा सकता है.