जून और जुलाई 2022 में तापमान इतना बढ़ा कि यूरोप, उत्तरी अफ्रीका, मिडल-ईस्ट और एशिया के कई इलाकों में पारा 40 डिग्री सेल्सियस पार कर गया. कई जगहों पर तो पारे ने थर्मामीटर का रिकॉर्ड तोड़ डाला. यह जो नक्शा आप देख रहे हैं, यह 13 जुलाई 2022 का है. इसमें धरती के पूर्वी गोलार्ध के ऊपर सरफेस एयर टेंपरेचर दिखाया गया है. जो 40 डिग्री सेल्सियस के ऊपर है.
इस नक्शे को गोडार्ड अर्थ ऑब्जरविंग सिस्टम (GOES) के ग्लोबल मॉडल से प्राप्त डेटा से बनाया गया है. इन नक्शे के मुताबिक वायुमंडल में बढ़ी हुई गर्मी और स्थानीयता आधार पर तापमान निकाला गया है. नासा गोडार्ड स्पेस फ्लाइट सेंटर में ग्लोबल मॉडलिंग एंड एसिमिलेशन के प्रमुख स्टीवन पॉसन ने कहा कि आप इस नक्शे में लाल रंग वाले गर्म और नीले रंग वाले ठंडे इलाके स्पष्ट तौर पर देख सकते हैं.
स्टीवन ने कहा कि इंसानों द्वारा फैलाए जा रहे प्रदूषण, ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन की वजह से लगातार जलवायु परिवर्तन हो रहा है. वैश्विक स्तर पर गर्मी बढ़ रही है. पश्चिमी यूरोप में भयानक सूखा फैल रहा है. गर्मी और सूखे की वजह से पुर्तगाल, स्पेन और फ्रांस के कुछ हिस्सों में जंगली आग फैल रही है. पुर्तगाल में तापमान 45 डिग्री सेल्सियस तक तापमान पहुंच गया है. यहां पर लीरिया नाम के कस्बे का 7400 एकड़ का इलाका जल गया है. पुर्तगाल के आधे हिस्से में 14 जगहों पर जंगल की आग जल रही है.
डोलोमाइट पर मामोलाडा ग्लेशियर गर्मी की वजह से टूटा और वहां हुए हिमस्खलन में 11 हाइकर्स को मारे गए. इंग्लैंड ने पूरे देश में एक्स्ट्रीम हीट की वॉर्निंग दे रखी है. उत्तरी अफ्रीका के ट्यूनीशिया में हीटवेव की वजह से फसल खराब हो गई है. राजधानी ट्यूनिस में 13 जुलाई को तापमान 48 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया था. ईरान में तापमान सबसे अधिक 52 डिग्री सेल्सियस तक पार पहुंच गया था.
On July 13, 2022, Earth satellites captured temperatures rising above 40 degrees Celsius (104 degrees Fahrenheit) due to extreme, record-breaking heatwaves across much of Europe, Africa, and Asia: https://t.co/tD6DmpXMyz pic.twitter.com/cb3P1F699Y
— NASA (@NASA) July 18, 2022
चीन में तो सड़के पिघल गईं. छत टूट गए. शंघाई में तापमान 40.9 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया था. वहां पर ह्यूमेडिटी भी बढ़ी हुई है. सिर्फ इतना ही नहीं नासा ने दो नक्शे और जारी किए हैं. जिसमें 46 साल में कैसे पूरी दुनिया की शक्ल बिगड़ गई. यानी 1976 से 2022 तक कैसे नक्शा नीले से लाल होता चला गया.