खाने में टिंडे की सब्जी और रोटी देखकर मूड खराब हो गया. 'क्या ही बकवास खाना है. लोग लौकी-टिंडे आखिर बनाते ही क्यों हैं?' ऊपर वाले को शुक्रिया कहिए कि उन्होंने इंसानों को इतनी समझ दी कि उन्होंने खाने के लिए अनाज और साग-सब्जियां उगाना शुरू किया. वरना हम अब भी घोंघे खा रहे होते. जी हां...1.70 लाख साल पहले इंसान घोंघे खाता था. वो भी इसलिए कि ये आसानी से पकड़े जाते थे.
हाल ही में, क्वाटरनरी साइंस रिव्यूज़ में प्रकाशित शोध के मुताबिक, होमो सेपियन्स (Homo sapiens) के ज़मीन पर पाए जाने वाले घोंघे खाने के सबसे पुराने प्रमाण अफ्रीका और यूरोप से मिलते हैं, जो 49,000 और 36,000 साल पुराने हैं. लेकिन लाखों साल पहले, दक्षिण अफ्रीका की चट्टानों में रहने वाले इंसान इन लिसलिसे लेकिन पौष्टिक घोंघों को भुनकर खाते थे. ये घोंघे तब एक वयस्क के हाथ जितने बड़े रहे होंगे.
ब्रसेल्स में रॉयल इंस्टीट्यूट फॉर कल्चरल हेरिटेज की कैमिस्ट मरीन वोज़सीज़क (Marine Wojcieszak) पुरातात्विक स्थलों और कलाकृतियों के रासायनिक गुणों का अध्ययन करती हैं. उनका कहना है कि दक्षिण अफ्रीका की सीमा पर पाई गई गुफा की जब खुदाई की गई, तब वहां घोंघे के खोल के टुकड़े मिले. इनकी जांच से पता चला कि शिकारी अंगारों पर इन बड़े अफ्रीकी घोंघों को भूना करते थे और फिर उन्हें खा लेते थे.
शोधकर्ताओं का कहना है कि ये पकवान करीब 160,000 और 70,000 साल पहले खासा लोकप्रिय था. उस समय के दौरान, तलछट परतों (Sediment layers) में घोंघे के खोल के काफी बड़े टुकड़े मिले हैं. शोधकर्ताओं के मुताबिक, बॉर्डर केव में नई खोज एक प्रभावशाली विचार को चुनौती देती है कि इंसानों ने घोंघों को अपने आहार में तब तक शामिल नहीं किया था, जब तक कि अंतिम हिमयुग करीब 15,000 से 10,000 साल पहले कम नहीं हो गया.
इससे बहुत पहले, दक्षिणी अफ्रीका में शिकारी ग्रामीण इलाकों में घूमते हुए बड़े घोंघे इकट्ठा करते थे. उन्हें गुफाओं में लाकर अपने और दूसरों के साथ बांटकर खाते थे. मरीन वोज़सीज़क कहती हैं कि घोंघे का आसानी से खाया जा सकने वाला फैटी प्रोटीन, बुजुर्गों और छोटे बच्चों के लिए एक महत्वपूर्ण भोजन होता था, क्योंकि ये लोग ज़्यादा कठोर खाना चबा नहीं पाते थे. उन्होंने यह भी कहा कि खाने को मिल-बांटकर खाना दिखाता है कि यह सहकारी सामाजिक व्यवहार हमारी प्रजातियों में शुरुआत से ही है.
कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी की पुरातत्वविद् टेरेसा स्टील कहती हैं कि इसमें आश्चर्य नहीं है कि 170,000 साल पहले प्राचीन मानव घोंघे पकाकर खाते थे, लेकिन 160,000 साल पहले इन घोंघों की इतनी खपत वाकई हैरान करती है. साथ ही, इस बारे में सवाल उठाती है कि क्या जलवायु और हैबिटेट में बदलाव की वजह से खाने की और चीजों की उपलब्धता कम थी.
“Food sharing [at Border Cave] shows that cooperative social behavior was in place from the dawn of our species.”https://t.co/F0qXqsq0f3
— Science News (@ScienceNews) April 10, 2023
शोधकर्ताओं को गुफा से सबूत मिले हैं कि प्राचीन मानव स्टार्च वाले पौधों के तने पकाते थे, कई तरह के फल खाते थे और छोटे और बड़े जानवरों का शिकार करते थे. 1934 से साइट पर कई बार खुदाई की गई है. सबसे हालिया खुदाई 2015 से 2019 के बीच हुई थी. इस टीम की खोज से नई जांच की गई. खुदाई में बड़े घोंघों के खोल के टुकड़े मिले, बहुत से टुकड़े जलने से छूटे गए थे. और ये सभी मिले सबसे पुरानी सेडिमेंट लेयर में. जिनमें कैम्पफायर और मानवों की अन्य गतिविधियों के अवशेष मिलते हैं. सबसे पुरानी लेयर कम से कम 227,000 साल पहले की हैं.