'सूरज चाचू सो गए... चंदा मामा जागे'... Chandrayaan-3 के मामले में ये नहीं कह सकते. क्योंकि Vikram Lander अब बिना सूरज की रोशनी के है. वह चांद पर फैले अंधेरे में सो चुका है. लैंडर और प्रज्ञान रोवर (Pragyan Rover) के सारे पेलोड्स बंद कर दिए गए हैं. सिर्फ लैंडर का रिसीवर ऑन है, ताकि वह दोबारा से जगाया जा सके.
अब चंद्रमा पर उस हिस्से में 14-15 दिन की रात है, जहां पर विक्रम और प्रज्ञान है. अगर ये दोनों वहां के तापमान को बर्दाश्त कर ले गए. तो शायद वापस सूरज के उगने पर एक्टिव हो जाएं. लेकिन इसकी संभावना बेहद कम मानी जा रही है. वैसे क्या आपको पता है कि चंद्रमा पर मौजूद विक्रम लैंडर की धरती से दूरी कितनी है.
3.71 लाख किलोमीटर दूर है विक्रम लैंडर
विक्रम लैंडर धरती से करीब 371,841 किलोमीटर दूर मौजूद है. अब अगले 14-15 दिनों तक विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर के आसपास रात होगी. तापमान माइनस 250 डिग्री सेल्सियस से और भी नीचे जा सकता है. लैंडर-रोवर अगर ये सर्दी बर्दाश्त कर लेते हैं तो 14-15 दिन बाद सूरज उगने पर उनके सोलर पैनल के जरिए चार्ज हो सकते हैं.
जब तक सूरज की रोशनी मिलेगी लैंडर-रोवर के सोलर पैनल चार्ज होते रहेंगे. उनकी बैटरी चार्ज होती रहेगी. अगर ये चार्ज हो गए तो लैंडर के रिसीवर को संदेश भेज कर लैंडर-रोवर को फिर से सक्रिय किया जा सकता है. इसरो इस बात को लेकर भरोसा जता रहा है कि सूरज की रोशनी मिलने पर लैंडर-रोवर फिर से एक्टिव हो जाएंगे. इसरो वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि 22 सितंबर 2023 को फिर से विक्रम लैंडर जाग सकता है.
The #Chandrayaan3 lander is likely been turned off by now in @isro's attempt to prepare it to survive the long lunar night. The Moon is just clearing the trees and we'll see within the hour. Sunset is ~17:00 UTC. 🧵⬇️ pic.twitter.com/ETloNMvPmB
— Scott Tilley 🇺🇦 (@coastal8049) September 4, 2023
तीन दिन पहले ही लैंडर ने लगाई थी छलांग
3 सितंबर 2023 को विक्रम लैंडर ने चांद पर छलांग लगाई थी. वह अपनी जगह से कूदकर 30-40 सेंटीमीटर दूर गया. वह हवा में 40 सेंटीमीटर की ऊंचाई तक कूदा. विक्रम की यह छलांग भविष्य के सैंपल रिटर्न और इंसानी मिशन में ISRO की मदद करेगा.
इसके बाद 4 सितंबर को इसरो ने विक्रम लैंडर को भी सुला दिया है. विक्रम को सुलाने से पहले छलांग वाली नई जगह पर सभी पेलोड्स से वहां की जांच-पड़ताल की गई. उसके बाद विक्रम को सुलाया गया. अब सारे पेलोड्स बंद हैं. सिर्फ रिसीवर ऑन है. ताकि वह बेंगलुरु से कमांड लेकर फिर से काम कर सके.
Chandrayaan-3 Mission:
— ISRO (@isro) September 5, 2023
Anaglyph is a simple visualization of the object or terrain in three dimensions from stereo or multi-view images.
The Anaglyph presented here is created using NavCam Stereo Images, which consist of both a left and right image captured onboard the Pragyan… pic.twitter.com/T8ksnvrovA
विक्रम लैंडर पर चार पेलोड्स क्या काम करेंगे?
1. RAMBHA... चांद की सतह पर सूरज से आने वाले प्लाज्मा कणों के घनत्व, मात्रा और बदलाव की जांच करेगा.
2. ILSA... यह लैंडिंग साइट के आसपास भूकंपीय गतिविधियों की जांच करेगा.
3. ChaSTE... चांद की सतह की गर्मी यानी तापमान की जांच करेगा.
4. LRA ... यह चांद के डायनेमिक्स को समझने का प्रयास करेगा.