चीते (Cheetah) अपने पैदा होने के दो साल के अंदर संभोग यानी शारीरिक संबंध बनाने के लिए तैयार हो जाते हैं. कुछ तो डेढ़ साल में ही हो जाते हैं. कूनो नेशनल पार्क (Kuno National Park) में अफ्रीकन चीते आए हैं. उनकी भी यही कहानी है. खुशी की बात ये है कि ब्रीडिंग (Breeding) सालभर चलती है. यानी परिस्थितियां ठीक हैं तो नर और मादा चीते एकदूसरे से किसी भी समय संबंध बना सकते हैं. पहले जानते हैं कि कूनो नेशनल पार्क में क्या होने वाला है?
वाइल्डलाइफ एक्सपर्ट डॉ. सुदेश वाघमारे ने aajtak.in से खास बातचीत में बताया कि अपने देश में 70 सालों से चीते नहीं थे. इसलिए यहां पर इनके प्रजनन को लेकर कोई साइंटिफिक स्टडी या पेपर नहीं है. स्टडी की भी नहीं गई. नामीबिया और अफ्रीका के चीतों वाले देश पिछड़े हैं. वो ज्यादा स्टडी नहीं करते. चीते और तेंदुए लिटर (Litter) करते हैं. यानी एकसाथ 2 से चार शावक. इनमें से कितने बच्चे बचेंगे या नहीं यह कह पाना मुश्किल होता है. क्योंकि इन बच्चों का सबसे बड़ा दुश्मन उनका पिता होता है. इसलिए मां चीता हमेशा अपने बच्चों के आसपास रहती है.
पिता के दुश्मन होने की वजह क्या है?
डॉ. वाघमारे ने बताया कि असल में नर चीता को ये नहीं पसंद आता कि मादा चीता गर्भधारण करके शावक पैदा करे. नर चीता को सिर्फ संबंध बनाना होता है. उसे परिवार, शावकों का ख्याल आदि से कोई मतलब नहीं होता. अगर मादा चीता गर्भवती होती है, तो वह संबंध बनाने से बचेगी. उसे शावकों के बाद किसी और चीज के लिए समय नहीं मिलेगा. इसलिए कई बार नर चीते अपने ही शावकों को मार डालते हैं. ताकि मादा चीता के साथ संबंध बना सकें. चीतों के शावकों का सर्वाइवल बेहद मुश्किल होता है.
मादा चीता फैसला लेती है जन्म देने का
डॉ. सुदेश वाघमारे ने कहा कि मादा चीता को प्रकृति ने ऐसी शक्ति दी है कि वह फैसला लेती है कि गर्भधारण करना है या नहीं. शावकों को पैदा करना है या नहीं. अगर अफ्रीका से आई मादा चीतों को कूनो नेशनल पार्क की परिस्थितियां बच्चा पैदा करने लायक नहीं लगेंगी तो वह शावकों को पैदा नहीं करेगी. मादा चीता छह महीने कम से कम कूनो पार्क के माहौल को समझने का प्रयास करेगी. इससे पहले जामनगर चिड़ियाघर में तीन चीते मंगवाए गए थे. लेकिन वहां मादा ने बच्चे नहीं दिए. क्योंकि उसे उसके हिसाब से परिस्थितियां नहीं मिली. अगर ऐसा होता है तो इनका परिवार नहीं बढ़ेगा.
कई नर चीतों से संबंध बना सकती है एक मादा
मादा चीता पॉलीएस्ट्रस (Polyestrous) होती है. यानी एक ही एक ब्रीडिंग सीजन में वो कई नर चीताओं के साथ संबंध बना सकती है. 2 से 4 शावकों को जन्म दे सकती है. एस्ट्रस साइकिल 12 दिन का होता है. इसमें एक से तीन दिन ऐसे होते हैं, जब मादा चीता संबंध बनाने के लिए ज्यादा उत्तेजित रहती है. नर चीते इसी मौके की तलाश करते हैं. जिन मादा चीता को प्रजनन करना होता है, वो पेड़ों, झाड़ियों, पत्थरों पर पेशाब कर देती हैं. जिसकी गंध से नर चीता उसकी तरफ चला आता है.
शावकों की सुरक्षा सबसे बड़ा काम होता है
नर के आने के बाद दोनों दिनभर में औसतन तीन से पांच बार संबंध बनाते हैं. अभी तक ऐसी कोई स्टडी नहीं है जिसमें ये बताया गया हो कि मादा चीता कितने सालों तक मां बन सकती है. लेकिन 15 साल तक मां बनने की क्षमता वाली मादा चीता का एक उदाहरण है. मादा चीतों के लिए बड़े काम होते हैं. शावकों के पैदा होने के बाद सबसे जरूरी होता है उनकी सुरक्षा. उन नर चीतों से जो मादा के साथ संबंध बनाने के फिराक में होते हैं. इसके अलावा भेड़ियों, सियारों, लकड़बग्घों, जंगली कुत्तों, बाघ और शेर से भी शावकों को बचाना होता है.