उज्जैन स्थित जीवाजी ऑब्जरवेटरी के सुप्रिटेंडेंट डॉ. राजेंद्रप्रकाश गुप्ता ने कहा कि इस साल का पहला ग्रहण 25 मार्च को होगा. यह एक उपच्छाया चंद्र ग्रहण यानी penumbral lunar eclipse है. ये ग्रहण तब होता है जब सूरज, धरती और चंद्रमा लगभग एक ही लाइन में आ जाते हैं. यह इसलिए नहीं दिखेगा क्योंकि भारत में दिन रहेगा.
8 और 9 अप्रैल की मध्यरात्रि में पूर्ण सूर्यग्रहण (Total Solar Eclipse) होगा. रात होने की वजह से ये भी भारत में दिखेगा नहीं. इसके बाद 18 सितंबर की सुबह आंशिक चंद्रग्रहण (Partial Lunar Eclipse) होगा. ये भी भारत में दिखाई नहीं देगा. इसके बाद अगला मौका 2 और 3 अक्टूबर के बीच की रात आएगा.
2 और 3 अक्टूबर की रात को सूर्यग्रहण (Annular Solar Eclipse) होगा. यह सिर्फ 7 मिनट 21 सेकेंड तक चलेगा. 97 फीसदी सूरज ग्रहण में चला जाएगा. यह धरती से सिर्फ एक चमकदार ब्रेसलेट की तरह दिखेगा. लेकिन भारत में इसके दिखने की संभावना भी बेहद कम है.
तो कहां-कहां दिखेंगे ये ग्रहण?
8 अप्रैल को होने वाला पूर्ण सूर्यग्रहण का रास्ता 16 हजार किलोमीटर लंबा और 185 किलोमीटर चौड़ा है. यह इस दशक के बड़े शहरी सूर्यग्रहणों में से एक है. जितने लंबे रास्ते पर यह सूर्यग्रहण गुजरेगा, वहीं पर 3.1 करोड़ लोग रहते हैं. लेकिन यह रास्ता अमेरिका, मेक्सिको और कनाडा में ही खत्म हो जाएगा. जिन दस शहरों ये सूर्यग्रहण दिखाई देगा. वो हैं- मॉन्ट्रियल, सैन एंतोनियो, डलास, ऑस्टिन, फोर्ट वर्थ, इंडियानापोलिस, डुरंगो, हैमिल्टन, टोरियोन और माजटलैन.