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Chandrayaan-3: चंद्रमा ही नहीं सौर मंडल के इन पांच ग्रहों पर तक है इंसानी पहुंच, कहीं यान तो कहीं Robots

इंसान, देश और उनकी स्पेस एजेंसी चांद पर जा रही हैं. लेकिन सौर मंडल में ऐसे कितने ग्रह हैं, जहां पर इंसान या उसका बनाया कोई सामान पहुंच चुका है. वो रोबोट हो. लैंडर हो. ऑर्बिटर हो या इम्पैक्टर. आइए जानते हैं कि ऐसे कौन-कौन से ग्रह और चंद्रमा हैं, जहां पर इंसानों की पहुंच है... और कैसे?

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सौर मंडल में पांच ऐसे ग्रह हैं जहां पर इंसान अपने यान या रोबोटिक यंत्र पहुंचा चुका है. (सभी फोटोः NASA/Wikipedia)
सौर मंडल में पांच ऐसे ग्रह हैं जहां पर इंसान अपने यान या रोबोटिक यंत्र पहुंचा चुका है. (सभी फोटोः NASA/Wikipedia)

भारत का Chandrayaan-3 चांद की सतह पर 23 को उतरने वाला है. हो सकता है कि उससे पहले रूस का Luna-25 उतर जाए. लेकिन सवाल ये उठता है कि चांद के अलावा इंसान या उसके हाथ से बनी कोई चीज, यंत्र, लैंडर, ऑर्बिटर, रोवर या इम्पैक्टर पहुंच चुका है. आप ये जानकर हैरान होंगे कि सौर मंडल के पांच ग्रह हैं, जहां पर इंसान किसी न किसी तरीके से पहुंच चुका है. जानिए किस ग्रह पर किस देश ने कितने मिशन भेजे... 

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बुध ग्रह (Mercury) ... इकलौता मिशन अमेरिका ने भेजा था. नाम था मैसेंजर (Messenger). 30 अप्रैल 2015 को यह बुध की सतह पर जानबूझकर गिराया गया था. मकसद था बुध की रसायनिक संरचना, भूगोल, मैग्नेटिक फील्ड की स्टडी करना. उसकी सतह, अंतरिक्ष के वातावरण, जियोकेमिस्ट्री और रेंज के बारे में जानना. मैसेंजर स्पेसक्राफ्ट को अगस्त 2004 में डेल्टा-2 रॉकेट से लॉन्च किया गया था. इसने 10 साल आठ महीने 27 दिनों तक स्पेस में काम किया. 

NASA Messenger Mercury
बुध ग्रह पर जाने वाले नासा के मैसेंजर यान की तस्वीर. (फोटोः NASA)

शुक्र ग्रह (Venus) ... 1966 में रूस के मन में ख्याल आया था शुक्र ग्रह पर स्पेसक्राफ्ट भेजने का. उसने 1985 तक कुल 14 मिशन शुक्र ग्रह पर भेजे. नाम था वेनेरा (Venera 3), वेनेरा लैंडर और वेगा लैंडर (Vega Lander). वेनेरा सीरीज के कुल 12 स्पेसक्राफ्ट रूस ने शुक्र ग्रह पर भेजे. चार विफल हो गए. अंतरिक्ष में शुक्र ग्रह पर जाते समय उसके वायुमंडल के दबाव से खत्म हो गए. 

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वेनेरा 7, 8, 9, 10, 11, 12, 13 और 14 ने शुक्र ग्रह की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग की. 50 से 127 मिनट तक वहां से डेटा धरती पर भेजा. इसके बाद वो खत्म हो गए. फिर वेगा-1 और 2 भेजे गए. एक की लैंडिंग सफल रही. लेकिन डेटा नहीं भेज पाया. दूसरा सफल था. 

Venus Vega Spacecraft

अमेरिका ने शुक्र ग्रह पर सिर्फ एक ही मिशन भेजा है. अमेरिका ने 1978 में पायोनियर वीनस मल्टीप्रोब (Pioneer Venus Multiprobe) भेजा. अद्भुत मिशन था. एक साथ चार स्पेसक्राफ्ट शुक्र ग्रह पर भेजे गए थे. दो प्रोब्स ने तो सतह पर उतरने के बाद 2 से 67 मिनट तक सिग्नल भेजा. डेटा भेजा. दो सतह से टकराते ही सिग्नल मिस कर गए. 

मंगल ग्रह (Mars) ... हमारे सौर मंडल के लाल ग्रह पर अमेरिका, रूस (सोवियत संघ), चीन, इंग्लैंड और यूरोपीय देश अपने-अपने मिशन भेज चुके हैं. सोवियत संघ ने मंगल ग्रह पर 1971 से 1974 के बीच तीन स्पेसक्राफ्ट भेजे. नाम था मार्स 2 लैंडर, मार्स 3 लैंडर और मार्स 6 लैंडर. 

27 नवंबर 1971 को मार्स 2 लैंडर मंगल की सतह से टकराने वाला इंसानों द्वारा बनाया गया पहला यंत्र या सामान था. इसी साल 2 दिसंबर को मार्स 3 लैंडर ने सॉफ्ट लैंडिंग की. लैंडिंग के डेढ़ मिनट बाद धरती से संपर्क बना. लेकिन अगले 14.5 सेकेंड में सतह की आधी फोटो ही भेज पाया. मार्स 6 लैंडर मंगल पर उतरते ही विफल हो गया. 

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Mars Perseverance Rover

अमेरिका ने मंगल ग्रह पर 10 स्पेसक्राफ्ट भेजे हैं. 20 जुलाई 1976 से लेकर 18 फरवरी 2021 तक अमेरिका ने लाल ग्रह पर कई सफलताएं हासिल की. 1976 में वाइकिंग 1 लैंडर (Viking 1 lander) ने मंगल पर सॉफ्ट लैंडिंग की. पहली रंगीन तस्वीर भेजी. 4 जुलाई 1997 कों मार्स पाथफाइंडर (Mars Pathfinder) लैंडर ने पहली बार एयरबैग के सहारे लैंडिंग की. पहली बार इसी लैंडर के साथ रोवर सोजर्नर (Sojourner) भेजा गया. 

दिसंबर 1999 में अमेरिका ने मार्स पोलर लैंडर भेजा था. लैंडिंग से पहले ही उससे कॉन्टैक्ट टूट गया. उधर 25 दिसंबर 2003 को इंग्लैंड ने यूरोपियन स्पेस एजेंसी के साथ मिलकर बीगल-3 (Beagle-2) स्पेसक्राफ्ट भेजा. लेकिन सॉफ्ट लैंडिंग बेकार हो गई. 2004 से 2012 के बीच अमेरिका ने चार स्पेसक्राफ्ट मंगल पर भेजे. सभी सफल. 

इसके बाद यूरोपियन स्पेस एजेंसी और रूसी स्पेस एजेंसी रॉसकॉसमॉस ने 19 अक्टूबर 2016 को एक्सोमार्स शियापरेली ईडीएम लैंडर (ExoMars Schiaparelli EDM lander) मंगल पर उतारने की कोशिश की. मंगल की कक्षा में जाने के बाद इससे संपर्क टूट गया. पैराशूट भी नहीं खुला. सतह से कड़ी टक्कर हुई. 

Galileo Jupiter NASA
बृहस्पति ग्रह पर जाने वाला अमेरिका का गैलीलियो यान. 

इसके बाद फिर 2018 और 2021 में अमेरिका ने इनसाइट (InSight) और मार्स पर्सिवरेंस रोवर (Mars Perseverance Rover) और इंजीनियूटी (Ingenuity) हेलिकॉप्टर भेजा. दोनों ही मिशन सफल. अब भी काम कर रहे हैं. 2021 में ही चीन ने तियानवेन-1 (Tianwen-1) लैंडर और झुरोंग रोवर (Zhurong Rover) भेजा. लैंडिंग सफल रही. अब भी काम कर रहा है. 

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बृहस्पति ग्रह (Jupiter) ... सौर मंडल के सबसे बड़े ग्रह पर अब तक सिर्फ दो ही स्पेसक्राफ्ट मिशन भेजे गए हैं. दोनों ही अमेरिका ने भेजे हैं. पहला मिशन गैलीलियो एटमॉस्फियरिक प्रोब (Galileo atmospheric probe) 7 दिसंबर 1995 को बृहस्पति की सतह से टकाराया. यह बृहस्पति ग्रह के वायुमंडल की जांच के लिए गया था. इसके बाद अमेरिका ने 21 सितंबर 2003 को गैलीलियो स्पेसक्राफ्ट को बृहस्पति ग्रह पर गिराया. वह भी वायुमंडल पार नहीं कर पाया. खत्म हो गया. यानी अमेरिका के दोनों मिशन पूरी तरह से सफल नहीं थे. 

Saturn Cassini NASA

शनि ग्रह (Saturn) ... अमेरिका ने 15 सितंबर 2017 को शनि ग्रह पर कैसिनी ऑर्बिटर (Cassini Orbiter) पहुंचाया. कैसिनी ऑर्बिटर ने शनि ग्रह, उसके चांद और छल्लों के बारे में काफी ज्यादा जानकारी दी. लेकिन शनि और बृहस्पति ग्रह की सतह है या नहीं ये नहीं पता है. क्योंकि दोनों ही ग्रह गैसों से भरे हुए हैं. इसलिए कैसिनी और बृहस्पति पर जाने वाले स्पेसक्राफ्ट वायुमंडल में जाते ही नष्ट हो गए. 

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