गांजा यानी कैनाबिस या मारिजुआना (Cannabis or Marijuana). इसका नशा कितनी देर रहता है. अलग-अलग लोग अलग-अलग समय तक नशे में रहते हैं. यह उनके शरीर की क्षमता, खान-पान और सेहत पर निर्भर करता है. लेकिन वैज्ञानिकों ने यह पता लगा लिया है कि कोई इंसान गांजा फूंकने के बाद कितनी देर तक हाई (High) रह सकता है. साइंटिस्ट्स ने 80 रिसर्च पेपर्स का विश्लेषण करने के बाद यह बता पता की है.
किसी भी इंसान को गांजे का नशा कितनी देर रहेगा, उसके पीछे सबसे ज्यादा जरूरी वजह है- गांजा कितना स्ट्रॉन्ग यानी तीव्र है. कितनी बार फूंका गया है. ऑस्ट्रेलिया स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ सिडनी के साइकोफार्मेकोलॉजिस्ट लेन मेकक्रेगर ने बताया कि गांजा फूंकने के बाद कई हफ्तों तक शरीर में गांजे से निकलने वाला रसायन टेट्राहाइड्रोकैनाबिनोल (THC) मिलता है. लेकिन इसकी वजह से शरीर में आने वाली दुर्बलता (Impairment) यानी नशे की वजह शरीर का काम नहीं करना थोड़े समय के लिए रहता है. यानी कुछ घंटों के लिए ही.
स्टडी में यह बात भी सामने आई है कि अल्कोहल पीने वाले अपने और दूसरों के लिए ज्यादा खतरा बनते हैं. ज्यादा नुकसान पहुंचाते हैं. सिडनी यूनिवर्सिटी के न्यूट्रिसनिस्ट डैनियल मैक्कार्टनी ने ही यह स्टडी लीड की है. उन्होंने 80 अलग-अलग स्टडीज का एनालिसिस किया. ताकि वो जान सके कि गांजा फूंकने के बाद शरीर कितनी देर तक दुर्बल रहता है. पहली बार ऐसी स्टडी हुई है जिसमें यह पता किया गया है कि गांजे का असर कितनी देर तक शरीर में रहता है.
इन 80 स्टडीज में डैनियल ने 1534 परफॉर्मेंस आउटकम की स्टडी की. यानी गांजा फूंकने वाले लोग कितनी देर तक दुर्बलता के शिकार बने रहे. साधारण भाषा में कहें तो नशे में रहने वाले लोगों की मानसिक स्थिति कैसी थी. शरीर की हालत कैसी थी. कितनी देर में ये लोग सामान्य हुए. कितनी देर तक ये लोग भयानक नशे में थे. कब नशा कम हुआ. डैनियल ने बताया कि स्टडी से पता चला कि नशा 3 से 10 घंटे तक रहता है. यह निर्भर करता तीन बड़े प्रमुख वजहों पर, पहला - कितना स्ट्रॉन्ग डोज लिया गया है. दूसरा- किस तरह से लिया गया है. यानी सूंघ कर, खाकर, कैप्सूल में या ड्रॉप्स में. तीसरा - व्यक्ति रोज गांजा फूंकता है या कभी-कभार.
डैनियल ने बताया कि गांजे का नशा अधिकतम 10 घंटे तक रहता है, अगर हाई डोज ओरली (Orally) लिया जाए. नशे में शरीर के दुर्बल होने का समय अधिकतम 4 घंटे रहता है. लेकिन इंसान अगर गांजे को फूंकता है यानी धूम्रपान करता है तो वह थोड़े-बहुत काम कर सकता है. लेकिन अगर किसी ने हाई डोज सूंघ कर लिया है तो वह छह से सात घंटे दुर्बल रह सकता है. लेकिन उसे बड़े काम जैसे ड्राइविंग आदि नहीं करने चाहिए.
डैनियल कहते हैं कि जो लोग हर रोज गांजे का नशा करते हैं, उनके शरीर में एक तय मात्रा में नशा सहने की क्षमता पैदा हो जाती है. वो अपने सारे काम उसी हालत में कर लेते हैं. इसलिए यह बता पाना बेहद मुश्किल है कि गांजे का नशा किस व्यक्ति को कितनी देर तक नशे में रखेगा. क्योंकि जो लोग रेगुलर नशा करते हैं उनके शरीर में दुर्बलता देखने को नहीं मिलती. जबकि, कभी-कभार गांजा का नशा करने वाले शारीरिक रूप से दुर्बल हो जाते हैं कुछ घंटों के लिए.
लगातार गांजा का नशा करने वाले लोग कार भी सही से चला लेते हैं. क्योंकि उनके अंदर नशे को बर्दाश्त करने की क्षमता विकसित हो जाती है. अगर दिक्कत होती भी है तो पांच घंटे में शारीरिक दुर्बलता खत्म हो जाती है. उसके बाद वो सारे काम सही से कर सकते हैं. यह स्टडी हाल ही में न्यूरोसाइंस एंड बायोबिहेवरल रिव्यू में प्रकाशित हुई है.