धर्मा प्रोडक्शंस की फिल्म 'बैड न्यूज़' इन दिनों चर्चा में है. फिल्म में विक्की कौशल, तृप्ती डिमरी और एमी विर्क मुख्य भूमिकाओं में हैं. फिल्म की चर्चा अनोखी स्टोरी लाइन की वजह से है. दरअसल, फिल्म एक अजीबोगरीब प्रेगनेंसी के बारे में है.
इसमें गर्भ में पल रहे जुड़वां बच्चों के पिता दो अलग-अलग शख्स हैं. ये सुनने में थोड़ा अजीब तो है, लेकिन मनगढ़ंत नहीं है. इस तरह की प्रेगनेंसी एक दुर्लभ घटना है. इसे हेटेरोपैटर्नल सुपरफेकंडेशन (Heteropaternal Superfecundation) कहते हैं.
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जब भी जुड़वां बच्चों की बात आती है, तो आपके जेहन में एक जैसे दिखने वाले दो बच्चों की छवि बनती है. ऐसा तब होता है जब महिला का एक egg एक ही sperm से फर्टिलाइज़ होता है. और दो भागों में बंट जाता है. ये दोनों बच्चे identical twins होते हैं. इनका एक पिता होता है.
हेटेरोपैटर्नल सुपरफेकंडेशन क्या है?
एक ही साइकल में जब दो अलग-अलग अंडे, दो अलग-अलग स्पर्म से फर्टिलाइज होते हैं, तो इस स्थिति में होने वाले जुड़वां बच्चों को fraternal twins कहते हैं. इस कंडीशन को Heteropaternal Superfecundation कहते हैं. इस तरह से होने वाले ट्विंस एक दूसरे से अलग दिख सकते हैं.
Heteropaternal Superfecundation एक दुर्लभ घटना है, क्योंकि 2020 तक दुनिया भर में इस कंडीशन के केवल 19 मामले ही सामने आए हैं. इसलिए भले ही इस तरह की प्रेगनेंसी आम तौर पर नहीं होती, लेकिन जुड़वां बच्चों के अलग-अलग पिता होना बिल्कुल संभव है.
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कैसे होते हैं Fraternal twins?
आमतौर पर एक महिला अपनी menstrual cycle के दौरान एक ही egg रिलीज़ करती है. उसकी ovulation window 12 से 24 घंटे की होती है. egg रिलीज़ होने पर अगर महिला, किसी एक पुरुष से संबंध बना ले. फिर इसी पीरियड यानी ovulation window में अगर दूसरा egg भी रिलीज़ हो गया, और महिला किसी और दूसरे पुरुष के साथ संबंध बना ले, तो ऐसी स्थिति में दो eggs अलग अलग स्पर्म के साथ फर्टिलाइज़ हो सकते हैं.
वहीं ऐसा तब भी हो सकता है, जब महिला एक की जगह एक साथ दो eggs रिलीज़ करे और ovulation के दौरान दो अलग-अलग पार्टनर्स के साथ संबंध बनाए. बता दें कि महिला के शरीर में स्पर्म आमतौर पर 5 दिन तक जीवित रह सकते हैं. और दो eggs दो sperms एकसाथ फर्टिलाइज़ हो सकते हैं. इस तरह जुड़वां बच्चों के पिता तो अलग-अलग होते हैं लेकिन मां एक.
बेहद दुर्लभ है ये घटना
McGill University के मुताबिक, यह घटना बेहद दुर्लभ है. आमतौर पर इसका पता भी नहीं चलता. जब तक की कोई विवाद न हो. अब तक सामने आए मामलों में इस कंडीशन के बारे में तभी पता लगा, जब जुड़वां बच्चों के शक्ल-सूरत और रंग एक दूसरे से बिलकुल अलग था. तब paternity टेस्ट किया गया.
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ये घटना जानवरों में आम है
एनिमल जेनेटिक्स में पब्लिश हुए एक शोध के मुताबिक, जानवरों, खासकर भेड़ और गायों में ये घटना आम है, क्योंकि females कई males के साथ mating करती हैं और इससे उनके अलग-अलग संतान पैदा करने की संभावना बढ़ जाती है. मनुष्यों में यह स्थिति काफी दुर्लभ है, दुनिया भर में इसके केवल कुछ ही मामले सामने आए हैं.
क्या हैं नुकसान?
डॉक्टर्स का कहना है कि Heteropaternal Superfecundation से मां और biological fathers के भावनात्मक स्वास्थ्य पर असर पड़ सकता है. अवसाद, तनाव और चिंता जैसी मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ सकती हैं. इस तरह के मामलों में समय से पहले डिलिवरी, दोनों में से एक बच्चे का वजन कम होना जैसे मुश्किलें आ सकती हैं.