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मानव गतिविधियों की वजह से आ रही हैं आपदाएं, UN की रिपोर्ट ने चेताया

प्रकृति हमें कितना कुछ देती है, लेकिन सवाल यह है कि हम बदले में उसे क्या देते हैं. हम पृथ्वी को बर्बादी की तरफ धकेल रहे हैं. पृथ्वी पर आने वाली आपदाओं के लिए मानव गतिविधियां भी जिम्मेदार हैं. 

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प्राकृतिक आपदाएं अब मानव जनित हो रही हैं (फोटो: Reuters)
प्राकृतिक आपदाएं अब मानव जनित हो रही हैं (फोटो: Reuters)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • 2030 तक हर साल होंगी 560 आपदाएं
  • विकासशील ​​​​​​​देशों की GDP में हर साल 1% का नुकसान

जीवन देने वाली प्रकृति को इंसान खुद बर्बाद करने पर तुला है. हम आपदाओं को भले ही प्राकृतिक आपदा कहें, लेकिन अब ये आपदाएं कम और मानव जनित ज्यादा होती जा रही हैं. संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट (UN Report) कहती है कि पृथ्वी पर आने वाली आपदाओं के लिए मानव गतिविधियां भी जिम्मेदार हैं.

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UN रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले दो दशकों में हर साल वैश्विक स्तर पर होने वाली 350 से 500 मध्यम या बड़ी आपदाओं के लिए मानव गतिविधियां भी जिम्मेदार पाई गई हैं. 

2030 तक हर साल आपदाओं की संख्या 560 होगी

यूएन ऑफिस फॉर डिजास्टर रिस्क रिडक्शन (UNDRR) ने अपनी ग्लोबल असेसमेंट रिपोर्ट में कहा है कि इन आपदाओं की संख्या बहुत ज़्यादा है. इनमें से कई मौसम से संबंधित हैं, जैसे आग और बाढ़. लेकिन इनमें महामारी या रासायनिक दुर्घटनाओं जैसी खतरनाक आपदाएं भी शामिल हैं. आशंका जताई जा रही है कि 2030 तक इन आपदाओं की संख्या हर साल 560 तक पहुंच जाएगी. यानी, 1.5 आपदा प्रति दिन. इससे लाखों लोगों की जान खतरे में आ सकती है. 

Human activity leading to disasters
आपदाओं के लिए जिम्मेदार हैं मानव गतिविधियां (फोटो: Reuters)

रिपोर्ट में कहा गया है कि जलवायु परिवर्तन की वजह से मौसम आश्चर्यजनक रूप से बदल रहे हैं. मनुष्यों ने ऐसे फैसले लिए हैं जिनपर सही से ध्यान नहीं दिया गया. वे आने वाली आपदाओं के संभावित खतरे के बारे में बहुत आशावादी रहे हैं, जिसकी वजह से वे इन आपदाओं के लिए बिल्कुल भी तैयार नहीं हैं. 

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रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि जिन इलाकों में प्राकृतिक आपदाओं की संभावना ज्यादा है, वहां बढ़ती आबादी की वजह से आपदाओं का प्रभाव और बढ़ गया है.

विकासशील देशों की GDP में हर साल 1% का नुकसान

रिपोर्ट में कहा गया है कि आपदाएं विकासशील देशों को असमान रूप से प्रभावित करती हैं. इन्हें विकसित देशों में 0.1-0.3% की तुलना में सालाना औसतन 1% जीडीपी (GDP) का नुकसान होता है. एशिया-पैसिफिक क्षेत्र को सबसे ज्यादा नुकसान होता है. आपदाओं की वजह से यहां हर साल जीडीपी में 1.6% का औसत नुकसान होता है.

Human activity leading to disasters
विकासशील देशों को होता है सबसे ज्यादा नुकसान (फोटो: Reuters)

1980 के बाद से आपदा से संबंधित नुकसान के केवल 40% का ही बीमा किया गया था. रिपोर्ट में कहा गया है कि विकासशील देशों में बीमा कवरेज दर कई बार शून्य थी.

न्यूयॉर्क में यूएन हेडक्वाटर्स में संयुक्त राष्ट्र की उप महासचिव अमीना जे मोहम्मद ने यह रिपोर्ट पेश की. उन्होंने कहा कि हम जिस तरह रहते हैं, निर्माण करते हैं वह मानवता को विनाश की तरफ ले जा रहा है. आपदा के खतरे को कम करने के लिए दुनिया को अभी बहुत कुछ करने की ज़रूरत है. 

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