scorecardresearch
 

Ice Ladder on Mars: मंगल ग्रह पर दिखीं बर्फ की सीढ़ियां, तस्वीरें देख हैरान हुए वैज्ञानिक

मंगल ग्रह पर प्राचीन बर्फ की सीढ़ियां दिखाई दी हैं. यह तस्वीर NASA के स्पेसक्राफ्ट ने ली है. इन सीढ़ियों को देखकर लगता है कि लाल ग्रह पर पहले पानी मौजूद था. साइंटिस्ट्स ने इस बात की पुष्टि एक नई स्टडी में की है. आइए देखते हैं मंगल पर मौजूद बर्फीली सीढ़ियों की तस्वीर और जानते हैं उसके बारे में...

Advertisement
X
ये हैं मंगल ग्रह पर बनी बर्फ की सीढ़ियां. (फोटोः NASA/Caltech/Uarizona)
ये हैं मंगल ग्रह पर बनी बर्फ की सीढ़ियां. (फोटोः NASA/Caltech/Uarizona)

मंगल ग्रह पर बर्फ की सीढ़ियां मिली हैं. ऐसी तस्वीरें पहले भी आती रही हैं लेकिन इनसे यह पता चला है कि मंगल ग्रह पर पहले पानी था. इस बात का खुलासा वैज्ञानिकों ने मंगल पर मिली बर्फ की सीढ़ियों की स्टडी के बाद बताया है. इन सीढ़ियों को वैज्ञानिक भाषा में ट्रांसवर्स एओलियन रिजेस (Transverse Aeolin Ridges - TAR). असल में यह मंगल ग्रह पर उड़ रही प्राचीन धूल के ऊपर जमी बर्फ हैं. 

Advertisement

स्टडी को किया है यूनिवर्सिटी ऑफ एरिजोना के वैज्ञानिकों ने. उन्होंने बताया कि ये बर्फ की सीढ़ियां सोलिस प्लैनम (Solis Planum) में देखी गईं. यह मंगल ग्रह के दक्षिणी हिस्से में मौजूद नॉक्टिस लैबरिंथस (Noctis Labryinthus) के पास है. मंगल ग्रह की सबसे बड़ी घाटनी वैलेस मैरिनेरिस (Valles Marineris) के दक्षिणपूर्व में स्थित है सोलिस प्लैनम. 

ये है सोलिस प्लैनम (Solis Planum), जिसमें दिख रही हैं बर्फ की सीढ़ियां. (फोटोः NASA/Caltech/Uarizona)
ये है सोलिस प्लैनम (Solis Planum), जिसमें दिख रही हैं बर्फ की सीढ़ियां. (फोटोः NASA/Caltech/Uarizona)

TAR को लेकर वैज्ञानिकों में बरसों से काफी ज्यादा रुचि रही है. उसकी स्टडी करते आए हैं. क्योंकि ये आकृतियां लगातार अपनी जगह बदल लेती हैं. इनकी तस्वीर नासा (NASA) के मार्स रिकॉन्सेंस ऑर्बिटर (Mars Reconnaissance Orbiter) से भी मिली थीं. ऑर्बिटर में लगे HiRISE कैमरे की मदद से इन बर्फ की सीढ़ियों की स्पष्ट तस्वीर सामने आई थी. हालांकि अभी तक यह नहीं पता चल पाया है कि TAR का निर्माण कैसे होता है. क्या लंबी दूरी से बहकर आने वाले धूल पर जमी बर्फ से. या स्थानीय स्तर पर चलने वाली धूल के साथ उड़ती रेत से. 

Advertisement

जब एरिज़ोना यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने इस तस्वीरों का बारीकी से अध्ययन किया तो पता चला कि यह प्राचीन आकृतियां है. जो पूरे मंगल ग्रह पर दिखती हैं. ये बनती और बिगड़ती रहती हैं लेकिन अपने पीछे निशान छोड़ जाती हैं. जैसे नहरों का जाल. वैज्ञानिकों का मानना है कि प्राचीन समय में ये आकृतियां पानी के बहाव या लावा के बहाव से बनती रही होंगी. 

साल 2015 में मिली यह तस्वीर की स्टडी लगातार वैज्ञानिक कर रहे हैं. ताकि मंगल ग्रह पर पानी की मौजूदगी की पुष्ट कर सकें. जीवन की उत्पत्ति के लिए पानी बेहद जरूरी है. बहस इस बात होती रहती है कि क्या मंगल ग्रह पर पानी बहता था. या वहां के वायुमंडल के नीचे सूक्ष्मजीवन मौजूद है. क्योंकि सूक्ष्म जीवन के लिए थोड़ी बहुत नमी और कम पानी से भी काम चल जाता है. कुछ दिन पहले ही नासा के पर्सिवरेंस रोवर को पत्थरों के बीच ऑर्गेनिक वस्तुओं के मिलने की जानकारी मिली थी. उन पत्थरों से मिले डेटा की स्टडी हो रही है. 

NASA News: चांद पर दौड़ेंगी ऑटोमैटिक कारें, जानें NASA की तैयारी

TOPICS:
Advertisement
Advertisement