पूरी बारिश के दौरान अगस्त का महीना दूसरा सबसे ज्यादा बारिश वाला समय होता है. साल भर होने वाली बारिश का 22 फीसदी हिस्सा अगस्त में होता है. जुलाई में सबसे ज्यादा यानी 24 फीसदी. लेकिन इस बार अगस्त के महीने में बारिश कम हुई है. जिसकी वजह से देश के 150 जलाशयों में जल भंडारण की क्षमता औसत से 38 फीसदी कम है.
123 साल में पहली बार अगस्त महीने में इतनी कम बारिश हुई है, कि इसे सूखा ही माना जा रहा है. केंद्रीय जल आयोग (Central Water Commission - CWC) की बुलेटिन के मुताबिक देश के सभी जलाशयों में जो लाइव स्टोरेज है. वह कुल स्टोरेज का सिर्फ 63% है.
इस समय 150 जलाशयों में 113. 417 बिलियन क्यूबिक मीटर (BCM) है. यानी पिछले साल अगस्त महीने से 22% कम. अगर पिछले 10 साल की बात करें तो अगस्त महीने के हिसाब से इस समय देश के सभी जलाशयों में 9 प्रतिशत की कमी है. वैज्ञानिक इसके पीछे एक बड़ी वजह जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वॉर्मिंग को मान रहे हैं.
कब-कब कितना था पानी
10 अगस्त 2023: 109.98 बीसीएम लाइव स्टोरेज था. कुल स्टोरेज कैपिसिटी का 62%.
17 अगस्त 2023: लाइव स्टोरेज में सुधार नहीं. 111.285 बीसीएम यानी कुल स्टोरेज कैपेसिटी का 62%.
24 अगस्त 2023: लाइव स्टोरेज 113.584 बीसीएम. कैपेसिटी का 64%.
31 अगस्त 2023: एक फीसदी कम यानी 63 प्रतिशत हो गया है.
देश के कई बेसिन में पानी की कमी
CWC के मुताबिक अगस्त में जलाशयों में लाइव स्टोरेज 62-64% ही बना रहा. इसके चलते देश की कई नदियों के बेसिन पानी की भयंकर कमी हो गई है. कर्नाटक-आंध्र प्रदेश में बहने वाली नदी पेन्नार व छत्तीसगढ-उड़ीसा की सबसे बड़ी महानदी में पानी का स्तर बेहद कम है.
झारखंड, पश्चिम बंगाल और उड़ीसा राज्यों में बहने वाली स्वर्णरेखा, ब्राह्मणी और वैतर्णी और कर्नाटक तथा उत्तरी तमिलनाडु में बहनेवाली कावेरी, पश्चिमी भारत की माही व दक्षिण-पूर्व राज्य से आने वाली कृष्णा और तादरी से कन्याकुमारी की तरफ बहने वाली नदियों में जल स्तर कम है.
कितने फीसदी की कमी होती है कमी
सामान्य के करीबः 20 फीसदी तक कमी
ज्यादा कमीः 20 से 60 प्रतिशत तक की कमी.
अत्यधिक कमीः 60 फीसदी से अधिक स्टोरेज कम है.
कौन सी नदियों में कम हो गया है पानी
गंगा, बराक, तापी जैसी नदियों के बेसिन में जलस्तर सामान्य है. उत्तरी क्षेत्र को छोड़कर पूर्वी, पश्चिमी, केंद्रीय और दक्षिणी क्षेत्रों के जलाशयों में स्टोरेज बीते साल से कम है. लेकिन सभी राज्य एक जैसी स्थिति में नहीं हैं. ओडिशा, झारखंड, प. बंगाल में सामान्य से कम पानी स्टोरेज में है. गुजरात और महाराष्ट्र में भी स्टोरेज घटा है. वहीं केरल कर्नाटक और तमिलनाडु में भी स्टोरेज में बड़ी कमी दर्ज की गई है.
पूरे देश को अगस्त महीने में औसत 255 मिलिमीटर बारिश की उम्मीद थी. लेकिन हुई सिर्फ 164 मिलिमीटर. यानी 36 फीसदी की कमी. जिसकी वजह से मध्य भारत में 47 और दक्षिण भारत में 60 फीसदी कम बारिश दर्ज की गई. देश के बाकी हिस्सों में बारिश सामान्य रही. लेकिन मध्य और दक्षिण भारत के जलाशयों की हालत खराब है. अब अगर सितंबर में ढंग से बारिश नहीं हुई तो कई राज्यों को दिक्कत आ सकती है.