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Commando Kite Arjun: ये है भारतीय सेना का कमांडो चील 'अर्जुन', इसके ताकतवर हमले से नहीं बचेगा दुश्मन का ड्रोन

यहां भारतीय सेना के जवान के हाथ पर बैठा चील दिख रहा है आपको. यह इंडियन आर्मी का पहला कमांडो चील है. इसका नाम है अर्जुन (Arjun). इसका एक ही मिशन है. दुश्मन के ड्रोन को मार गिराना. उत्तराखंड के औली में शुरू हुए युद्धाभ्यास में इसने अपनी काबिलियत दिखाई.

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ये है भारतीय सेना का Commando Kite Arjun (लाल घेरे में). यह दुश्मन के ड्रोन्स पर हमला करने के लिए प्रशिक्षित है. (फोटोः ANI)
ये है भारतीय सेना का Commando Kite Arjun (लाल घेरे में). यह दुश्मन के ड्रोन्स पर हमला करने के लिए प्रशिक्षित है. (फोटोः ANI)

उत्तराखंड के औली में भारतीय सेना (Indian Army) और अमेरिकी सेना (US Army) एक संयुक्त युद्धाभ्यास कर रहे हैं. इस दौरान भारतीय सेना के पहले चील कमांडो अर्जुन (Commando Kite Arjun) ने एक ड्रोन को मार गिराया. युद्धाभ्यास में सेना ने ऐसी स्थिति पैदा कि जिसमें चील और डॉग्स को दुश्मन के ड्रोन्स को खोजकर उन्हें नष्ट करना था. 

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डॉग्स ने जैसे ड्रोन्स के उड़ने की आवाज सुनी उसने चील कमांडो अर्जुन की तरफ देख कर भौंकना शुरु कर दिया. अर्जुन ने उड़ान भरी और दुश्मन के ड्रोन को अपने पंजों से मार गिराया. असल में यह एंटी ड्रोन चील है. भारतीय सेना चीलों और कुत्तों को ऐसे मिशनों के लिए प्रशिक्षित कर रही है. ये ट्रेनिंग मेरठ के रीमाउंट वेटरीनरी कोर में  जा रही है. 

अक्सर ये खबर आती है कि पंजाब, कश्मीर, जम्मू की सीमाओं में दुश्मन के ड्रोन उड़ते देखे गए. हाल ही में बीएसएफ ने पाकिस्तानी ड्रोन को मार गिराया है. लेकिन अब इन चील और डॉग्स की मदद से ड्रोन्स पर फायरिंग करने की जरुरत नहीं पड़ेगी. भारतीय सेना ने 24 नवंबर को सांबा जिले में पाकिस्तानी ड्रोन मार गिराया था. पाकिस्तान या चीन के ड्रोन्स को मार गिराने के लिए अब एंटी ड्रोन गन्स की जरुरत नहीं पड़ेगी. भारतीय सेना के लिए चीलों को प्रशिक्षित किया जा रहा है. इन्हें एंटी ड्रोन हथियार बनाया जा रहा है. 

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Commando Kite Arjun

जल्द ही इन चीलों और डॉग्स की ट्रेनिंग पूरी होगी. इसके बाद ये भारतीय सेना को मिल जाएंगे. फिर इन चीलों और डॉग्स को सीमा के पास सैन्य पोस्ट पर तैनात किया जा सकता है. जहां से दुश्मन ड्रोन्स को देखते ही ये हमला कर देंगे. उन्हें मार गिराएंगे.  चीलों की खासियत ये है कि ऊंचाई पर उड़ते हैं. निगाहें तेज होती हैं. दूर तक देख सकते हैं. दुश्मन पर मिसाइल की तरह हमला करते हैं. यानी दुश्मन चाहकर भी अपने ड्रोन को चील के हमले से बचा नहीं पाएगा. जब भी दुश्मन का ड्रोन भारतीय सीमा में घुसेगा चील उसे अपने नुकीले पंजों और ताकतवर पंखों से मार गिराएंगे. 

ड्रोन के साथ सबसे बड़ी दिक्कत ये है कि ये राडार की नजर में नहीं आते. कई बार ये इतने नीचे उड़ते हैं कि इन्हें राडार कैच नहीं कर पाता. छोटे-मोटे ड्रोन्स बाजार में उपलब्ध भी हैं. इन्हें कोई भी आसानी से उड़ा सकता है. उनसे निगरानी, जासूसी या हवाई हमला कर सकता है. इन ड्रोन्स की मदद से हथियारों, ड्रग्स आदि की स्मगलिंग भी होती है. इसलिए चील की मदद से ऐसे ड्रोन्स को मार गिराने की योजना कारगर साबित होगी.

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