भारतीय नौसेना की कलावरी क्लास प्रोजेक्ट-75, यार्ड 11880 की छठी पनडुब्बी ने 18 मई 2023 को अपना समुद्री परीक्षण शुरू किया. पनडुब्बी को 20 अप्रैल 2022 को मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (MDL) के कान्होजी आंग्रे वेट बेसिन से समुद्र में उतारा गया था. वाघशीर पनडुब्बी को परीक्षणों के पूरा होने के बाद वर्ष 2024 की शुरुआत में भारतीय नौसेना को सौंपा जाएगा.
एमडीएल ने 24 महीनों में प्रोजेक्ट-75 की तीन पनडुब्बियों को नौसेना को सौंपा है. छठी पनडुब्बी का समुद्री परीक्षण शुरू होना एक महत्वपूर्ण कदम है. यह आत्मनिर्भर भारत को प्रोत्साहन मिलने का संकेत भी दर्शाता है. यह पनडुब्बी अब समुद्र में अपनी सभी प्रणालियों के गहन परीक्षणों से गुजरेगी, इनमें प्रणोदन प्रणाली, हथियार और सेंसर सम्मिलित हैं.
The sixth submarine of Project 75, Yard 11880, Indian Navy’s Kalvari class commenced her sea trials on 18 May 23. The submarine was launched in 20 Apr 22 from the Kanhoji Angre Wet Basin of Mazagon Dock Shipbuilders Limited (MDL).
— PIB India (@PIB_India) May 19, 2023
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आईएनएस वागशीर एक डीजल-इलेक्ट्रिक सबमरीन है. बेहद आधुनिक नेविगेशन और ट्रैकिंग सिस्टम्स से लैस है. इसके साथ ही इसमें कई तरह के हथियारों को भी शामिल किया गया है. प्रोजेक्ट-75 के तहत अभी तक 5 आधुनिक पनडुब्बी भारत की रक्षा में तैनात हैं.
क्या-क्या काम कर सकती है वाघशीर पनडुब्बी
आईएनएस वाघशीर कई मिशन कर सकती है. जैसे सतह-विरोधी युद्ध, पनडुब्बी रोधी युद्ध, खुफिया जानकारी जमा करना, समुद्री बारूदी सुरंग बिछाना, क्षेत्र की निगरानी आदि. पनडुब्बी को ऑपरेशन के समय हर परिस्थिति में संचालित करने के लिए डिजाइन किया गया है.
इसकी लंबाई लगभग 221 फीट, बीम 20 फीट और ऊंचाई 40 फीट होती है. इनमें 4 एमटीयू 12V 396 SE84 डीजल इंजन लगे होते हैं. इसके अलावा 360 बैटरी सेल्स होती हैं. पानी की सतह पर इसकी गति 20 KM प्रतिघंटा है. पानी के अंदर ये 37 KM प्रतिघंटा की स्पीड से चलती हैं.
इसकी रेंज गति के मुताबिक तय होती है. अगर सतह पर 15 KM प्रतिघंटा की रफ्तार से चल रही है, तो यह 12,000 किलोमीटर तक जा सकती है. पानी के अंदर यह 1020 KM की रेंज तक जा सकती है लेकिन गति 7.4 KM प्रतिघंटा होनी चाहिए.
30 समुद्री सुरंगे बिछाने में उस्ताद
यह 50 दिनों तक पानी के अंदर बिता सकती है. अधिकतम 350 फीट की गहराई जा सकती है. इसमें 8 सैन्य अधिकारी और 35 सेलर तैनात किए जा सकते हैं. इनके अंदर एंटी-टॉरपीड काउंटरमेजर सिस्टम लगा है. इसके अलावा 533 मिमी के 6 टॉरपीडो ट्यूब्स होते हैं, जिनसे 18 एसयूटी टॉरपीडोस या एसएम.39 एक्सोसेट एंटी-शिप मिसाइल लॉन्च की जा सकती हैं. इसके अलावा यह पानी के अंदर 30 समुद्री बारूदी सुरंग बिछा सकती है.
आईएनएस वाघशीर के शामिल होने के बाद कलवारी क्लास की छह अटैक सबमरीन हो जाएंगी. इस क्लास में आईएनएस कलवारी, आईएनएस खंडेरी, आईएनएस करंज, आईएनएस वेला और आईएनएस वागीर लॉन्च की जा चुकी हैं.