इंडियन नेवी यानी भारतीय नौसेना कुल मिलाकर अगले कुछ सालों में 61 जंगी जहाज बनवाएगी. इसमें 10 विध्वंसक होंगे. इंडियन नेवी का प्लान है कि राजपूत क्लास गाइडेड मिसाइल डेस्ट्रॉयर्स की जगह इन्हें लाया जाएगा. ये जंगी जहाज 13 हजार टन के होंगे.
इनमें 8 कवच डिकॉय लॉन्चर्स होंगे. 4 टॉरपीडो काउंटरमेजर्स होंगे. 2 क्वाड कैनिस्टर लॉन्चर्स होंगे. 144 वर्टिकल लॉन्च सिस्टम होगा. इसमें XRSAM, Barak 8, VL-SRSAM, BrahMos, Nirbhay, SMART मिसाइलें लगाई जाएंगी. साथ ही रोमियो और ध्रुव हेलिकॉप्टर तैनात होंगे. इसके अलावा सात प्रकार के गन लगे होंगे.
इनसे ठीक पहले के जंगी जहाज अभी शामिल हैं. ये हैं विशाखापट्टनम क्लास के युद्धपोत. दो ड्यूटी पर हैं. दो इंफाल और सूरत इस साल और अगले साल कमीशन होंगे. इसमें 32 बराक-8 मिसाइलें, 16 ब्रह्मोस एंटी शिप मिसाइल, 4 टॉरपीडो ट्यूब्स, 2 एंटी-सबमरीन रॉकेट लॉन्चर्स, 7 प्रकार के गन्स होते हैं.
ध्रुव और सी किंग हेलिकॉप्टर तैनात हैं. ये ऐसे युद्धपोत हैं, जिनसे लगातार ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों का परीक्षण किया जा रहा है. इसमें से विशाखापट्टनम और मोरमुगाओ को नौसेना में शामिल कर लिया गया है. लेकिन अभी आईएनएस इंफाल और सूरत का शामिल होना बाकी है. इनमें से इंफाल इस साल और सूरत अगले साल नौसेना में कमीशन होंगी. इनकी लॉन्चिंग हो गई है, लेकिन अभी समुद्री ट्रायल्स चल रहे हैं.
सिर्फ डेस्ट्रॉयर्स ही नहीं फ्रिगेट्स में भी होंगे ताकतवर
नीलगिरी क्लास फ्रिगेट्स असल में गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट्स हैं. ऐसे सात जंगी जहाज बनेंगे. पांच लॉन्च हो चुके हैं जो फरवरी 2025 तक भारतीय नौसेना में शामिल हो जाएंगे. लॉन्च किए गए फ्रिगेट्स के नाम हैं- नीलगिरी, उदयगिरी, तारागिरी, हिमगिरी और दूनागिरी.
ये फ्रिगेट्स 6670 टन डिस्प्लेसमेंट के हैं. इनमें 32 बराक-8 मिसाइलें, 8 ब्रह्मोस मिसाइलें, 2 वरुणास्त्र टॉरपीडो लॉन्चर, 2 एंटी-सबमरीन रॉकेट लॉन्चर, तीन गन्स लगे होते हैं. इन पर ध्रुव और सी-किंग हेलिकॉप्टर तैनात हो सकते हैं. चार कवच डिकॉय लॉन्चर्स लगे हैं. 2 टॉरपीडो काउंटरमेजर्स सिस्टम लगे हैं.
तलवार क्लास फ्रिगेट भी तैयार हो रहे हैं. ये भी स्टेल्थ गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट्स होंगे. एक युद्धपोत लॉन्च हो चुका है. तीन बनाए जा रहे हैं. इन युद्धपोतों पर 24 मीडियम रेंज मिसाइलें, 8 इगला सैम मिसाइलें, 8 क्लब मिसाइलें, 8 ब्रह्मोस मिसाइलें तैनात होंगी. इसके अलावा इसमें पांच गन्स, 2 टॉरपीडो ट्यूब्स और 1 रॉकेट लॉन्चर होगा.
ऐसे कॉर्वेट्स जिनके आगे दुश्मन हो जाएगा पस्त
कॉर्वेट्स में तीन तरह के युद्धपोत हैं. पहला एंटी-सबमरीन वॉरफेयर शैलो वाटर क्राफ्ट हैं. ये 16 बनेंगे. INS Arnala लॉन्च हो चुका है. 13 बन रहे हैं. इनका काम तटीय इलाकों की पेट्रोलिंग और दुश्मन की पनडुब्बियों की खोज और नष्ट करना है. 2026 तक सभी कॉर्वेट्स नौसेना को मिल जाएंगे. इनमें कॉम्बैट मैनेजमेंट सिस्टम है.
इसमें एंटी-सबमरीन रॉकेट्स भी लगाए गए हैं, जो दुश्मन की पनडुब्बियों की कब्र समुद्र के अंदर ही बना देंगे. इस जहाज पर 7 अधिकारियों के साथ 57 नौसैनिक तैनात हो सकते हैं. इसमें लगे मरीन डीजल इंजन के साथ तीन वाटर जेट्स लगे हैं, जो इसे करीब 47 km प्रतिघंटा की अधिकतम गति देंगे. इनकी रेंज 3334 किलोमीटर है.
दूसरे हैं- नेक्स्ट जेनरेशन मिसाइल वेसल्स. ऐसे 6 जंगी जहाज बनाए जाएंगे. इनमें ब्रह्मोस, एंटी-शिप मिसाइल, लैंड अटैक मिसाइल तैनात होंगे. इन पर 80 नौसैनिक और 13 अधिकारी तैनात रहेंगे. इनकी रेंज 5200 km होगी. इनपर 32 VL-SRAM मिसाइल, 8 ब्रह्मोस या 16 एंटी शिप VSHORADS मिसाइलों को तैनात करने की योजना है.
तीसरा है नेक्स्ट जेनरेशन कॉर्वेट. ये 3500 टन डिस्प्लेसमेंट वाले जंगी जहाज होंगे. इनकी रेंज 7400 किलोमीटर होगी. इनपर 32 VL-SRSAM, 8 ब्रह्मोस, 16 नौसैनिक एंटी-शिप मिसाइल यानी VSHORADS और 2 वरुणास्त्र टॉरपीडो ट्यूब्स होंगे. इनके अलावा 7 नेक्स्ट जेनरेशन फास्ट अटैक क्राफ्ट्स की भी प्लानिंग हैं. इनकी गति ही इन्हें मारक बनाएगी. ये 83 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से चलेंगे. ये आकार में छोटे और 320 टन के होंगे.