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INS Vikrant पर तैनात होगा राफेल-M फाइटर जेट! जानिए इसकी War Power

भारतीय नौसेना (Indian Navy) ने अपने एयरक्राफ्ट करियर INS Vikrant के लिए मल्टीरोल कॉम्बैट फाइटर जेट चुन लिया है. विक्रांत पर तैनाती के लिए दो अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगी मैदान में थे. फ्रांस का राफेल-एम और अमेरिका का एफ-18 सुपर हॉर्नेट. लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स आ रही हैं कि बाजी राफेल ने मार ली है.

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INS Vikrant पर तैनात होगा राफेल-एम यानी राफेल फाइटर जेट का मरीन वर्जन, जो बेहद आधुनिक, तेज और घातक है. (फाइल फोटोः पीटीआई)
INS Vikrant पर तैनात होगा राफेल-एम यानी राफेल फाइटर जेट का मरीन वर्जन, जो बेहद आधुनिक, तेज और घातक है. (फाइल फोटोः पीटीआई)

भारत के पहले स्वदेशी विमानवाहक युद्धपोत आईएनएस विक्रांत (INS Vikrant) पर 36 से 40 लड़ाकू विमान तैनात हो सकते हैं. इस पर मिग-29के फाइटर जेट, कामोव हेलिकॉप्टर, रोमियो हेलिकॉप्टर, ध्रुव हेलिकॉप्टर तैनात हैं. लेकिन इस पर एक घातक आधुनिक मल्टीरोल कॉम्बैट फाइट जेट तैनात करना था. इस कैरियर पर तैनाती के लिए अमेरिकी एफ-18 सुपर हॉर्नेट और राफेल-एम के बीच प्रतियोगिता चल रही थी. 

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फ्रांसीसी मीडिया में खबरें आई हैं कि भारत ने 26 राफेल-एम खरीदने का फैसला किया है. डील पर हस्ताक्षर मार्च में तब होगा जब फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैंक्रो भारत दौरे पर आएंगे. राफेल-एम (Rafale-M) ने हॉर्नेट को हराकर बाजी मार ली है. आइए जानते है इस फाइटर जेट की खासियत...

Rafale-M on INS Vikrant

डैसो राफेल मरीन (Rafale Marine) की अधिकतम गति मैक 2 है. यानी 2469.6 किलोमीटर प्रतिघंटा. राफेल की रेंज 3700 किलोमीटर से ज्यादा है.  राफेल मरीन की सर्विस सीलिंग यानी आसमान में कितनी ऊंचाई पर प्लेन उड़ सकता है, वो 55 हजार फीट है. ऊंचाई पर जाने की दर के मामले में राफेल विजेता है. राफेल 304.8 मीटर प्रति सेकेंड की गति से आसमान की ओर जाता है. 

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बीवीआर रेटिंग्स में राफेल अव्वल

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राफेल मरीन में एक पायलट की जरुरत होती है. इसकी लंबाई 50.1 फीट है, जबकि विंग स्पैन 35.4 फीट है. इसका वजन 10,300 किलोग्राम है. फाइटर जेट्स को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर BVR रेटिंग्स से तुलना की जाती है. जिसमें से बीवीआर रेटिंग प्रमुख है. डैसो राफेल मरीन को BVR रेटिंग 100 में 90 फीसदी है. हथियारों के मामले में राफेल को 10 में से 8.6 अंक मिलते हैं. टेक्नोलॉजी में राफेल को 10 में से 8.5.

Rafale-M on INS Vikrant

तोप, मिसाइल, रॉकेट, बम कुछ भी लगाएं

अगर एवियोनिक्स की बात करें तो राफेल को 10 में से 8.4 रेटिंग है. मैन्यूवरेबिलिटी के मामले में राफेल ज्यादा बेहतर है. उसे 10 में से 9.3 अंक मिलते हैं. राफेल पर हवा से हवा में मार करने वाली MBDA मेटियोर बेयोंड विजुअल रेंज एयर टू एयर मिसाइल लग सकती है. राफेल में 30 मिमी कैलिबर की GIAT 30M/719B तोप लगी है. यह एक मिनट में 125 राउंड फायर करती है. 

हवा से जमीन पर हमला करने वाली एमबीडीए अपाचे, एमबीडीए स्टॉर्म शैडो, स्कैल्प, हैमर जैसी मिसाइल लगा सकते हैं. हवा से सतह पर मार करने वाली एमबीडीए एम39-एक्सोसैट एयर लॉन्च्ड एंटी-शिप मिसाइल लगा सकते हैं. इसके अलावा इसमें परमाणु हथियारों से लैस मिसाइलों की भी तैनाती कर सकते हैं. यानी भविष्य में इसमें BrahMos का एयर वर्जन लगाया जा सकता है. 

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Rafale-M on INS Vikrant

26 फाइटर जेट की ही जरुरत क्यों पड़ी?

भारतीय नौसेना (Indian Navy) शुरुआत में 26 फाइटर जेट खरीदना चाहती है. जिसमें 18 सिंगल सीटर और 8 ट्विवन सीटर ट्रेनर्स शामिल है. उसने 2017 में 57 मल्टीरोल एयरक्राफ्ट के लिए रिक्वेस्ट ऑफ इन्फॉर्मेशन (RFI) जारी किया था. राफेल मरीन (Rafale Marine) यानी राफेल एम (Rafale-M) में कई बदलाव किए गए हैं. जैसे- रीनफोर्स्ड अंडर कैरिज, नोज व्हील, बड़ा अरेस्टर हुक, इंटीग्रेटेड सीढ़ी आदि. 

राफेल एम ने जनवरी 2022 में गोवा में INS हंसा पर मौजूद शोर बेस्ट टेस्ट फैसिलिटी में कई तरह के ट्रायल्स भी दिए थे. इसके अलावा फाइटर जेट को भारतीय जरूरतों के हिसाब से कई तरह की जांच प्रक्रियाओं से गुजारा गया है. क्योंकि इसमें परमाणु हथियार भी लगेंगे. मीटियोर, स्कैल्प और हैमर मिसाइलों को लगाने की बात चल रही है. 

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