प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत के स्पेस स्टार्टअप्स और इनोवेटर्स को जो भी सुविधाएं चाहिए होंगी वो सब मिलेंगी. नीतियों में सकारात्मक बदलाव किए जाएंगे. आपके सुझावों को शामिल किया जाएगा. क्योंकि भविष्य में 25-30 साल बाद हमारे इन्हीं प्रयासों की वजह से अगली पीढ़ियां हमें याद रखेंगी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह बातें भारतीय अंतरिक्ष संघ (Indian Space Association - ISpA) के उद्घाटन के मौके पर कहीं. वो इसरो, इनस्पेस समेत स्पेस इंडस्ट्री से जुड़े भागीदारों को संबोधित कर रहे थे. इस मौके पर उन्होंने स्टेकहोल्डर्स के सुझाव और सवाल भी सुने उसके बाद उन सवालों के जवाब भी दिए.
उद्योगपति सुनील भारती मित्तल ने पीएम मोदी से कहा कि स्पेस टेक्नोलॉजी को लेकिर पिछले डेढ़ साल से होड़ लगी हुई है. सैटेलाइट इंटरनेट की सर्विस की मांग बढ़ रही है. वनवेब (OneWeb) की 650 सैटेलाइट लॉन्च होंगी. 350 जा चुकी है. हमने इसरो के साथ एक डील की है. जीएसएलवी मार्क-3 और पीएसएलवी रॉकेट से सैटेलाइट्स अंतरिक्ष में जाएंगे. देश के हर चप्पे को ब्रॉडबैंड कनेक्शन मिलेगा. अगर तेजी से रेगुलेटरी एप्रूवल मिले तो काम तेजी से हो सकता है. क्योंकि अगले तीन-चार साल बेहद क्रिटिकल हैं.
Hon’ ble Prime Minister of India, Shri Narendra Modi @narendramodi formally launches Indian Space Association, the "premier industry association of space and satellite companies" #PMlaunchesISpA | Watch Live: https://t.co/7z79rglKTC pic.twitter.com/0y77mlGLh2
— ISpA - Indian Space Association (@ISpA_India) October 11, 2021
नेल्को के एमडी ने कहा- स्पेसकॉम पॉलिसी जल्द सामने आए
नेल्को के एमडी पीजे नाथ ने कहा कि स्पेस इंडस्ट्री में, टेलिकॉम में पिछले पांच-सात सालों में काफी तेजी से बढ़ोतरी हुई है. हमें सरकार से काफी सपोर्ट मिला है. लेकिन स्पेसकॉम पॉलिसी पर बात पिछले एक साल से हो रही है. लेकिन वो अभी तक पूरी तरह से सामने नहीं आ पाई है. अगर वो जल्दी आए तो हम भविष्य की योजनाओं को तेजी से बना सकेंगे.
इसरो के पार्टनर वालचंदनगर इंडस्ट्रीज के प्रमुख चिराग जोशी ने कहा कि हम लगातार इसरो के साथ काम करते आ रहे हैं. हम इसे लगातार करते रहेंगे. हमें विस्तार के लिए कई तरह की प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ता है. जिसे वन विंडो प्रोसेस करना होगा. आईआईटी मद्रास के प्रोफेसर वी कामाकोट्टि ने कहा कि हमने पांच स्टार्टअप के साथ एक कंसोर्टियम बनाया है. हम निकट भविष्य में और स्टार्टअप के साथ जुड़ेंगे. हम रॉकेट निर्माण समेत हर तरह के स्पेस टेक्नोलॉजी में काम करेंगे. दिसंबर 2023 के पहले हम दो लॉन्च करेंगे.
स्पेस प्रोडक्ट्स की फ्री टेस्टिंग सुविधा मिलेः नेहा सतक
पिक्सेल के एमडी अवेश अहमद ने कहा कि हमारी कंपनी हाइपरस्पेक्ट्रल इमेजरी सैटेलाइट बनाता है. हम कुछ ही महीनों बाद इसरो के साथ इसे लॉन्च करने वाले है. यह भारतीय सैटेलाइट है जो भारतीय रॉकेट से ही लॉन्च होगा. हम अगले 2 साल में 30 और लॉन्च करेंगे. उम्मीद है कि इसरो के साथ ही इन्हें भी लॉन्च किया जाएगा. रेगुलेटरी एप्रुवल तेजी से मिले तो काम ज्यादा तेजी से होगा. एस्ट्रोम टेक्नोलॉजी की कोफाउंडर नेहा सतक ने कहा कि उनकी कंपनी डिजिटल डिवाइड को मिटाने के लिए टेक्नोलॉजी बना रही है. 5जी को रोलआउट करने के लिए टेलिकॉम प्रोवाइडर्स के साथ मिलकर काम करूंगी. हमारी कंपनी आपके सपोर्ट के साथ और आगे जाएगी. स्पेस प्रोडक्ट्स की फ्री टेस्टिंग के लिए व्यवस्था करे. सरकारी एजेंसी कोर बायर बने.
मैप माई इंडिया के रोहन वर्मा ने कहा कि जियोस्पेशियल नीतियों को लाकर आपने बड़ा काम किया है. कोविन प्लेटफॉर्म पर हमने तेजी से काम किया है. उमंग और डिजिटल स्पेस मैप के साथ काम कर रहे हैं. हम अब 4 डायमेंशन मैप बना रहे हैं जिसे हवा, जमीन या पानी से देखा जा सकता है. स्थानीय मैप और आईडी का फायदा नहीं मिल रहा है, इसे सबके मोबाइल तक पहुंचाने में हमारी मदद कीजिए. श्रीनाथ रविचंद्रन, अग्निकुल कॉसमॉस हम इसरो के साथ काम कर रहे हैं. हम इसरो के टेस्टिंग सेंटर्स के साथ अपने प्रोपेलेंट्स की जांच कर रहे हैं. हमारे 100 से ज्यादा इंजीनियर्स नई टेक्नोलॉजी डेवलप कर रहे हैं. एफडीआई पर नीति क्लियर नहीं है, वो क्लियर हो तो दुनियाभर के लोग भारत में आएंगे. हम अगले साल नई टेक्नोलॉजी को लॉन्च करेंगे.
भारत में भी बन रहा है रीयूजेबल रॉकेट
अनिरुद्ध शर्मा, दिंगातरा, हम अंतरिक्ष के कचरे को अंतरिक्ष में मौजूद सैटेलाइट्स के जरिए ही ट्रेस कर रहे हैं. इससे देश की रक्षा व्यवस्था सुधर सकती है. हमारे पास क्लियर रोड मैप है, जिसकी वजह से हमारी इंडस्ट्री तेजी से काम करेगी. स्काईरूट एयरोस्पेस के पवन कुमार चांदना ने कहा कि इसरो के साथ मिलकर काम कर रहे हैं. हमारा काम रॉकेट बनाने का है. ये रॉकेट रीयूजेबल हैं, अगर इन्हें सपोर्ट मिले तो हम दुनिया में बड़ा नाम कमा सकते हैं. देश का नाम ऊंचा कर सकते हैं.
सबकी बातें सुनने के बाद पीएम मोदी ने कहा- सारे रिफॉर्म तेजी से होंगे
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आपके प्लान और विजन सुनकर, आपका जोश देखकर मेरा उत्साह बढ़ गया है. 21वीं सदी का भारत जिस एप्रोच के साथ बढ़ रहा है, जो रिफॉर्म कर रहा है. उसका आधार है भारत का सामर्थ्य. हमारा सामर्थ्य दुनिया के किसी भी देश से कम नहीं है. इस सामर्थ्य को आगे बढ़ाने के लिए सरकार हर कदम उठाएगी. हम इसे आगे बढ़ाने के लिए हर तरह के फैसले लेने को तैयार है. स्पेस सेक्टर और स्पेस टेक को लेकर जो रिफॉर्म हो रहे हैं, वो तेजी से होंगे.
स्पेस रिफॉर्म का मतलब प्राइवेट सेक्टर को इनोवेशन की आजादी. सरकार इनेबलर बने. भविष्य के लिए युवाओं को तौयार करना. स्पेस सेक्टर को सामान्य मानविकी विकास के लिए देखना. इन चारों पिलर्स के लिए हम सबकुछ करेंगे. स्पेस सेक्टर में बदलाव लेकर आए. नई सोच लेकर आए. ये समय भारत के लिए लीनियर इनोवेशन के लिए नहीं है. हमें डिफेंस से लेकर स्पेस सेक्टर तक सरकार अपने एक्सपर्ट और फैसिलिटी को साझा कर रही है.
जब हम स्पेस रिफ़ॉर्म्स की बात करते हैं, तो हमारी अप्रोच 4 pillars पर आधारित है।
पहला, प्राइवेट सेक्टर को innovation की आज़ादी
दूसरा, सरकार की enabler के रूप में भूमिका: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) October 11, 2021
हमारा लक्ष्य देश की जनता को फायदा देना है, उसके लिए स्पेस इंडस्ट्री काम करेः मोदी
इसरो के सेंटर्स प्राइवेट सेक्टर्स के लिए खोले जा रहे हैं. हमारे इनोवेटर्स को ज्यादा दिक्कत न हो इसलिए सरकार उनके लिए हर तरह की सुविधा पैदा करेगी. इनस्पेस का मकसद सिंगल विंडो इंडिपेंडेंट एजेंसी के तौर पर काम करेगी. हमारा स्पेस सेक्टर 130 करोड़ भारतीयों के लिए विकास के लिए जरूरी है. हम शिपमेंट से लेकर डिलीवरी तक सबकुछ करने के लिए तैयार हैं. हमारे लिए स्पेस सेक्टर का मतलब लोगों की भलाई है. मौसम और आपदाओं की जानकारी देना है. यही हमारे साझा लक्ष्य होने चाहिए. आज देश का विजन स्पष्ट है. यह विजन है आत्मनिर्भर भारत का.
आत्मनिर्भर भारत अभियान सिर्फ एक विजन नहीं है बल्कि एक well-thought, well-planned, Integrated Economic Strategy भी है।
एक ऐसी strategy जो भारत के उद्यमियों, भारत के युवाओं के Skill की क्षमताओं को बढ़ाकर, भारत को Global manufacturing powerhouse बनाए: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) October 11, 2021
आत्मनिर्भर भारत एक सोची-समझी रणनीति है, जो भारत को वैश्विक स्तर पर सबसे ऊपर रखे. यह भारत को ग्लोबल सेंटर बनाए. देशहित और स्टेकहोल्डर्स को प्राथमिकता दी जाए. बीते वर्षों में नई टेक्नोलॉजी के रिसर्च पर था साथ ही उसे आमलोगों तक पहुंचाने का रहा है. हमने स्पेस टेक्नोलॉजी की मदद से सड़के बनाई हैं. फसलें देखी हैं. बारिश देखी है. नाविक सिस्टम से मछुआरों की मदद की है. आपदा प्रबंधन संभाला है. स्पेस टेक्नोलॉजी की मदद से ही यह सब संभव हुआ है. हमने डेटा की ताकत को हर व्यक्ति तक पहुंचाया है.
पीएम ने कहा- कटिंग एज टेक्नोलॉजी हर व्यक्ति तक पहुंचनी चाहिए
मोदी ने कहा कि हम अगर कटिंग एज टेक्नोलॉजी को एक्सप्लोर कर रहे हैं, तो यह ध्यान रखना है कि यह देश के हर वर्ग हर कोने तक मौजूद हर अंतिम व्यक्ति तक पहुंचना चाहिए. भारत दुनिया के गिने-चुने देशों में से एक है, जो हर तरह के स्पेस प्रोडक्ट में नाम है. स्पेस एक्सप्लोरेशन हो या स्पेस एप्लीकेशन का उपयोग हो हम हर मामले में बेहतर हैं. यह आप सभी के पार्टनरशिप के बगैर नहीं हो सकता. हमें साथ मिलकर चलना होगा. इसलिए सरकार आपके लिए सभी जरूरी कदम उठाएगी.
इसरो, इनस्पेस, एनएसआईएल जैसे प्लेटफॉर्म्स से स्टार्टअप्स को मदद मिल रही है. आगे भी मिलती रहेगी. ड्रोन टेक्नोलॉजी को लेकर भी हम यह काम करेंगे. इस क्षेत्र में महिला भागीदारी भी बढ़ेगी. हम आपके हर सुझावों को शामिल करने की कोशिश करेंगे क्योंकि स्पेस और रिमोट सेंसिंग नीतियां अंतिम चरण में हैं. हम इसमें अगर आपके सुझावों को शामिल करेंगे तो इसका फायदा अगले 25-30 सालों के लिए होगा.