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ये है शार्पशूटर कीड़ा, पेशाब की बूंद को गुलेल की तरह फेंकता है... Video

दुनिया में कई अनोखे जीव हैं. अब इस छोटे से कीट को ही देख लीजिए. इसका पेशाब करने का अंदाज़ एक वैज्ञानिक को इतना पसंद आया कि उन्होंने इसे ही अपने शोध के लिए चुन लिया. ये Sharpshooter insects अपने पिछले हिस्से से पेशाब की एक बूंद निकालते हैं. उसे गुलेल की तरफ फेंकते हैं.

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 सिकाडा के रिश्तेदार हैं ये शार्पशूटर कीट (Photo: Georgia Institute of Technology)
सिकाडा के रिश्तेदार हैं ये शार्पशूटर कीट (Photo: Georgia Institute of Technology)

हाल ही में एक शोध किया गया है जिससे एक ऐसे कीट (Insect) के बारे में पता चलता है जो पेशाब करने के लिए एक खास तरह की तकनीक अपनाता है. इन्हें शार्पशूटर कीट (Sharpshooter insects) के तौर पर जाना जाता है, जो सिकाडा (Cicadas) के रिश्तेदार हैं. ये कीट अपने पिछले हिस्से से पेशाब की एक बूंद निकालते हैं. उसे तेजी से आगे की तरफ फेंक देते हैं, बिल्कुल ऐसे जैसे एक गुलेल काम करती है. ये कीट प्रकृति में 'सुपरप्रोपल्शन' (Superpropulsion) का पहला ज्ञात उदाहरण हैं. 

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वैज्ञानिकों का कहना है कि इस नए खोजे गए प्रभाव से कीटों को अपनी ऊर्जा बचाने में मदद मिलती है और खुद की सफाई बेहतर तरीके से कर पाते हैं. इन कीटों को ग्लासी-विंग्ड शार्पशूटर (Glassy-winged sharpshooters)- (Homalodisca vitripennis) कहा जाता है. ये केवल आधा इंच लंबे होते हैं और पौधों से रस चूसते हैं. नीचे दिए गए वीडियो से समझ सकते हैं कि ये कीट किस तरह पेशाब की बूंदों को फेकते हैं.

 

कीट अपने वजन का 300 गुना पेशाब शरीर से बाहर निकालते हैं

शार्पशूटर का 95% आहार पानी है, इसलिए इसमें पोषक तत्वों की कमी है. पेट भरने के लिए ये कीट लगातार पैधों का रस पीते हैं, जहां से इन्हें पोषण मिलता है. ये रोज़ाना अपने शरीर के वजन का 300 गुना पेशाब अपने शरीर से बाहर निकालते हैं. (तुलना के लिए, मनुष्य रोज़ाना अपने शरीर के वजन के करीब एक/चालीसवें हिस्से के बराबर पेशाब करते हैं.)

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butt flicker
 इस तरह अपनी ऊर्जा बचाते हैं ये कीट (Photo: Georgia Institute of Technology)

अटलांटा में जॉर्जिया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के एक बायोफिजिसिस्ट और शोध के लेखक साद भामला (Saad Bhamla) का कहना है कि जब उन्होंने इन कीड़ों को पेशाब करते देखा, उन्हें ये बहुत पसंद आए. नेचर कम्युनिकेशंस (Nature Communications) जर्नल में प्रकाशित शोध के मुताबिक, वैज्ञानिकों ने शार्पशूटर के पिछले हिस्से की संरचना का पता लगाने के लिए, हाई-स्पीड वीडियो और माइक्रोस्कोपी का इस्तेमाल किया. इसे तकनीकी रूप से एनल स्टाइलस (Anal stylus) या 'बट फ्लिकर' (Butt flicker) नाम दिया गया. 

butt flicker
यह इस कीट का पिछला हिस्सा है जहां से बूंद निकलती है (Photo: Georgia Institute of Technology)

कैसे करता है काम

जब कीट पेशाब करने के लिए तैयार होता है, तो स्टाइलस जगह बनाने के लिए नीचे की ओर झुकता है, ताकि कीट पेशाब की एक बूंद को निकाल सके. जब बूंद एक ऑप्टिमल साइज़ तक पहुंच जाती है, तो स्टाइलस और भी नीचे की ओर झुकता है और फिर, पिनबॉल मशीन के फ़्लिपर्स की तरह बूंद को लॉन्च करता है. यह बूंद 40 g's से ज़्यादा तेज होती है (सबसे तेज़ स्पोर्ट्स कारों की तुलना में 10 गुना ज़्यादा).

शोधकर्ताओं को पता चला कि स्टाइलस 0.23 मीटर प्रति सेकंड की रफ्तार से चलता है. जबकि, बूंदें करीब 40% तेजी से 0.32 मीटर/सेकंड तक उड़ती हैं. खोज से पता चलता है कि सुपरप्रपल्शन (Superpropulsion) नाम का एक प्रभाव, जो पहले सिर्फ आर्टिफिशियल सेटिंग्स में देखा जाता था, वह यहां हो रहा है. वैज्ञानिकों ने पाया कि स्टाइलस बूंदों को संकुचित करता है, लॉन्च से ठीक पहले उनके पृष्ठ तनाव (Surface tension) में ऊर्जा भरता है, ताकि उन्हें तेज़ गति से गुलेल की तरह फेंकने में मदद मिल सके. 

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ये सब सिर्फ ऊर्जा बचाने के लिए

शार्पशूटर ने पेशाब की क्रिया बूंदें छिड़कने के बजाय, बूंदों को फेंककर क्यों की, यह देखने के लिए शोधकर्ताओं ने कीट की शारीरिक संरचना की जांच करने और कीटों का अंदर से माप लेने के लिए माइक्रो-सिटी स्कैन का इस्तेमाल किया. इससे टीम को यह पता चला कि कीट को पेशाब करने के लिए कितने दबाव और ऊर्जा की ज़रूरत होती है. इससे पता चला कि सुपरप्रपल्शन में उन्हें जेट की तुलना में चार से आठ गुना कम ऊर्जा की ज़रूरत पड़ती है. 

 

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