scorecardresearch
 

कछुए, चूहे और कीड़े लेकर अंतरिक्ष में गया Iran का 'Salman', अमेरिका समेत कई देश परेशान

Iran ने 6 दिसंबर 2023 का सलमान रॉकेट लॉन्च किया. इसके कैप्सूल में जानवरों को बिठाकर 130 km ऊपर अंतरिक्ष में भेजा गया है. इस लॉन्चिंग की सफलता से ईरान अपने ह्यूमन स्पेस मिशन में आगे बढ़ सकता है. जबकि, पश्चिमी देशों को लगता है कि इसके जरिए ईरान भविष्य में न्यूक्लियर बैलिस्टिक मिसाइल बना सकता है.

Advertisement
X
ये है ईरान का सलमान रॉकेट. (सभी फोटोः रॉयटर्स)
ये है ईरान का सलमान रॉकेट. (सभी फोटोः रॉयटर्स)

ईरान ने कल यानी 6 दिसंबर को एक रॉकेट में कुछ जानवरों को अंतरिक्ष में भेजा है. ये दावा किया है वहां के संचार मंत्री इसा जारेपोर ने. इसा ने कहा कि हम भविष्य में इंसानों को अंतरिक्ष में भेजने की तैयारी कर रहे हैं. इसलिए हमने एक रॉकेट लॉन्च किया है. इसका नाम सलमान (Salman Rocket) है. यह धरती के ऊपर 130 किलोमीटर की ऑर्बिट तक गया है. 

Advertisement

इसा ने बताया कि रॉकेट के ऊपर 500 किलोग्राम का कैप्सूल था. यह रॉकेट और कैप्सूल ईरान में ही बना है. इसके लिए उसने किसी अन्य देश की मदद नहीं ली है. मंत्री ने यह नहीं बताया कि कैप्सूल में किस तरह के जानवर भेजे गए. लेकिन ऐसी रिपोर्ट्स हैं कि कैप्सूल में कछुए, चूहे और कुछ कीड़े भेजे गए हैं. 

Iran Salman Rocket

कहीं बैलिस्टिक मिसाइल न बना ले ईरान

पश्चिमी देशों को इस बात का डर है कि ईरान इस रॉकेट की मदद से भविष्य में परमाणु बैलिस्टिक मिसाइल भी बना सकता है. अक्सर ईरान यह दावा करता है कि उसने सफलतापूर्वक सैटेलाइट लॉन्च किया है. या स्पेसक्राफ्ट लॉन्च किया है. सितंबर में ईरान ने डेटा कलेक्शन सैटेलाइट अंतरिक्ष में लॉन्च किया है.  

कई बार ईरान को दी गई है चेतावनी

Advertisement

अमेरिका समेत अन्य कई पश्चिमी देशों ने लगातार ईरान को उसके स्पेस मिशनों के लिए चेतावनी दी है. लेकिन ईरान अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है. अप्रैल 2020 में ईरान ने मिलिट्री सैटेलाइट लॉन्च किया था. जिसके बाद अमेरिका ने उसकी काफी ज्यादा आलोचना की थी. लेकिन ईरान हर बार इस बात से मना कर देता है कि वह परमाणु हथियार बना रहा है. लेकिन यह जरूर कहता है कि सैटेलाइट और रॉकेट लॉन्च उसके नागरिकों और रक्षा क्षेत्र की भलाई के लिए है. 

हर लॉन्चिंग सफल भी नहीं होती ईरान की

हर लॉन्चिंग सफल भी नहीं रहती. कई बार ईरान की रॉकेट लॉन्चिंग फेल भी हुई है. ईरान के ऊपर कई अमेरिकी प्रतिबंध लगे हुए हैं. जिनकी शुरूआत 2018 में ईरान के साथ हुई न्यूक्लियर डील के बाद हुई थी. इस डील का नाम था ज्वाइंट कॉम्प्रेहेंसिव प्लान ऑफ एक्शन यानी JCPOA. इसके तहत ईरान परमाणु तकनीकों का इस्तेमाल सिर्फ आम लोगों की भलाई के लिए करेगा. परमाणु हथियार बनाने के लिए नहीं.  

Live TV

Advertisement
Advertisement