Israel ने गाजा पट्टी की इमारतों को हवाई हमले करके गिरा दिया. सिर्फ वही इमारतें जहां पर हमास आतंकियों के छिपे होने की सूचना थी. हर एक बम धमाके के साथ एक इमारत गिर रही थी. इजरायल ने अब तक 1500 हमास आतंकियों को मार डाला है. लेकिन यह सब एक खास तरह के बम की वजह से हो पाया है.
इस बम को बंकर बस्टर (Bunker Buster) यानी बंकर विध्वंसक कहते हैं. गाजा में तीन तरफ से घेरा बंदी है. समुद्र की तरफ भी समुद्री बाड़े बनाए गए हैं. यानी गाजा में आसानी से घुसना मुश्किल है. लेकिन इजरायल के F-15 और F-16 फाइटर जेट्स ने गाजा पर जो बम गिराए वो बेहद खतरनाक और घातक हैं.
इस बम का नाम है GBU-72. यह एक अत्याधुनिक 5000 पाउंड यानी 2268 किलोग्राम वजनी गाइडेड बम है. इसे ए़डवांस्ड 5000 पाउंड वॉरहेड या एडवांस्ड 5000 पाउंड पेनेट्रेटर भी कहते हैं. यह एक बंकर को ध्वस्त करने वाला बम है. असल में यह तहखाना, बंकर या सुरंगों को उड़ाने के लिए ही बनाया गया है. यह बम पहले जमीन में छेद करता है. फिर कुछ फीट अंदर जाकर विस्फोट करता है. अगर यह किसी इमारत पर गिरे तो उसकी नींव हिला देता है.
Earlier today, dozens of IAF fighter jets struck targets in the Rimal area.
Rimal serves as a hub for the Hamas terrorist organization in the Gaza Strip, from which many attacks against Israel were launched. pic.twitter.com/Fil0wQZNS2— Israeli Air Force (@IAFsite) October 9, 2023
हमास आतंकी जमीन में सुरंगें बनाकर छिपते रहे हैं
यह पुख्ता नहीं है कि इजरायल इस बम का उपयोग कर रहा है या इसके पुराने वैरिएंट का लेकिन बंकर उड़ाने वाले बमों का इस्तेमाल हमास के गढ़ों को मिटाने के लिए हो रहा है. क्योंकि हमास जमीन के अंदर सुरंगों का इस्तेमाल आउटपोस्ट, वेपन स्टोरेज और छिपने के लिए करता आया है.
जमीन की गहराई में मौजूद सुरंगों को उड़ाने के लिए ऐसे बमों की जरुरत पड़ती है. पश्चिमी और अरब देशों की मीडिया में यह खबर चल रही है कि इजरायल ने बंकर बस्टर बमों का इस्तेमाल किया है. आइए जानते हैं कि ये बम कितने खतरनाक होते हैं. क्या काम होता है इनका. ये जमीन के अंदर कितनी गहराई तक असर छोड़ते हैं.
क्या होता है बंकर बस्टर बम, कैसे काम करते हैं ये?
बंकर बस्टर बम बेहद ताकतवर और भयावह हथियार होते हैं. ये बम जमीन के अंदर तेजी से जाते हैं. अंदर पहुंचने के बाद विस्फोट करते हैं. यानी ये जमीन में गड्ढे कर देते हैं. फिर कुछ फीट अंदर जाकर विस्फोट करते हैं. ये कॉन्क्रीट से बनी नींव, बंकर या सुरंगों को उड़ा सकते हैं. इस तरह के बमों का इस्तेमाल सैकड़ों वर्षों से होता आ रहा है. सबसे ज्यादा इस्तेमाल वियतनाम युद्ध के समय हुआ था.
इन बमों की नाक खास तरह से बनाई जाती है, ताकि ये अपने वजन और ग्रैविटी का फायदा लेकर तेज स्पीड से जमीन के अंदर चले जाएं. इसके बाद ये फटते हैं. दूसरा वर्जन भी है. इसमें दो चार्ज होते हैं. पहला छोटा होता है जो टारगेट पर छेद करता है. दूसरा बड़ा हिस्सा अंदर जाकर भयानक विस्फोट कर देता है. वहां जो कुछ है उसे खत्म कर देता है.
इजरायल को कहां से मिले इस तरह के घातक बम?
इजरायल ईरान में बनी आतंकी सुरंगों को खत्म करना चाहती है. इसलिए वह अमेरिका में बनने वाले जीबीयू-72 बमों की मांग कर रहा है. पहली बार उसने साल 2021 में अमेरिका से GBU-72 बम के सबसे आधुनिक वर्जन को देने की अपील की थी. यह बम इस समय दुनिया का सबसे आधुनिक बंकर बस्टर है.
GBU-72 Bunker Buster Bomb साधारण जमीन में 100 फीट और कॉन्क्रीट की फर्श पर 20 फीट तक गहरा गड्ढा कर सकता है. यह टक्कर के बाद छेद करता है. गहराई में जाने के बाद विस्फोट करता है. इसके बाद इससे इतनी तेज सॉकवेव निकलती है, कि इसके रास्ते में आने वाली कोई भी वस्तु वो शॉकवेव नहीं बर्दाश्त कर पातीं. इसलिए टारगेट के आसपास की इमारतें भी गिर जाती हैं या फिर क्षतिग्रस्त हो जाती हैं.
सुरंग, बंकर, इमारत, टावर कुछ भी नहीं बचता इससे
ऐसा माना रहा है कि अमेरिका ने इजरायल को ये बम दे दिए हैं. क्योंकि 2014 में हुए गाजा युद्ध के दौरान इजरायली सैनिक सुरंगों में फंस गए थे. हमास आतंकियों ने उन्हें बेरहमी से मारा था. इसलिए इजरायल ने इन बमों का इस्तेमाल शुरू किया है, ताकि वो दूर से ही आतंकियों का सफाया कर सकें और उनके जवानों की जान न जाए.
इस तरह के बंकर उड़ाने वाले या जमीन में छेद करने वाले हथियार सिर्फ सुरंगों और बंकरों के लिए कारगर नहीं होते. बल्कि इस तरह के बमों से ऊंची इमारतों पर हमला करके उन्हें सेकेंडों में धराशायी किया जा सकता है. टावरों को उड़ाया जा सकता है. या फिर तहखाने में बनी फैक्टरियों को बर्बाद किया जा सकता है.