Israel ने साफ तौर पर फिलिस्तीनी लोगों को दक्षिणी सीमा पर जाने को कहा है. क्योंकि किसी भी समय जमीनी लड़ाई (Ground Battle) की शुरूआत हो जाएगी. इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने भी हमास को 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया था कि वो गाजा छोड़ दे. नहीं तो उसे पूरी तरह से खत्म कर दिया जाएगा.
अब ये जानते हैं कि ग्राउंड बैटल में हमास और इजरायल की क्या तैयारी है. दोनों के पास हथियार कौन से हैं... फौज कितनी है. इनकी ताकत कितनी है.
हमास की कॉर्नेट एंटी-टैंक मिसाइल
ये मैन पोर्टेबल हैं. यानी कंधे से दागी दा सकती हैं. इन्हें 250 लॉन्चर्स के साथ रूस से खरीदा गया था. 1998 से अब तक कई देशों की सेनाओं में तैनात. एक दर्जन युद्धों में हो चुका है उपयोग. अब तक 35 हजार यूनिट्स बनाई गई हैं. एक मिसाइल का वजन 27 से 64 kg तक होता है. लंबाई 1200 मिलिमीटर होती है. इसमें 4.6 kg का हीट वॉरहेड लगाया जाता है. कॉर्नेट की रेंज 100 मीटर से 5.5 km और कॉर्नेट-ईएम की रेंज 8 से 10 km है.
इजरायल का मेरकावा टैंक
इजरायल का मुख्य युद्धक टैंक. इसके चार वैरिएंट्स इजरायल के पास मौजूद हैं. 65 टन का यह टैंक 4 क्रू मेंबर और 6 सैनिकों के साथ युद्ध मैदान में उतरता है. इसके बाहर जो कवच लगा है, उसके बारे में इजरायल ने कभी किसी को नहीं बताया. इसमें 120 मिलिमीट की स्मूथबोर गन लगी होती है. साथ ही यह एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल Lahat लॉन्च कर सकता है. इसके अलावा इसमें एक 12.7 मिलिमीटर की मशीन गन, तीन 7.62 मिलिमीटर की मशीन गन, 1 मोर्टार लॉन्चर, 1 इंटरनल मोर्टार लॉन्चर और 12 स्मोक ग्रैनेड लॉन्चर लगा होता है. इसमें 48 गोले रहते हैं. इसकी रेंज 500 km है.
हमास की कॉन्कर्स एंटी-टैंक मिसाइल
रूस की बनाई ये एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल कंधे या बीएमपी-2 इंफैन्ट्री वाहनों पर तैनात किया जा सकता है. या फिर ट्राईपॉड लगाकर दागा जा सकता है. इसे 1970 में डिजाइन किया गया था. इसकी मिसाइल का वजन 14.6 kg है. लॉन्चिंग पोस्ट का वजन 22.5 kg है. मिसाइल की लंबाई 45 इंच है. इसमें 2.7 kg हीट वॉरहेड लगाया जाता है. इसकी ऑपरेशनल रेंज 70 मीटर से लेकर 4 किलोमीटर तक है. यह 208 मीटर प्रति सेकेंड की गति से चलती है. इसे दुनिया के 2 दर्जन से ज्यादा देश इस्तेमाल करते हैं.
इजरायल का ईडन आर्मर्ड व्हीकल
इजरायल का यह बख्तरबंद वाहन किसी भी युद्ध में सबसे कारगर साबित हो सकता है. यह 30 से 35 टन वजनी होता है. इसमें 3 (कमांडर, ड्राइवर, आरसीडब्लूएस ऑपरेटर) के अलावा 9 सैनिक बैठ सकते हैं. यह 90 किलोमीटर प्रतिघंटा की अधिकतम गति से चलता है. इसमें कुल 16 पहिए होते हैं. हर तरफ 8. इसमें 30-40 मिलिमीटर गी गन लगा सकते हैं. 2 स्पाइक मिसाइल लगा सकते हैं. इसका कवच स्टेनैग 4569 लेवल 4 है. यानी छोटी-मोटी बंदूकों की गोलियां असर नहीं करती. यह पंक्चर टायरों पर भी कई किलोमीटर भाग सकती है. यह बारूदी सुरंगों का विस्फोट भी बर्दाश्त कर सकता है.
हमास का बुल्से-2 एंटी-टैंक मिसाइल
हमास के पास 9K111 फैगोट नाम का एंटी-टैंक मिसाइल है. यह सेमी-ऑटोमैटिक कमांड टू लाइन ऑफ साइट (SACLOS) वायर गाइडेड एंटी-टैंक मिसाइल है. इसकी मिसाइल का वजन 12.5 kg होता है. लॉन्चर का 22.5 किलोग्राम. लंबाई 3.7 फीट और व्यास 4.7 इंच. इसकी मिसाइल 290 किलोमीटर प्रतिघंटा की गति से जाती है. रेंज 70 से 2500 मीटर है. इसमें 1.7 किलोग्राम का हाई-एक्सप्लोसिव एंटी टैंक वॉरहेड लगता है.
इजरायल का नामेर आर्मर्ड व्हीकल
यहूदी भाषा में नामेर का मतलब होता है लेपर्ड. यह बख्तरबंद पर्सनल कैरियर है. यह 63.5 टन वजनी है. इसमें 3 (कमांडर, ड्राइवर, आरसीडब्लूएस ऑपरेटर) के अलावा 9 सैनिक बैठ सकते हैं. इसमें 12.7 मिलिमीटर की एम2 मशीन गन या एमके19 ग्रैनेड लॉन्चर होता है. इसके अलावा एक एफएन मैग मशीन गन, एक मोर्टार लॉन्चर. 12 स्मोक ग्रैनेड्स होते हैं. इसकी रेंज 500 किलोमीटर है. 85.2 किलोमीटर प्रतिघंटा की गति से चलता है.
हमास के आतंकी
ऐसा माना जाता है कि हमास के पास अब भी कम से कम दस हजार आतंकी हैं. ये ज्यादा भी हो सकते हैं. ये गोरिल्ला युद्ध करने के लिए जाने जाते हैं. इनका मुख्य अड्डा गाजा शहर और गाजा पट्टी ही है. यहीं से ये लोग इजरायली लोगों पर हमला करते रहते हैं. इस बार दो साल बाद बेहतरीन प्लानिंग के साथ इजरायल पर हमला किया. जिसने इजरायल की हालत खराब कर दी.
इजरायल की इंफैन्ट्री
इजरायली सेना के मुख्य सैनिक जो युद्ध में सबसे आगे चलते हैं. इसमें पैराट्रूपर्स, कमांडो भी होते हैं. इन्हें कठिन परिस्थितियों में लड़ाई की प्रैक्टिस होती है. साथ ही इनके पास अत्याधुनिक बंदूकें होती हैं. जैसे- टैवोर, माइक्रो-टैवोर, एम4 कार्बाइन, हैंड ग्रैनेड्स, नेगेव, मशीन गन्स. स्नाइप गन्स होती है इसके अलावा इनके पास मिसाइलें और रॉकेट्स भी होते हैं. जिन्हें कंधे, ट्राइपॉड या छोटे-मोटी गाड़ियों पर रखकर चला सकते हैं.
हमास के ग्रैनेड ड्रोन्स
हमास ने इस बार ड्रोन्स के जरिए इजरायल पर ग्रैनेड गिराए. कुछ ड्रोन्स तो आत्मघाती ही थे. ये बेहद सस्ते और खतरनाक थे. जिनकी वजह से दर्जनों लोग जख्मी हुए. कई मारे गए. ये दिखने में इजरायल के स्काइलार्क ड्रोन जैसे थे, लेकिन इन्हें हमास ने बदल दिया था. इनके जरिए किए गए हमले से इजरायल ही नहीं पूरी दुनिया सरप्राइज थी.
इजरायली स्पेशल फोर्स
इजरायली डिफेंस फोर्सेस में कई तरह की स्पेशल यूनिट्स हैं. जैसे- कमांडो यूनिट 101, साएरेट, 13 फ्लोटिला, यूनिट 5101, ओजेड ब्रिगेड, गोलानी, जिवाती, नाहल, कफिर, पैराट्रूपर्स आदि. ये बेहद प्रशिक्षित, तेज, घातक और खतरनाक होते हैं. इनके सामने किसी भी तरह का सैनिक या हथियार टिक नहीं पाता. इनके हमले से कोई बच नहीं सकता.
हमास का इगला एयर डिफेंस सिस्टम
यह रूस में बनी कंधे से दागी जाने वाली सरफेस टू एयर मिसाइल है. इसकी मिसाइल का वजन 10.8 किलो और पूरे सिस्टम का वजन 17.9 किलोग्राम होता है. 5.16 फीट लंबे इस हथियार में 1.17 किलो का वॉरहेड लगता है. इसकी रेंज 5 से 6 किलोमीटर होती है. अधिकतम 11 हजार फीट तक जा सकती है. 570 मीटर प्रति सेकेंड की गति से चलती है.
इजरायल के ड्रोन्स
हेरोन ड्रोन मार्क-2 सैटेलाइट से नियंत्रित होने वाला ड्रोन है जो 250 किलोग्राम हथियार लेकर उड़ सकता है. हेरोन ड्रोन्स को लेज़र गाइडेड बम, हवा से जमीन, हवा से हवा और हवा से एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइलों से लैस किया जाना है. हेरोन ड्रोन एक बार हवा में उठा तो 36 घंटे तक उड़ान भरने में सक्षम है और यह जमीन से 35 हजार फीट यानी साढ़े दस km की ऊंचाई पर बेहद शांति से उड़ता रहता है.