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Wagner Group to Support Hezbollah: रूस का वैगनर ग्रुप हिज्बुल्ला को दे रहा है घातक मिसाइल सिस्टम, बेकार हो जाएंगे Israel के फाइटर जेट्स...

Israel की मुसीबतें अब रूस की प्राइवेट आर्मी बढ़ा रही है. वह हिज्बुल्ला आतंकियों को एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम दे रही है. यानी इजरायल के रॉकेट, फाइटर जेट अगर हिज्बुल्ला आतंकियों पर हमला करने जाए, तो इस डिफेंस सिस्टम की मिसाइलें उस पर जवाबी हमला कर दें. आइए जानते हैं इस नए एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम की ताकत को...

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वैगनर ग्रुप हिज्बुल्ला को दे रहा है SA-22 एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम.
वैगनर ग्रुप हिज्बुल्ला को दे रहा है SA-22 एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम.

रूस (Russia) की प्राइवेट आर्मी वैगनर ग्रुप (Wagner Group) इस समय हिज्बुल्ला (Hezbollah) आतंकी संगठन को अपने SA-22 एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम से लैस कर रही है. हिज्बुल्ला इसका इस्तेमाल इजरायली हवाई हमलों को रोकने के लिए कर सकता है. हालांकि अभी तक इस मिसाइल सिस्टम की डिलवरी नहीं हुई है. 

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आशंका यह भी जताई जा रही है कि अगर हिज्बुल्ला के पास अगर यह मिसाइल सिस्टम आ गया तो वह उसे गाजा में मौजूद हमास आतंकियों को भी दे सकता है. इतना ही नहीं, अगर हिज्बुल्ला इस मिसाइल सिस्टम को एक्टीवेट करता है, तो वह इजरायली F-16 और F-35 फाइटर जेट्स को मारकर गिरा सकता है. 

SA-22 Air Defence Missile System

यह मिसाइल डिफेंस सिस्टम इजरायली बैलिस्टिक मिसाइलों और हाइपरसोनिक मिसाइलों को भी मार कर गिरा सकता है. रूस ने दावा किया था कि SA-22 एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम अमेरिका के पैट्रियट मिसाइल सिस्टम के बराबर है. इतना ही नहीं रूस में ही मौजूद अन्य एयर डिफेंस सिस्टम की तुलना में कई गुना ज्यादा बेहतर है. 

पंतशिर के नाम से भी जानते हैं इसे

SA-22 एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम को असल में पंतशिर (Pantsir) के नाम से जाना जाता है. SA-22 Greyhound उसका नाटो रिपोर्टिंग नाम है. यह एक सेल्फ प्रोपेल्ड, मीडियम रेंज सतह से हवा में मार करने वाला मिसाइल सिस्टम है. साथ ही इसका इस्तेमाल एंटी-एयरक्राफ्ट आर्टिलरी सिस्टम के तौर पर भी किया जाता है. 

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SA-22 Air Defence Missile System

साल 2012 से अब तक रूस इसका इस्तेमाल करता आ रहा है. सीरिया, यूक्रेन, लीबिया की जंगों में इस्तेमाल हो चुकी है. अब तक 200 से ज्यादा मिसाइल सिस्टम बनाए जा चुके हैं. इसे तीन लोग मिलकर चला सकते हैं. इसमें पांच तरह की मिसाइलों का इस्तेमाल किया जा सकता है. ज्यादातर रूस में ही विकसित हैं. 

छह वैरिएंट्स, 15 से 75 km तक रेंज

ये 4-6 सेकेंड में ही दुश्मन टारगेट को पहचान कर उसकी तरफ मिसाइल दाग देता है. इसके कुल मिलाकर छह वैरिएंट्स हैं. जिनका इस्तेमाल रेंज और स्पीड के मुताबिक किया जाता है. इसकी रेंज 15 से लेकर 75 किलोमीटर तक होती है. यह माइनस 50 डिग्री सेल्सियस तापमान में भी काम कर सकता है. 

SA-22 Air Defence Missile System

इसमें मौजूद मिसाइल का वजन 76 से 94 किलोग्राम तक होता है. लंबाई 10.37 फीट होती है. इसमें वॉरहेड के तौर पर मल्टिपल कॉन्टीन्यूअस रॉड लगाए जाते हैं. यानी टक्कर के साथ ही विस्फोट करके फटते रहते हैं. इन हथियारों का वजन 20 किलोग्राम होता है. जिसमें 5 किलोग्राम विस्फोटक भी शामिल है. 

गति ही सबसे ज्यादा खतरनाक 

यह मिसाइल अधिकतम 15 किलोमीटर की ऊंचाई तक जा सकती है. इसकी गति 4692 किलोमीटर प्रतिघंटा है. जो इसे काफी ज्यादा घातक बनाती है. मिसाइल सिस्टम की एक यूनिट पर 30 मिलिमीटर की ऑटोकैनन लगी होती है. आमतौर पर ड्यूल 2A38M कैनन का इस्तेमाल होता है. यह कैनन एक मिनट में 700 राउंड फायर करता है. इसकी रेंज 4 किलोमीटर तक है. 

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