scorecardresearch
 

Israel Hamas War: AI टारगेट बैंक बनाकर हमास की सुरंगों को कब्रिस्तान बना दिया इजरायल ने... यूं बदली जंग की चाल

गाजा पट्टी में हजारों सुरंगों का जाल था. हमास आतंकी इनका इस्तेमाल करते थे. कर भी रहे हैं. इजरायल ने इनकी खोज के लिए AI का सहारा लिया. जिसकी वजह से अब तक 11 हजार से ज्यादा टारगेट्स को बर्बाद किया गया है. गाजा में हमले के पहले दिन ही 150 सुरंगों को बर्बाद किया गया था. जानिए कैसे हो रहा AI का इस्तेमाल...

Advertisement
X
इजरायल ने AI टारगेट बैंक बनाया. फिर रीयल टाइम डेटा के आधार पर चुन-चुनकर हमास आतंकियों को निशाना बनाया.
इजरायल ने AI टारगेट बैंक बनाया. फिर रीयल टाइम डेटा के आधार पर चुन-चुनकर हमास आतंकियों को निशाना बनाया.

7 अक्टूबर 2023 को हमास के खिलाफ इजरायल ने जंग की शुरूआत की. तब से लेकर अब तक हमास आतंकियों के 11 हजार से ज्यादा टारगेट्स तबाह किए गए. इजरायल ने ये काम किया कैसे? इजरायली खुफिया और सुरक्षा एजेंसियों के पास इंटेलिजेंस बैंक है. जहां संभावित आतंकी टारगेट की डिटेल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) जमा करता रहता है. 

Advertisement

ये AI आधारित टारगेट बैंक अत्यधिक आधुनिक है. इसकी बदौलत ही इजरायली सेना ने पहले ही दिन हमास आतंकियों के 150 सुरंगों को नष्ट किया था. पिछले एक महीने के युद्ध में इजरायल ने 90 फीसदी टारगेट्स को AI और खुफिया जानकारियों के आधार पर ही नष्ट किया है. ये जानकारियां रियल टाइम जेनरेट होती हैं, तुरंत वहां पर एक्शन हो जाता है. 

AI Target Bank Israel Getty

इजरायली डिफेंस फोर्सेस (IDF) की खुफिया टेक्नोलॉजी, तंत्र और टीम बेहतरीन है. इजरायल ने 2019 से लेकर अब तक AI टारगेट बैंक बनाने में बहुत तेजी से काम किया था. गाजा पट्टी पर जमीनी जंग शुरू करने से पहले AI टारगेट बैंक ने इजरायली सैनिकों की काफी मदद की है. शहरी इलाकों में आतंकियों को खत्म करने में मदद मिली. 

जमीनी हमले से पहले एयर स्ट्राइक में भी की थी मदद

Advertisement

AI टारगेट बैंक ने गाजा पर जमीनी हमले से पहले हवाई हमले यानी एयर स्ट्राइक में भी मदद की थी. फाइटर पायलट्स को सही लोकेशन बताने में मदद कर रही थी. इजरायली इंटेलिजेंस AI यूनिट लगातार हमास आतंकियों की सुरंगों, इमारतों, ठिकानों, हथियार डिपो की जानकारी इजरायली सैनिकों और फाइटर पायलट्स को दे रहे हैं. अब तो रीयल टाइम लेवल पर काम करने लगी है. यानी जैसे ही टारगेट की पुष्टि हुई, लोकेशन शेयर हो जाती है. 

AI Target Bank Israel AFP

लोकेशन शेयर होते ही फाइटर पायलट या फिर ग्राउंट अटैक टीम हमला कर देते हैं. अब सुरंगों को खत्म करने के लिए इजरायल को मई 2021 की तरह संघर्ष नहीं करना पड़ता. साल 2021 की जंग के दौरान हमास आतंकियों ने गाजा पट्टी इजरायल को काफी परेशान किया था. जिसकी वजह से इजरायली सेना को काफी नुकसान झेलना पड़ा था. 

सुरंगों की लोकेशन पता करने लिए बदली गई जंग की चाल

इजरायल ने साल 2021 के बाद जंग लड़ने की चाल बदल दी. नई टैक्टिक्स का इस्तेमाल शुरू किया. उसे तेजी से विकसित किया. ये था AI टारगेट बैंक. इसके लिए AI इंटेलिजेंस यूनिट भी बनाई गई. इसके बाद यहां से मिलने वाली जानकारी को मिलिट्री की एलीट यूनिट्स को भेजा जाता है. फिर वो उस हिसाब से हमास आतंकियों पर हमला करते हैं. जैसे मौत आतंकियों का इंतजार कर रही हो. 

Advertisement

AI Target Bank Israel AFP

AI टारगेट बैंक में बेहद पुराने टारगेट्स नहीं है. नए टारगेट्स मिलते जाते हैं, जुड़ते जाते हैं. रीयल टाइम डेटा अपडेट होता है. जैसे-जैसे हमलों में ये टारगेट खत्म होते हैं. उन्हें बैंक में अलग फाइल में डाल दिया जाता है. रीयल टाइम डेटा मिलने के साथ-साथ डबल चेक भी हो जाता है. ग्राउंड टीम या एरियल सर्विलांस के जरिए ये काम पूरा कर लिया जाता है. इसके बाद ही टारगेट पर हमला किया जाता है. 

लगातार बढ़ती जा रही है AI टारगेट बैंक की ताकत 

2019 से पहले यह यूनिट 10 दिन में 10 टारगेट ही खोज पाती थी. लेकिन अब हर दस दिन में 100 टारगेट खोजती है. उसकी पुष्टि करती है. फिर हमला करने के लिए सेना को डिटेल भेजती है. जैसे-जैसे हमास आतंकियों ने अपने अड्डे बढ़ाए, वैसे-वैसे टारगेट बैंक में डेटा बढ़ता चला गया. 

Live TV

Advertisement
Advertisement