scorecardresearch
 

Chandrayaan-3 मिशन के बीच इसरो ने कर डाला बड़ा टेस्ट, यही इंजन स्पेस में घूमाएंगे भारतीय एस्ट्रोनॉट्स को

ISRO ने चंद्रयान-3 मिशन के बीच एक बड़ा टेस्ट कर डाला. इसरो वैज्ञानिकों ने गगनयान के प्रोपल्शन सिस्टम का सफल हॉट टेस्ट किया है. यानी उसके प्रोपल्शन सिस्टम को कुछ देर चला कर देखा गया कि वह सही से काम कर रहा है या नहीं. इससे कितनी ऊर्जा मिल रही है. यह कितना सुरक्षित है.

Advertisement
X
महेंद्रगिरी स्थित इसरो सेंटर में गगनयान सर्विस मॉड्यूल प्रोपल्शन सिस्टम का हॉट टेस्ट हुआ. (फोटोः ISRO)
महेंद्रगिरी स्थित इसरो सेंटर में गगनयान सर्विस मॉड्यूल प्रोपल्शन सिस्टम का हॉट टेस्ट हुआ. (फोटोः ISRO)

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने तमिलनाडु के महेंद्रगिरी स्थित आईपीआरसी में गगनयान के सर्विस मॉड्यूल प्रोपल्शन सिस्टम का हॉट टेस्ट किया. हॉट टेस्ट मतलब उसके इंजनों को कुछ देर तक चलाकर देखा गया. उससे कितनी ऊर्जा मिल रही है, यहां जांचा गया. प्रोपल्शन में किसी तरह की बाधा तो नहीं आ रही है. सारे इंजन एक साथ काम कर रहे हैं या नहीं. 

Advertisement

एक मिनट 29 सेकेंड चले इस टेस्ट में गगनयान के सर्विस मॉड्यलू प्रोपल्शन सिस्टम (SMPS) ने बेहतरीन परफॉर्मेंस दिखाई. इस टेस्ट के दौरान पांच लिक्विड एपोजी मोटर (LAM) इंजनों की जांच की गई. ये 440 न्यूटन थ्रस्ट पैदा करते हैं. इसके अलावा 16 रिएक्शन कंट्रोल सिस्टम (RCS) थ्रस्टर्स की जांच की गई. ये 100 न्यूटन थ्रस्ट पैदा करते हैं. 

गगनयान का सर्विस मॉड्यूल दो तरह के ईंधनों पर चलने वाला सिस्टम है. यह ऐसा सिस्टम है जो ऑर्बिटल मॉड्यूल यानी गगनयान के कैप्सूल को ऑर्बिट में ले जाने में मदद करेगा. धरती के चारों तरफ चक्कर लगाने में मदद करेगा. ऑर्बिट में चक्कर लगाते समय नियंत्रण करने में मदद करेगा. साथ ही डीबूस्टिंग यानी गति कम करेगा. अगर किसी तरह की समस्या आती है तो मिशन को अबॉर्ट किया जा सके. 

Advertisement

440 न्यूटन की ताकत के जरिए ही प्रोपल्शन सिस्टम गगनयान कैप्सूल को ऊपर की तरफ ले जाएगा. जबकि RCS कैप्सूल को सही दिशा में ऊंचाई हासिल करने में मदद करेंगे. इस दौरान सर्विस मॉड्यूल प्रोपल्शन सिस्टम टैंक फीड सिस्टम, हीलियम प्रेशराइजेशन सिस्टम, फ्लाइट क्वालिफाइड थ्रस्टर्स और कंट्रोल कंपोनेंट्स की जांच की गई. ये टेस्ट दो अलग-अलग चरणों में किए गए. पहला चरण 250 सेकेंड का था. दूसरा 2750 सेकेंड्स का था. 

इसरो के लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम्स सेंटर (LPSC) ने गगनयान के सर्विस मॉड्यूल प्रोपल्शन सिस्टम की डिजाइनिंग और डेवलपमेंट किया है. इस टेस्ट के बाद अब गगनयान के पूरे इंटीग्रेटेड मॉड्यूल का टेस्ट होगा. गगनयान के पांच टेस्ट और होने हैं. सामान्य और आसामान्य स्थितियों में. उनमें सफलता मिलने के बाद ही मिशन को आगे बढ़ाया जाएगा.  

चंद्रयान-3  को चांद पर जाने में इतना समय क्यों लगता है?

Advertisement
Advertisement